Lokmat National Conclave: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- प्रियंका गांधी ने पेंटिग और पद्म बेचकर करोड़ों रुपये कमाए
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 14, 2023 02:50 PM2023-03-14T14:50:13+5:302023-04-28T15:52:37+5:30
अनुराग ठाकुर ने कहा कि आपातकाल में कई पत्रकार और नेता को जेल में डाल दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने बीबीसी मुद्दे पर अपनी बात रखी। कांग्रेस ने भष्टाचार की नींव रखी। कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने पद्म भी बेच दिया। कांग्रेस भष्टाचार की परकष्ठा कर दी।
Lokmat National Conclave: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव में कहा कि कश्मीर में तिरंगा फहराया जा रहा है। यह नया इंडिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेश में जाकर देश के खिलाफ बात की। गांधी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक को दबाया जा रहा है।
ठाकुर ने कहा कि देश में 1984 में क्या हुआ था। कांग्रेस के नेता देश भर में दंगा करा रहे थे। कई हजार सिख को मार दिया गया। कांग्रेस के सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने सपोर्ट किया। राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि देश में हर कोई सुरक्षित है। देश की बात देश में करें, विदेश में देश की चर्चा न करें।
ठाकुर ने कहा कि आपातकाल में कई पत्रकार और नेता को जेल में डाल दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने बीबीसी मुद्दे पर अपनी बात रखी। कांग्रेस ने भष्टाचार की नींव रखी। कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने पद्म भी बेच दिया। कांग्रेस भष्टाचार की परकष्ठा कर दी। प्रियंका ने पेंटिंग बेचकर करोड़ों की कमाई की।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की एक रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एक भारतीय 'बैंकर' ने कांग्रेस के एक सदस्य के 'करीबी रिश्तेदार' से राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए रिश्वत के रूप में अधिक मूल्य देकर कलाकृति खरीदी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने एक बयान में कहा, "'कांग्रेस के भ्रष्टाचार का नया मॉडल' सामने आया है। अब एफएटीएफ ने एक मामले का शोध (केस स्टडी) पेश किया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे संप्रग सरकार में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक व्यक्ति पर प्रियंका गांधी वाड्रा की औसत पेंटिंग को दो करोड़ रुपये में खरीदने के लिए दबाव डाला।"
वह एफएटीएफ की "कला और पुरावशेष बाजार में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण" नामक रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे, जिसमें एक अग्रणी भारतीय बैंकर के एक मामले को दिखाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकर ने स्वार्थ के लिए आम कलाकृति महंगे दाम में खरीदी थी। रिपोर्ट में हालांकि बैंकर या नेता का नाम नहीं दिया गया है।