लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बाल पोर्नोग्राफी पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए सहमति बनाने पर जोर दिया

By भाषा | Published: January 10, 2020 07:23 PM2020-01-10T19:23:43+5:302020-01-10T19:23:43+5:30

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इसीलिए आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा इसके दुरूपयोग को रोकने के लिए विश्वसनीय साइबर सुरक्षा विनियमन की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है।

Lok Sabha Speaker Om Birla insists on agreeing for a global ban on child pornography | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बाल पोर्नोग्राफी पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए सहमति बनाने पर जोर दिया

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बाल पोर्नोग्राफी पर वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाने के लिए सहमति बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत में बच्चों के यौन उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए विद्यमान कानूनों में कई परिवर्तन किए जा रहे हैं ताकि ऐसे कृत्यों के अपराधियों को कड़ा दंड मिल सके। बिरला ने कहा कि बाल पोर्नोग्राफी को भी दंडनीय बनाया गया है। 

राष्ट्रमंडल देशों की संसदों के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 25वें सम्मेलन (सीएसपीओसी) के दौरान ओटावा में 'संसदीय और अन्य संदर्भों में व्यक्तियों की सुरक्षा' विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सोशल मीडिया समाज के लिए साइबर बुलिंग, हैकिंग, एडिक्शन, धोखाधड़ी, सुरक्षा संबंधी मुद्दे और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे कुछ गंभीर चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। 

उन्होंने कहा कि इन नयी सूचना प्रौद्योगिकी में असामाजिक तत्वों द्वारा हैकिंग का खतरा बड़ी चुनौती है । अपनी पहचान छिपा सकने में सफल हो जाना और प्रादेशिक सीमाओं का न होना साइबर सुरक्षा के मामले में चिंता के विषय बन गए हैं क्योंकि आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा इसका इस्तेमाल आंकड़ों की चोरी करने, पहचान की चोरी करने और दुर्भावनापूर्ण सॉफटवेयर बनाने के लिए किया जा रहा है।

लोकसभा सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार, बिरला ने कहा कि इसीलिए आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा इसके दुरूपयोग को रोकने के लिए विश्वसनीय साइबर सुरक्षा विनियमन की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है । बिरला ने इस बात पर बल दिया कि यह बहुत जरूरी है कि संबंधित देशों के कानूनों का पालन करने के लिए सोशल मीडिया एजेंसियों को अधिक जवाबदेह तथा उत्तरदायी बनाया जाए। 

उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत में हमारी अपनी सुसंगत साइबर सुरक्षा नीति है जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के अनुरूप है। इस क्षेत्र में बढ़ती हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए देश नई प्रौद्योगिकियाँ और निजता संबंधी नीतियाँ तैयार कर रहा है। 
उन्होंने कहा कि इंटरनेट का विकास निस्संदेह संसदों के लिए एक वरदान रहा है क्योंकि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने उन्हें अधिक जटिल कार्य करने तथा उन्हें निरंतर आधुनिक बनाने में समर्थ बनाया है जिनके फलस्वरूप सदस्य विधायी कार्य पर लगातार नज़र रखने में सफल हो पा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि भारतीय संसद की सक्रिय वेबसाइट हैं जिन पर विधायी कार्रवाई, प्रश्नों और वाद-विवाद, विधेयकों, सदस्यों, संसदीय समिति के प्रतिवेदनों आदि के बारे में व्यापक जानकारी उपलब्ध है। बिरला ने कहा कि ई-संसद और ई-विधान के विकास से सदस्यों की कार्यकुशलता और बढ़ गई है और जन प्रतिनिधियों के रूप में उनके दायित्वों के निर्वहन का तौर-तरीका ही बदल गया है। 

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के विस्तार ने क्षेत्रीय सीमाओं की बाधाओं को समाप्त कर दिया है और दुनिया भर में संसदों और लोगों को एक साथ जोड़ा है। सोशल नेटवर्किंग से सुशासन को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार को उजागर करने और सरकारों द्वारा सत्ता के दुरूपयोग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 

बिरला ने यह भी कहा कि डिजिटल साधनों ने न केवल संसदीय क्रियाकलापों और दस्तावेजों तक आम जनता की पहुंच को बढ़ाया है बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही में भी वृद्धि की है जिससे सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जन सेवाओं तक बेहतर पहुंच भी सुनिश्चित हुई है।

Web Title: Lok Sabha Speaker Om Birla insists on agreeing for a global ban on child pornography

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