संसद की कार्यवाही को ‘पेपरलेस’ बनाने की दिशा में पहल की जाएगी, जिससे करोड़ों की बचत होगीः बिरला

By भाषा | Published: August 10, 2019 03:57 PM2019-08-10T15:57:19+5:302019-08-10T15:57:19+5:30

सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र के समापण के बाद बिरला ने कहा, ‘‘ इस सत्र में देश की जनता ने देखा कि किस प्रकार से सदन की कार्यवाही बिना व्यवधान के चली। सभी पक्षों ने अपने विचार रखे, चर्चा में हिस्सा लिया, जनता के विषयों को उठाया, विधेयक पर चर्चा की, गैर सरकारी कार्यों में भी हिस्सा लिया।’’

Lok Sabha should become paperless, says Speaker Om Birla | संसद की कार्यवाही को ‘पेपरलेस’ बनाने की दिशा में पहल की जाएगी, जिससे करोड़ों की बचत होगीः बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 1952 से लेकर अब तक यह सत्र कामकाज की दृष्टि से अभूतपूर्व रहा।

Highlightsलोकसभा अध्यक्ष ने सत्र के कामकाज को अभूतपूर्व बताया, पेपरलेस कार्यवाही की पहल पर दिया जोर।जनता में जन प्रतिनिधियों के प्रति सकारात्मक धारणा बनी। इसमें सभी दलों का सहयोग प्राप्त हुआ।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसी सप्ताह सम्पन्न सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र को कामकाज की दृष्टि से ‘‘अभूतपूर्व’’ बताया और कहा कि अगले सत्र से संसद की कार्यवाही को ‘पेपरलेस’ बनाने की दिशा में पहल की जाएगी, जिससे करोड़ों रुपये की बचत होगी।

सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र के समापण के बाद बिरला ने कहा, ‘‘ इस सत्र में देश की जनता ने देखा कि किस प्रकार से सदन की कार्यवाही बिना व्यवधान के चली। सभी पक्षों ने अपने विचार रखे, चर्चा में हिस्सा लिया, जनता के विषयों को उठाया, विधेयक पर चर्चा की, गैर सरकारी कार्यों में भी हिस्सा लिया।’’

उन्होंने कहा कि इस प्रकार से जनता में जन प्रतिनिधियों के प्रति सकारात्मक धारणा बनी। इसमें सभी दलों का सहयोग प्राप्त हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 1952 से लेकर अब तक यह सत्र कामकाज की दृष्टि से अभूतपूर्व रहा। 1952 में पहले सत्र में 32 विधेयक पेश हुए और उसमें 27 विधेयक पारित हुए।

वहीं, 17 जून से छह अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली। इस सत्र में कुल 33 सरकारी विधेयक विचार के लिए पेश किए गए और 36 विधेयक पारित किए गए। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सदन ने 72 घंटे अधिक काम किया और अगर इस पर विचार करें तब 12 दिन अधिक संसद चली।

बिरला ने कहा कि उनका प्रयास सदन में कामकाज को पेपरलेस बनाने का है। अगले सत्र तक 80 प्रतिशत सदस्यों ने सहमति दी है कि संसद को पेपरलेस बनाने में सहयोग देंगे । इस दिशा में बात चल रही है, हमारा प्रयास होगा कि शत प्रतिशत कामकज को पेपरलेस बनाया जाए।

स्पीकर ने कहा कि इससे करोड़ों रूपये बचाये जा सकेंगे। इसके साथ ही कागजी कार्यवाही में कई बार सांसदों को डाक देर से पहुंचने की बात भी सामने आई थी? जिससे उन्हें विधेयकों का अध्ययन करने में समस्या आती थी। पेपरलेस होने से इलेक्ट्रानिक माध्यम से सदस्यों को सामग्री उपलब्ध करायी जा सकेगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि हर सांसद को इलेक्ट्रानिक उपकरण के लिये राशि दी जाती है। हम सभी सांसदों से संवाद के जरिये पेपरलेस योजना को आगे बढ़ा रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि जब नये भारत का निर्माण हो रहा है, ऐसे में नये सांसद का भी निर्माण हो। उन्होंने कहा कि वह संसद के नये भवन के संदर्भ में सभी से सुझाव लेंगे। इस संबंध में मीडिया, सांसदों सहित अन्य वर्गो से सुझाव के लिये समिति का गठन करेंगे।

ओम बिरला ने कहा ‘‘हम एक ‘एप’ तैयार करा रहे हैं जिस पर सदस्यों को संसद से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। हम 1952 से अब तक के संसद में दिये गए तमाम अच्छे भाषणों का संकलन भी तैयार करा रहे हैं। इसे भी एप पर जारी किया जायेगा। 

Web Title: Lok Sabha should become paperless, says Speaker Om Birla

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