Parliament: अब खादी ग्रामोद्योग की घड़ी भी, डायल पर दिखेगा बापू का चरखा, लोकसभा में चर्चा, जानिए कीमत
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 12, 2020 07:30 PM2020-03-12T19:30:19+5:302020-03-12T19:30:19+5:30
सदन में प्रश्नकाल के दौरान ‘उद्यम सखी पोर्टल’ से जुड़े पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गडकरी ने अपने हाथ से एक घड़ी उतारी और कहा कि खादी की तरफ से महिलाओं ने यह घड़ी तैयार की है जिस पर चरखा भी बना हुआ है।
नई दिल्लीः लोकसभा में बुधवार को उस समय हल्का-फुल्का क्षण देखने को मिला जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खाद्यी ग्राम उद्योग द्वारा तैयार घड़ी का उल्लेख किया और कई सांसद यह कहते हुए सुने गए कि उन्हें भी यह घड़ी उपलब्ध कराई जाए।
दरअसल, सदन में प्रश्नकाल के दौरान ‘उद्यम सखी पोर्टल’ से जुड़े पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गडकरी ने अपने हाथ से एक घड़ी उतारी और कहा कि खादी की तरफ से महिलाओं ने यह घड़ी तैयार की है जिस पर चरखा भी बना हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घड़ी उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष (ओम बिरला) और उनकी पत्नी को भेंट की है। इस पर कई सदस्य यह कहते सुने गए कि उन्हें यह घड़ी कब मिलेगी? इसके जवाब में गडकरी ने कहा कि इस घड़ी की कीमत पांच हजार रुपये है और सांसदों को विशेष छूट पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराई जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि ‘उद्यम सखी पोर्टल’ से सिर्फ 2012 महिलाएं रजिस्टर हुई हैं, लेकिन इस संख्या दो लाख और इससे ज्यादा ले जाना है। उन्होंने कहा कि सभी सांसद अपने क्षेत्रों में इसका प्रचार-प्रसार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान ‘उद्यम सखी पोर्टल’ से जुड़े पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गडकरी ने अपने हाथ से एक घड़ी उतारी और कहा कि खादी की तरफ से महिलाओं ने यह घड़ी तैयार की है जिस पर चरखा भी बना हुआ है।
गडकरी ने एक करोड़ से अधिक आबादी वाले शहरों में महिलाओं के लिए पिंक बसों की वकालत की
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि एक करोड़ से अधिक आबादी वाले शहरों में महिलाओं के लिए विशेष पिंक बसें चलाने पर विचार किया जा सकता है। गडकरी ने लोकसभा में सार्वजनिक सड़क परिवहन में महिलाओं के लिए सुरक्षा के संबंध में मीनाक्षी लेखी के पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि उत्तर प्रदेश में पिंक बसें शुरू की गयी हैं और सफलतापूर्वक चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि एक करोड़ से अधिक आबादी वाले शहरों में पिंक बसें चलाई जा सकती हैं जिनमें चालक और परिचालक महिलाएं होती हैं। गडकरी ने कहा कि इस संबंध में महिला और बाल विकास मंत्रालय से अनुमति की जरूरत होगी और उससे बात करके इस दिशा में आगे काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन की बसों में पैनिक बटन और कैमरे लगाने के प्रावधान हैं। निर्माताओं को इसके निर्देश दिये गये हैं और अब जो बसें आएंगी, उनमें पैनिक बटन और कैमरे लगे होंगे।
गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस संबंध में परामर्श जारी कर दिया है कि बिजली से चलने वाले दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को परमिट से छूट दी जाए ताकि उनका इस्तेमाल महिलाएं सार्वजनिक परिवहन के तौर पर कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं इन इलेक्ट्रिक दो पहिया और तिपहिया वाहनों का इस्तेमाल कर सकती हैं और रोजगार सृजन भी हो सकता है।’’