लोकसभा चुनाव: प्रियंका गांधी की एंट्री से इतनी परेशान क्यों है बीजेपी?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 9, 2019 07:45 AM2019-02-09T07:45:01+5:302019-02-09T11:49:13+5:30
एक न्यूज चैनल ने प्रियंका गांधी की एक्टिव पाॅलिटिकल एंट्री से होने वाले असर को लेकर जो सर्वे किया है, उसमें भले ही यह बताया गया हो कि यूपी में प्रियंका की एंट्री से इसका नुकसान बीजेपी से ज्यादा एसपी-बीएसपी गठबंधन को होगा.
प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री ने लोस सियासी संग्राम को और दिलचस्प बना दिया है. हालांकि, बीजेपी के नेता बढ़चढ़ कर यह बयान दे रहे हैं कि उनकी एंट्री से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होना है, लेकिन जिस तरह से उनकी एंट्री होते ही पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और उसके बाद प्रियंका को लेकर अमर्यादित बयान भी आते रहे, जो यह दर्शाते हैं कि प्रियंका की एंट्री से सियासी समीकरण पर कुछ तो असर होगा ही.
एक न्यूज चैनल ने प्रियंका गांधी की एक्टिव पाॅलिटिकल एंट्री से होने वाले असर को लेकर जो सर्वे किया है, उसमें भले ही यह बताया गया हो कि यूपी में प्रियंका की एंट्री से इसका नुकसान बीजेपी से ज्यादा एसपी-बीएसपी गठबंधन को होगा, लेकिन इतना तो तय है कि इससे कांग्रेस को फायदा होगा, क्योंकि यूपी में इस वक्त कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है, इसलिए प्रियंका की एंट्री से जितना भी कांग्रेस को लाभ होगा वह लोस में कांग्रेस की ताकत बढ़ाने वाला होगा.
सर्वे पर भरोसा करें तो जब प्रतिभागियों से पूछा गया कि- क्या सक्रिय राजनीति में प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को मदद या फायदा मिल सकता है? इस सवाल के जवाब में 57 प्रतिशत प्रतिभागियों ने नहीं कहा, तो 27 प्रतिशत प्रतिभागियों ने हां कहा, मतलब- प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को कम ही सही, फायदा होगा, नुकसान तो नहीं होगा.
इस सर्वे में 56 प्रतिशत वोटरों ने माना कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में कांग्रेस महासचिव के तौर पर कमान संभालने से एसपी-बीएसपी गठबंधन को नुकसान होगा, तो 31 प्रतिशत वोटरों की राय में प्रियंका की एंट्री से बीजेपी को अधिक नुकसान होगा, जबकि 13 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कोई साफ राय व्यक्त नहीं की है.
क्या यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगा? इस सवाल के जवाब में 48 प्रतिशत प्रतिभागियों ने नहीं कहा तो 35 प्रतिशत प्रतिभागियों की राय में ये गठबंधन यूपी में बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगा, जबकि 17 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह सकते.
इस सर्वे के नतीजे कुछ खास सियासी संकेत दे रहे हैं
एक- प्रियंका गांधी की एक्टिव पाॅलिटिकल एंट्री से चाहे कम ही हो, कांग्रेस को फायदा होगा.
दो- इससे बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन, दोनों को नुकसान होगा, इसलिए कांग्रेस की ताकत तो बढ़ेगी, परन्तु चुनाव में बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन में से किसी एक पक्ष को ऐसा बड़ा फायदा नहीं होगा कि राजनीतिक गणित पूरी तरह से बदल जाए.
तीन- प्रियंका गांधी की एंट्री बतौर स्टार प्रचारक हुई है, जिसका फायदा कांग्रेस को यूपी के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी होगा, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रशंसकों की देश में कमी नहीं है और प्रियंका में उनकी दादी इंदिरा की छवि उभरती है.
चार- प्रियंका गांधी की एक्टिव पाॅलिटिकल एंट्री से बीजेपी इसलिए परेशान है कि यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस फिर-से खड़ी हो सकती है तो अब तक राहुल गांधी अकेले मोदी-शाह से सियासी टक्कर ले रहे थे, अब उन्हें प्रियंका के रूप में प्रभावी और लोकप्रिय समर्थक मिल जाएगा.
पांच- जो राजनेता, गांधी-नेहरू परिवार मुक्त कांग्रेस के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे अब उनके सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है.