लोकसभा चुनावः बीजेपी के गढ़ जयपुर पर बगावत के सियासी बादल क्या असर दिखाएंगे?
By प्रमोद भार्गव | Published: March 27, 2019 04:17 PM2019-03-27T16:17:00+5:302019-03-27T16:17:00+5:30
लोकसभा चुनाव 2014 में राजस्थान में बीजेपी ने जयपुर में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी. सांसद रामचरण बोहरा ने 863358 वोट हांसिल कर 539354 वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी.
राजस्थान की जयपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ है और यहां कांग्रेस के जीतने का सपना बहुत कम बार साकार हुआ है, लेकिन बदली सियासी तस्वीर के मद्देनजर इस बार कांग्रेस यहां से जीत की संभावनाएं तलाश रही है.
लोकसभा चुनाव 2014 में राजस्थान में बीजेपी ने जयपुर में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी. सांसद रामचरण बोहरा ने 863358 वोट हांसिल कर 539354 वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी.
लेकिन, विधानसभा चुनाव- 2018 के दौरान इस क्षेत्र की 8 में से 5 सीटें कांग्रेस ने जीत ली थी. यही नहीं, कुछ समय से यहां बीजेपी पर बगावत के सियासी बादल भी छाए हुए हैं, इसलिए यदि राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव नहीं आया और कांग्रेस ने सशक्त उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिया, तो बीजेपी के लिए अपने सबसे मजबूत गढ़- जयपुर को बचाना मुश्किल हो जाएगा.
जयपुर सीट को लेकर कांग्रेस कितनी उत्साहित है इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि जयपुर के रामलीला मैदान में राहुल गांधी के संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि- जयपुर में राहुल गांधी के रोड शो के कारण, विस चुनाव में कांग्रेस 8 में से 5 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई थी. बदलाव की यह बयार तभी से चल रही है. अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिशन- 25 पूरा करना है.
इस मौके पर बीजेपी के लिए बड़ा सियासी झटका यह रहा कि- जयपुर महापौर विष्णु लाटा, जिला प्रमुख मूलचंद मीणा और पूर्व मंत्री और भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी, राहुल गांधी की मौजदूगी में कांग्रेस में शामिल हो गए. जाहिर है, जयपुर लोस क्षेत्र में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बज रही है.
जयपुर लोकसभा क्षेत्र से गायत्री देवी ने 1962 में सर्वाधिक 77.08 प्रतिशत वोट लिए थे, तो बीजेपी के गिरधारीलाल भार्गव यहां से सबसे ज्यादा- 6 बार सांसद रहे. आजादी के बाद इतने वर्षों में कांग्रेस को केवल तीन बार- 1952, 1984 और 2009 में ही यहां से कामयाबी नसीब हुई, मतलब- यदि कांग्रेस जयपुर लोकसभा सीट जीत लेती है तो राजस्थान में कांग्रेस का मिशन- 25 का सपना साकार हो सकता है!