लोकसभा चुनावः संसद में 'शॉटगन' की आवाज पांच साल रही खामोश, कभी थे BJP के स्टार प्रचारक
By संतोष ठाकुर | Published: April 17, 2019 10:27 AM2019-04-17T10:27:21+5:302019-04-17T10:27:21+5:30
शत्रुघ्नन सिन्हा ने पिछले पांच साल में संसद में एक भी सवाल नहीं किया। जिसकी वजह से पटना साहिब और बिहार की आवाज, मांग और समस्या दिल्ली के गलियारों तक पहुंच ही नहीं पाई।
भाजपा के बागी और सिने-अभिनेता शत्रुघ्नन सिन्हा कभी भाजपा के स्टार प्रचारक थे। उनकी आवाज सुनने के लिए भाजपा कार्यकर्ता घंटों इंतजार करते थे। स्वयं भाजपा भी उनकी दमदार और खनकदार रौबीली भाषा की प्रशंसक थी। लेकिन अब वही भाजपा उनकी उसी आवाज को पटना में एक बड़ा मुद्दा बना रही है। उसका आरोप है कि अपनी आवाज की वजह से शॉटगन की उपाधि से सम्मानित होने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने पटना साहिब संसदीय क्षेत्र को पांच साल संसद में गूंगा और मूक बनाकर रख दिया।
उन्होंने पिछले पांच साल में संसद में एक भी सवाल नहीं किया। जिसकी वजह से पटना साहिब और बिहार की आवाज, मांग और समस्या दिल्ली के गलियारों तक पहुंच ही नहीं पाई। इस संबंध में शत्रुघ्न सिन्हा के दिल्ली स्थित आवास पर संपर्क करने पर उनकी ओर से देर शाम तक भी कोई जवाब नहीं मिल पाया।
भाजपा ने पटना साहिब के लिए संसद में उपस्थिति और प्रदर्शन को लेकर एक पत्र तैयार किया है जिसमें यह बताया गया है कि उन्होंने 1996-2006 के बीच संसद में 142 परिचर्चा में हिस्सा लिया। वहीं 2009-2014 में यह संख्या घटकर 9 पर आ गई। जबकि 2014-19 में यह संख्या शून्य हो गई। इसी तरह से उन्होंने संसद में 1996-2006 में संसद में 92 सवाल किये। जबकि 2009-2014 में यह संख्या 67 पर पहुंच गई। जबकि 2014-19 के बीच तो उन्होंने संसद में एक भी सवाल नहीं किया।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि हम शत्रुघ्न सिन्हा पर व्यक्तिगत हमला नहीं करना चाहते हैं। यही वजह है कि उनके क्षेत्र से लापता रहने और अन्य बिंदु पर हम बात नहीं कर रहे हैं। उनकी आवाज और डायलॉग ही उनकी पहचान रही है। यही वजह है कि हमनें उनकी खामोशी को अपना मुद्दा बनाया है। इसके लिए संसद के प्रमाणिक आंकड़ें भी जनता को दिए जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद ने 2000-19 तक संसद में 1579 सवाल किये और 2342 बहस में हिस्सा लिया। ऐसे में जनता स्वयं आकलन करेगी कि उसके लिए संसद में बेहतर आवाज कौन हो सकता है।