लोकसभा चुनाव: दिल्ली में 'आप' के जनाधार पर चली 'झाड़ू', वोट शेयर 36 प्रतिशत गिरा
By एसके गुप्ता | Published: May 24, 2019 07:47 AM2019-05-24T07:47:37+5:302019-05-24T07:47:37+5:30
उत्तर पश्चिम दिल्ली की बवाना, सुल्तान पुर माजरा और मंगोपुरी विधानसभा सुरक्षित श्रेणी में आती हैं. जहां अनुसूचित जाति का वोट प्रतिशत ज्यादा है. यहां आम आदमी पार्टी को ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद थी पर ऐसा नहीं हुआ।
दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. सातों सीटों पर भाजपा ने अन्य दलों की तुलना में दोगुने से ज्यादा वोट हासिल किए. भाजपा की जीत के साथ ही कांग्रेसदिल्ली में दूसरे नंबर की पार्टी के रूप में उभरी है.
कांग्रेस सात में से 5 लोकसभा सीटों पर दूसरे स्थान पर रही. बाकी दो सीटों पर आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर आई है. जिन दो सीटों पर आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है वहां झाडू चुनाव चिह्न बड़ी वजह बताई जा रही है, क्योंकि इन संसदीय क्षेत्र में सुरक्षित विधानसभा ज्यादा हैं. जानकारों का मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस को जीत भले ही न मिली हो वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए जमीन जरूर मिल गई है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचड ने कहा कि पार्टी को अपना खोया वोट वापस मिल रहा है. इससे पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल के झूठे वादों से दिल्ली की जनता परेशान है. दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नीलकांत बख्शी ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से लोगों का मोह भंग हो चुका है. दोनों पार्टियों ने दिल्ली की जनता को गठबंधन कर ठगने की सोची थी, लेकिन गठबंधन नहीं हो सका और इन दोनों पार्टियों की पोल खुल गई.
इस लिहाज से देखें तो दिल्ली में आप का वोट शेयर गिरा है. साल-2013 में आप वोट प्रतिशत 29.5 था। वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में यह 54.5 प्रतिशत रहा. उत्तर पश्चिम दिल्ली की बवाना, सुल्तान पुर माजरा और मंगोपुरी विधानसभा सुरक्षित श्रेणी में आती हैं. जहां अनुसूचित जाति का वोट प्रतिशत ज्यादा है.
यहां आम आदमी पार्टी को ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद थी फिर भी भाजपा प्रत्याशी की जीत के साथ यहां आप दूसरे नंबर पर रही है. ऐसे ही दक्षिण दिल्ली संसदीय सीट में देवली, आंबेडकर नगर सुरक्षित विधानसभा है. यहां संगम विहार और बदरपुर विधानसभा में भी अनुसूचित जाति के मतदाताओं की काफी संख्या हैं. जिससे यहां झाडू की जीत को लेकर 'आप' आश्वस्त थी लेकिन यहां भारी मतों के अंतर से आप को हार का सामना करना पड़ा है.