लोकसभा चुनाव: 2014 में TMC ने ध्वस्त किया आरएसपी का 'दुर्ग', जानिए पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार सीट का राजनीतिक समीकरण
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 19, 2019 10:00 AM2019-03-19T10:00:11+5:302019-03-19T10:00:11+5:30
दशरथ तिर्की सांसद चुने जाने से पहले कुमारग्राम विधानसभा सीट से लगातार 2001, 2006 और 2011 के चुनावों में विधायक चुने जाते रहें।
पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार लोकसभा सीट छठे आम चुनाव 1977 में अस्तित्व में आई। तब से लोकसभा चुनाव 2009 तक इस सीट पर रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) का कब्जा रहा। 2014 के आम चुनाव में यह सीट तृणूल कांग्रेस के खाते में चली गई और रिलॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी से तीन बार के विधायकर रहे दशरथ तिर्की सांसद चुने गए।
दशरथ तिर्की लगातार तीन बार विधायक चुने गए
पूरे देश में मोदी लहर के बावजूद अलीपुरद्वार में लेफ्ट फ्रंट के तीन विधायक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी में शामलि हो गए। रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के दशरथ तिर्की, अनंत देब अधिकारी और फॉरवर्ड ब्लॉक के सुनील मंडल ने तृणमूल कांग्रेस ज्वॉइन कर लिया। इनमें से दशरथ तिर्की अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित अलीपुरद्वार लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में सफल रहें। दशरथ तिर्की सांसद चुने जाने से पहले कुमारग्राम विधानसभा सीट से लगातार 2001, 2006 और 2011 के चुनावों में विधायक चुने जाते रहें।
पीयूष तिर्की लगातर पांच बार रहें सासंद
1977 के लोकसभा चुनाव में यहां से रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के पीयूष तिर्की ने जीत हासिल की। वह 1977, 1980, 1984, 1989 और 1991 के संसदीय चुनावों में लगातार जीतते रहे। 1996 में रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट के जोएचीन बक्सला ने जीत हासिल की।
1996, 1998, 1999 और 2004 तक इस से चुनाव जीतते रहे। 2009 के चुनाव में रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने नए उम्मीदवार मनहोर तिर्की को मैदान में उतारा जिन्होंने जीत हासिल की। 2014 के आम चुनाव में रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी बेदखल कर दी गई है।