लोकसभा चुनाव 2024ः घर से निकलकर बहुजन समाज से मिलेगी मायावती, वोट बैंक को फिर से संगठित करने की कोशिश, कार्यकर्ता उत्साहित!
By राजेंद्र कुमार | Published: February 7, 2023 06:09 PM2023-02-07T18:09:51+5:302023-02-07T18:11:05+5:30
Lok Sabha Elections 2024: मायावती अब घर से निकलकर बहुजन समाज से मिलेगी और मंडलीय पदाधिकारियों के साथ 'क्लोज डोर' मीटिंग करेंगी.

लोकसभा चुनाव का माहौल बनेगा और कार्यकर्ता भी उत्साहित होंगे.
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती अब बहुजन समाज से मिलने का सिलसिला शुरू करेंगी. लोकसभा चुनावों में पार्टी के जनाधार को मजबूत करने के लिए मायावती ने यह फैसला किया है. जिसके तहत मायावती अब घर से निकलकर बहुजन समाज से मिलेगी और मंडलीय पदाधिकारियों के साथ 'क्लोज डोर' मीटिंग करेंगी.
यही नहीं पहली बार मायावती नगर निकाय चुनाव में कुछ सभा भी करेंगी. मायावती को लगता है कि निकाय चुनावों में जनता के बीच जाने से बसपा के पक्ष में लोकसभा चुनाव का माहौल बनेगा और कार्यकर्ता भी उत्साहित होंगे. इसलिए लोकसभा चुनावों के पहले मायावती ने पार्टी के वोट बैंक को फिर से संगठित करने के लिए बहुजन समाज के बीच पहुंचने का फैसला किया है.
वास्तव में आगामी लोकसभा चुनाव मायावती के लिए बेहद अहम हैं, लेकिन राज्य में लगातार मिल रही चुनावी शिकस्त का आकलन करते हुए पार्टी के वोट बैंक को सहेजने के लिए मायावती को जनता के बीच जाना ही बेहतर विकल्प समझ में आया है. मायावती को लगता है कि उनके इस प्रयास से बसपा का खोया जनाधार वापस लौटेगा.
बसपा नेताओं के अनुसार, मायावती का बहुजन के द्वार पहुँचने का अभियान अगले माह 15 मार्च के बाद शुरू होगा. इस अभियान के तहत मायावती सबसे पहले वह सभी मंडलीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन की समीक्षा करेंगी. इसके बाद नगर निकाय चुनाव का ऐलान होने के बाद कुछ पब्लिक मीटिंग संबोधित करने की भी उनकी योजना है.
मायावती के इस अभियान में उनके भतीजे आकाश आनंद भी साथ होंगे. बसपा सुप्रीमो को लगता है कि नगर निकाय चुनाव में उनको जनता की बीच देखकर बहुजन समाज एकजुट होगा, जिसका लाभ लोकसभा चुनाव में बसपा को होगा. लोकसभा चुनावों में पार्टी के वोट बैंक को मजबूत करने के लिए मायावती अपनी चुनावी रणनीति भी बदलेगी.
इसके चलते इस बार लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के पहले ही मायावती चुनाव प्रचार शुरू करेंगी. मायावती की योजना इस बार हर लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने की है. पहले मायावती लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हर मंडल में एक-एक चुनावी सभा करती थी. और ये सभाएं भी मायावती चुनाव का ऐलान हो जाने के बाद करती थी, लेकिन इस बार इस योजना को वह बदलेंगी.
बसपा नेताओं के अनुसार, बहुजन समाज के लोगों से मिलते हुये और अपनी चुनावी सभाओं में मायावती मोदी और योगी सरकार की खामियों को उजागर करेगी. मायावती को लगता है कि बहुजन समाज भी यही चाहती है कि मायावती जुझारू नेता की तरह मोदी और योगी सरकार से मोर्चा लेते हुए दिखे. इसलिए अब मायावती अपने भतीजे से साथ यूपी में बहुजन समाज के लोगों के बीच जाकर उनके दुख दर्द जानेंगी. ठीक उसी तरह जैसे कि बसपा के संस्थापक कांशीराम करते थे.