लोकसभा चुनाव 2024ः 144 नहीं 160 सीट कठिन, हिमाचल और उपचुनाव हार से बीजेपी ने बदली रणनीति, बिहार और तेलंगाना पर फोकस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 20, 2022 11:45 AM2022-12-20T11:45:02+5:302022-12-20T11:46:07+5:30

Lok Sabha Elections 2024: 2019 में 543-सदस्यीय लोकसभा में 303 सीट जीती थीं जबकि 2014 में उसे 282 सीट पर जीत मिली थी। 

Lok Sabha Elections 2024 bjp 144 not 160 seats tough Himachal pradesh and bypoll defeat BJP changed strategy focus on Bihar and Telangana | लोकसभा चुनाव 2024ः 144 नहीं 160 सीट कठिन, हिमाचल और उपचुनाव हार से बीजेपी ने बदली रणनीति, बिहार और तेलंगाना पर फोकस

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को देश के विभिन्न राज्यों की इन कठिन सीट पर अधिकांश में हार का सामना करना पड़ा था।

Highlightsभाजपा ने पटना और हैदराबाद में अपने ‘‘विस्तारकों’’ के लिए दो-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया है।‘‘विस्तारक’’ के पास इस प्रकार की एक लोकसभा सीट का पूर्णकालिक प्रभार है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को देश के विभिन्न राज्यों की इन कठिन सीट पर अधिकांश में हार का सामना करना पड़ा था।

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के लिहाज से ‘‘कठिन’’ मानी जाने वाली लोकसभा सीट की संख्या 144 से बढ़ाकर 160 कर दी है। इसमें निर्वाचन क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा बिहार से संबंधित है, क्योंकि जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन टूटने के बाद अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में वह अपने बूते चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

इन सीटों पर पार्टी के अभियान व रणनीति का नेतृत्व करने वाले भाजपा के संगठनात्मक नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने अब तक की कवायद का जायजा लिया और भविष्य के रोडमैप पर चर्चा की।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार और तेलंगाना में पार्टी के विस्तार पर खासा जोर लगा रही भाजपा ने पटना और हैदराबाद में अपने ‘‘विस्तारकों’’ के लिए दो-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया है। प्रत्येक ‘‘विस्तारक’’ के पास इस प्रकार की एक लोकसभा सीट का पूर्णकालिक प्रभार है।

भाजपा नेताओं के मुताबिक विस्तारक क्षेत्रों में जाकर न सिर्फ चुनावी थाह लेते हैं, बल्कि चुनावी जमीन तैयार करने के लिए प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को देश के विभिन्न राज्यों की इन कठिन सीट पर अधिकांश में हार का सामना करना पड़ा था।

हालांकि भाजपा ने ऐसी सीट की जो नयी सूची तैयार की है, उनमें कुछ ऐसे निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां पार्टी ने जीत दर्ज की थी, क्योंकि पार्टी का मानना है कि ये क्षेत्र स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक कारकों के कारण एक चुनौती बने हुए हैं। ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों की सूची में हरियाणा का रोहतक और उत्तर प्रदेश के बागपत जैसी सीट भी शामिल हैं।

भाजपा ने इन सीट पर जीत दर्ज की थी। सूत्रों ने बताया कि बिहार की बैठक 21 और 22 दिसंबर को प्रस्तावित है, जबकि हैदराबाद में 28 और 29 दिसंबर को बैठक होने की संभावना है। नड्डा के वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इन बैठकों को संबोधित करने की उम्मीद है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जद (यू) ने बिहार में 17-17 सीट पर चुनाव लड़ा था।

भाजपा ने इन सभी सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि जद (यू) को भी एक निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर शेष सभी सीट पर जीत मिली थी। शेष छह सीट पर भाजपा की एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने जीत दर्ज की थी, जिसके प्रमुख रामविलास पासवान थे। बिहार में भाजपा की बैठक में 90 सीट पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है, जबकि शेष 70 सीट हैदराबाद की बैठक के एजेंडे में होंगी।

सूत्रों ने बताया कि बिहार के बैठक में महासचिव व राज्य प्रभारी विनोद तावड़े और सुनील बंसल सहित प्रमुख संगठनात्मक नेता शामिल रहेंगे। भाजपा के महासचिव (संगठन) बी एल संतोष भी मौजूद रह सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपने संगठनात्मक तंत्र का विस्तार करने और इन 160 सीट पर अपने मतदाताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

इसने इस कवायद में बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्रियों को शामिल करने का मसौदा भी तैयार किया है। पार्टी के शीर्ष नेता नियमित रूप से इन सीट पर पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा भी करते हैं। भाजपा ने 2019 के चुनावों में मुश्किल सीट की इसी तरह की सूची तैयार की थी और बड़ी संख्या में उनमें से जीत हासिल की थी।

Web Title: Lok Sabha Elections 2024 bjp 144 not 160 seats tough Himachal pradesh and bypoll defeat BJP changed strategy focus on Bihar and Telangana