लोकसभा चुनाव 2019: क्या पीएम मोदी को जीत में भी हार का अहसास कराएंगे नतीजे?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 9, 2019 01:21 PM2019-03-09T13:21:00+5:302019-03-09T13:21:00+5:30

सियासी माहौल कैसा भी हो, पीएम मोदी को वाराणसी से हराना आसान नहीं है. यह बात अलग है कि पीएम मोदी की जीत भी हार का अहसास देगी, यदि वे पिछली बार जैसी कामयाबी हांसिल नहीं कर सके. 

Lok Sabha Elections 2019: Will PM Modi realize the defeat in victory? | लोकसभा चुनाव 2019: क्या पीएम मोदी को जीत में भी हार का अहसास कराएंगे नतीजे?

लोकसभा चुनाव 2019: क्या पीएम मोदी को जीत में भी हार का अहसास कराएंगे नतीजे?

इस वक्त आतंकवाद के खिलाफ जंग में जनता पीएम मोदी के साथ है, विपक्षी एकता पर सवालिया निशान है, बावजूद इसके, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि लोस चुनाव में पीएम मोदी को जीत मिली तब भी- जीत में भी हार का अहसास, कराएंगे नतीजे?

पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोक सभा चुनाव के मद्देनजर रखी गई भाजपा की संसदीय बोर्ड की प्रमुख बैठक में हिस्सा लिया. बीजेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों और रणनीति पर चर्चा की गई. हालांकि, करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में क्या निर्णय लिए गए, इस संबंध में कोई अधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा करें तो- यह फैसला हो चुका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे.

इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के वाराणसी संसदीय सीट से ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया, लेकिन अभी इस मुद्दे पर निर्णय होना शेष है कि- क्या वे किसी और सीट से भी चुनाव लड़ेंगे या नहीं?

बहरहाल, सियासी माहौल कैसा भी हो, पीएम मोदी को वाराणसी से हराना आसान नहीं है. यह बात अलग है कि पीएम मोदी की जीत भी हार का अहसास देगी, यदि वे पिछली बार जैसी कामयाबी हासिल नहीं कर सके. 

वर्ष 2014 के लोस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था, जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल 3,71,784 वोटों के अंतर से हरा दिया था. नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले.

कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे जरूर, परन्तु वे जमानत नहीं बचा सके. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी विजय प्रकाश जायसवाल चौथे स्थान पर रहे, जिन्हें 60,579 वोट मिले, तो तब यूपी की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार कैलाश चौरसिया 45,291 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर रहे.


अब अरविंद केजरीवाल तो यह साफ कर चुके हैं कि वे वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ेगे, लेकिन यह चर्चा जोरों पर है कि पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष संयुक्त सशक्त उम्मीदवार की तलाश में है. इसके लिए शत्रुघ्न सिन्हा सहित अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, मायावती आदि कई प्रमुख नाम समय-समय पर सामने आते रहे हैं, किन्तु ये अभी सियासी कयास ही हैं. 


यह बात अलग है कि इस बार लोस चुनाव में पीएम मोदी को संयुक्त विपक्ष की तगड़ी चुनौती मिल सकती है और इसीलिए माना जा रहा है कि पीएम मोदी वाराणसी के अलावा किसी और लोस सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं. 


सियासी सुरक्षा के नजरिए से ही पिछली बार पीएम मोदी ने वाराणसी के अलावा गुजरात की वडोदरा लोस सीट से भी चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री को 5,70,128 वोटों से हराया था. 


याद रहे, नरेंद्र मोदी की यह जीत आम चुनावों की दूसरी सबसे बड़ी जीत थी, परन्तु सवाल यह है कि क्या वे अपने गृहराज्य गुजरात की सुरक्षित वडोदरा सीट से भी अब इतनी बड़ी जीत हांसिल कर पाएंगे?


यदि पीएम मोदी इस बार लोस चुनाव में 2014 वाली जीत दर्ज नहीं करवा पाए, तो यकीनन- जीत में भी हार का अहसास, कराएंगे नतीजे?

 

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Will PM Modi realize the defeat in victory?