लोकसभा चुनाव 2019: जिन्हें बनाना था प्रत्याशियों के पैनल, वे करने लगे दावेदारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 30, 2019 05:22 AM2019-01-30T05:22:22+5:302019-01-30T05:22:22+5:30

मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के लिए लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की नियुक्ति की गई है. 

Lok Sabha Elections 2019: Those who had to make panels of candidates, they started to claim | लोकसभा चुनाव 2019: जिन्हें बनाना था प्रत्याशियों के पैनल, वे करने लगे दावेदारी

फाइल फोटो

मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए लोकसभा के लिए नियुक्त किए गए प्रभारी संकट बन गए हैं. इन प्रभारियों को पैनल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वे खुद टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं. प्रभारियों के दावेदार बन जाने से कांग्रेस के लिए संकट खड़ा हो गया है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के लिए लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की नियुक्ति की गई है. इन प्रभारियों को लोकसभा क्षेत्रों में जाकर प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के तहत दावेदारों के पैनल तैयार करने थे, ये लोकसभा प्रभारी क्षेत्रों में पहुंचे भी और उन्होंने पैनल बनाने का काम भी शुरू किया, मगर पैनल में कई क्षेत्रों से खुद लोकसभा प्रभारी भी दावेदार हो गए.

करीब आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर इन लोकसभा प्रभारियों ने अपनी दावेदारी ठोंक दी है. जिन लोकसभा प्रभारियों ने दावेदारी ठोंकी है उनमें रामेश्वर नीखरा, अर्चना जायसवाल, निशंक जैन, राजकुमार पटेल, सुरेन्द्र सिंह ठाकुर, सविता दीवान, प्रभु सिंह, प्रतापभानु शर्मा, नरेश सर्राफ और आनंद अहिरवार हैं. इन दावेदारों को लेकर कांग्रेस नेता चिंतित हो गए हैं.

लोकसभा प्रभारियों में रामेश्वर नीखरा और सविता दीवान होशंगाबाद से, सुरेन्द्र सिंह ठाकुर भोपाल, अर्चना जायसवाल इंदौर से, आनंद अहिरवार टीकमगढ़ से, निशंक जैन, राजकुमार पटेल , प्रताप भानु शर्मा विदिशा से, प्रभु सिंह सागर से टिकट की चाह रख रहे हैं और उन्होंने दावेदारी की है.

कांगे्रस के लोकसभा प्रभारियों द्वारा जब दावेदारी करने का मामला सामने आया तो कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया. कांग्रेस नेता खुद चिंतित होने लगे. ऐसे में भाजपा ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष किया और भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस में संगठन है ही नहीं, कांग्रेस में कार्यकर्ता पार्टी का नहीं, बल्कि नेता का होता है. हालांकि कांग्रेस ने दावेदारी को लेकर कहा कि कुछ स्थानों पर ऐसी स्थिति निर्मित हुई है, सभी लोकसभा क्षेत्रों में ऐसी स्थिति नहीं है.

संगठन मजबूत करने को कहा था कमलनाथ ने

लोकसभा प्रभारियों द्वारा दावेदारी करने की जानकारी लगने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा प्रभारियों को साफ कहा था कि उन्हें लोकसभा क्षेत्रों में जाकर संगठन को मजबूत करने का काम करना है. इसके अलावा प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में उन्हें हस्तक्षेप नहीं करना है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के लिए सर्वे कराया गया है, उसके आधार पर ही प्रत्याशी का चयन किया जाएगा. साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सर्वे के हिसाब से प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा. मगर ये लोकसभा प्रभारी अपनी दावेदारी करने से नहीं चुके और लोकसभा क्षेत्रों में जाकर पैनल भी तैयार करने लगे.

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