लोक सभा चुनाव 2019: बिहार में उम्मीदवारों के बीच अभी ऊहापोह की स्थिती, सीटों को लेकर जारी है मंथन का दौर
By एस पी सिन्हा | Published: March 7, 2019 04:42 PM2019-03-07T16:42:55+5:302019-03-07T16:42:55+5:30
भाजपा नेताओं ने कहा कि दरभंगा सीट भाजपा की सिटिंग सीट है परंतु यहां से जदयू अपने नेता को चुनाव मैदान में उतारना चाहता है. उनका कहना है कि दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, नवादा जैसी कुछ सीटें हैं, जहां उम्मीदवार चयन को लेकर बात चल रही है.
बिहार में लोकसभा चुनाव लेकर उम्मीदवारों के बीच अभी ऊहापोह की स्थिती बनी हुई है. बिहार में दोनों गठबंधनों ने न तो सीटों का निर्धारण किया है और न ही अब तक उम्मीदवारों की घोषणा की है. यह अलग बात है कि एनडीए सीटों का बंटवारा कर अपने विपक्षी गठबंधन पर मामूली बढत बना ली है. इस बीच, एनडीए के नेता उम्मीदवारों की जल्द घोषणा कर लेने का दावा कर रहे हैं.
वहीं, सूत्रों मानें तो एनडीए में कुछ सीटों पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है. जिसके चलते तस्वीर साफ नही हो पा रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी.
इस चुनाव में एनडीए के घटक दलों में समझौते के अनुसार 17 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी, अर्थात उसे पिछले चुनाव में जीती पांच सीटें छोडनी हैं. जिसमें पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा नाराज बताए जा रहे हैं, जबकि दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद पाला बदलकर कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं तथा बेगूसराय के सांसद भोला सिंह का निधन हो गया है.
सूत्रों की मानें तो इसमें पटना साहिब सीट भाजपा किसी हाल में छोडना नहीं चाहती है. जदयू मुंगेर संसदीय सीट से राज्य के मंत्री और मुख्यमंत्री के नजदीकी ललन सिंह को उतारने का न केवल मन बना चुकी है बल्कि उन्होंने यहां से तैयारी भी प्रारंभ कर दी है. जबकि मुंगेर सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व लोजपा करती है.
सूत्रों के अनुसार लोजपा अपनी सिटिंग सीट मुंगेर को छोडने के बदले नवादा की मांग कर रही है, जहां के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हैं. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि सीटों की संख्या पहले से तय है. उम्मीदवार और सीट निर्धारण शीर्ष नेतृत्व जल्द ही तय करेगा. उन्होंने दावा किया कि एनडीए में सीट निर्धारण को लेकर भी कोई विवाद नहीं था और आगे भी कोई विवाद नहीं होगा.
वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू अकेले चुनाव मैदान में थी, जबकि लोजपा, भाजपा और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) साथ थीं. इस चुनाव में रालोसपा एनडीए से बाहर हो गई है और जदयू साथ है. उनका कहना है कि जदयू के आने के बाद कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है परंतु यह बहुत बडी बात नहीं है.
भाजपा नेताओं ने कहा कि दरभंगा सीट भाजपा की सिटिंग सीट है परंतु यहां से जदयू अपने नेता को चुनाव मैदान में उतारना चाहता है. उनका कहना है कि दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, नवादा जैसी कुछ सीटें हैं, जहां उम्मीदवार चयन को लेकर बात चल रही है.
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2009 में बेगूसराय सीट जदयू की थी. इस कारण जदयू इस पर अपना दावा ठोंक रहा है. जबकि काराकाट सीट पिछले लोकसभा चुनाव में रालोसपा ने जीती थी, जिसे जदयू परंपरागत सीट बता रहा है. भाजपा इनमें से एक सीट पर अपना दावा नहीं छोडना चाह रही है.
भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि 10-12 दिनों के अंदर सीटों का निर्धारण कर लिए जाएगा और घोषणा भी कर दी जाएगी. उनके अनुसार किसी प्रकार के विवाद नही है और एनडीए के सभी घटक दलों का लक्ष्य अधिक से अधिक सीटें जीतने का है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 22 सीटें मिली थीं, जबकि सहयोगी लोजपा को छह और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को तीन सीटें मिली थीं. उस समय जदयू के दो प्रत्याशी ही विजयी हुए थे.