लोकसभा चुनाव 2019: अनंतनाग में अधिक भारी साबित हो रहा आतंकवाद, तीन चरणों में होंगे चुनाव
By सुरेश डुग्गर | Published: March 12, 2019 02:52 AM2019-03-12T02:52:11+5:302019-03-12T02:52:11+5:30
2014 के संसदीय चुनावों में इस संसदीय सीट पर मात्र 27 परसेंट मतदान हुआ था, जो वर्ष 2009 के संसदीय चुनावों के रिकार्ड को नहीं तोड़ पाया था.
पिछले 21 सालों से जिस अनंतनाग संसदीय क्षेत्र पर पीपुल्स डेमोक्र ेटिक पार्टी अर्थात पीडीपी के दिवंगत संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद अपना एकाधिकार समझते रहे हैं,उस पर इस बार एक नया प्रयोग होने जा रहा है. देश में ऐसा पहली बार होगा कि किसी लोकसभा सीट के लिए मतदान एक ही चरण में नहीं बल्कि 3 चरणों में होंगे. कारण पूरी तरह से स्पष्ट है.
दरअसल, आतंकवाद अभी भी इस संसदीय सीट के क्षेत्र में भारी साबित हो रहा है. यूं तो जबसे आतंकवाद ने कश्मीर में पांव पसारे हैं, तब से दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग और पुलवामा जिलों ने नाक में दम कर रखा है. यही दोनों जिले मिलकर अनंतनाग के संसदीय क्षेत्र का निर्माण करते हैं, जहां से पिछली बार पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संसदीय चुनाव तो जीता पर मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पुन: इस संसदीय क्षेत्र में चुनाव करवाने में असल ही रही.
2014 के संसदीय चुनावों में इस संसदीय सीट पर मात्र 27 परसेंट मतदान हुआ था, जो वर्ष 2009 के संसदीय चुनावों के रिकार्ड को नहीं तोड़ पाया था. इतना जरूर था कि मतदान न करने का नया रिकार्ड जरूर बन गया था, इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई विधानसभ क्षेत्रों में.
जम्मू-कश्मीर के 6 संसदीय क्षेत्रों में से 5 में तो एक ही दिन और एक-एक चरण में मतदान घोषित किया गया है, पर अनंतनाग-पुलवामा संसदीय क्षेत्र के लोग टुकड़ों में अर्थात 23 व 29 अप्रैल तथा 6 मई को मतदान करेंगे. इसके लिए संसदीय क्षेत्र के हिस्सों को तीन भागों में बांटा जाएगा तथा सुरक्षा के इंतजाम भी तीन गुणा करने की खातिर अतिरिक्त फोर्स की मांग कर दी गई है.