लोकसभा चुनाव 2019: बिहार के भागलपुर सीट पर शहनवाज हुसैन के उम्मीदवारी को लेकर संशय
By एस पी सिन्हा | Published: March 14, 2019 05:47 AM2019-03-14T05:47:24+5:302019-03-14T05:47:24+5:30
2009 के आमचुनाव में भी हुसैन ने यह सीट भाजपा को दी. 2014 के आम चुनाव में भाजपा से राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने यह सीट छीन ली. इसके पूर्व 1957 से 1971 तक हुए चुनाव में कांग्रेस की झोली में यह सीट रही.
बिहार के भागलपुर में दूसरे चरण में लोकसभा का चुनाव होगा. होली के पहले 19 मार्च से नामांकन होगा. भागलपुर से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद शहनवाज हुसैन के भाग्य का फैसला यहीं से होना है. लेकिन उन्हें यहां से टिकट मिलेगी या बेटिकट होंगे, कयास लगाए जाने लगे हैं.
भागलपुर, बांका, किशनगंज, कटिहार और पूर्णियां लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होगा. लेकिन अब तक किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालात ये है कि प्रत्याशियों के चयन में राजग ने भी चुप्पी साध रखी है. भागलपुर सीट को लेकर राजग के घटक दलों में सरगर्मी बढ़ गई है. लेकिन इस सीट पर जदयू के दावे के बाद स्थितियां थोड़ी बदल गई हैं.
एक तरफ जदयू ने अंदर ही अंदर इस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है तो दूसरी तरफ भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रि यता देख यह कहना थोड़ा मुश्किल हो रहा कि सीट किसके खाते में जाएगी. वहीं, यह माना जा रहा है महागठबंधन से राजद का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा क्योंकि यह सीट राजद की सीटिंग है.
भाजपा और जदयू के बीच 17-17 सीटों का तालमेल हुआ है. इस तालमेल में भाजपा को अपनी जीती हुई कई सीटों का त्याग करना पड़ रहा है. भागलपुर में सबसे अधिक कांग्रेस-छह बार इस सीट पर कब्जा जमा चुकी है. कांग्रेस इस सीट से अंतिम बार 1984 में चुनाव जीती है.
1998 में प्रभाष चंद्र तिवारी ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल कर भाजपा को यह सीट दी थी. 1999 में हुए चुनाव में माकपा के सुबोध राय ने भाजपा से यह सीट छीन ली थी. फिर 2004 में यह सीट सुशील कुमार मोदी ने भाजपा को वापस दिलाई. उसके बाद 2006 में उपचुनाव हुआ जिसमें सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने यह सीट भाजपा को दी.
2009 के आमचुनाव में भी हुसैन ने यह सीट भाजपा को दी. 2014 के आम चुनाव में भाजपा से राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने यह सीट छीन ली. इसके पूर्व 1957 से 1971 तक हुए चुनाव में कांग्रेस की झोली में यह सीट रही.