लोकसभा चुनाव 2019: सुषमा स्वराज चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान से हटेंगी पीछे!, जानिए BJP की क्या है रणनीति

By संतोष ठाकुर | Published: March 12, 2019 07:49 AM2019-03-12T07:49:29+5:302019-03-12T07:56:08+5:30

सुषमा स्वराज के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पुणे से चुनाव लड़ाने को लेकर भी विचार किया जा रहा है.

Lok Sabha Elections 2019: sushma from Bhopal and Pune can be praksha Javadekar , Piyush Goyal fighting for Mumbai | लोकसभा चुनाव 2019: सुषमा स्वराज चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान से हटेंगी पीछे!, जानिए BJP की क्या है रणनीति

लोकसभा चुनाव 2019: सुषमा स्वराज चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान से हटेंगी पीछे!, जानिए BJP की क्या है रणनीति

Highlightsकेंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के भी पटना साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है.राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को भी उत्तराखंड से चुनाव लड़ाने को लेकर मंथन किया जा रहा है.

इस लोकसभा समर में चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को संभवत: अपनी इस घोषणा से पीछे हटना पड़ सकता है. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें इस बार भी मैदान में उतारने को लेकर मंथन कर रही है. हालांकि इस बार उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें ग्रामीण बहुल विदिशा की जगह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में वह बिना सघन चुनाव प्रचार के भी अपनी जीत तय कर सकती हैं. वहीं, उनकी ओर से खाली की गई विदिशा सीट पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लड़ाने पर भी विचार किया जा रहा है.

हाल के समय में जिस तरह से सुषमा स्वराज दिल्ली में राजनीतिक रूप से सक्रि य हुई हैं, उसे इसका संकेत माना जा रहा है. वह कई सार्वजनिक समारोह में अप्रत्याशित रूप से शामिल हुई, जिसे देखकर यह कहा जा रहा है कि उन्हें शायद अपनी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है. सुषमा स्वराज के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पुणो से चुनाव लड़ाने को लेकर भी विचार किया जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि उन्होंने स्वयं भी इसको लेकर रुचि दिखाई है.

जिस तरह से पिछले पांच साल में पार्टी में उनका कद बढ़ा है, उसे देखते हुए उनके निकट के लोग भी यह मानकर चल रहे हैं कि उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए. इसी तरह से मुंबई से रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी चुनाव लड़ाने पर मंथन हो रहा है. हालांकि उनके पास मौजूदा दायित्व को देखते हुए पार्टी के एक वर्ग का यह भी मानना है कि उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाने की जगह पार्टी के कार्य को गति देने के कार्य में ही सक्रि य रखा जाए. इसी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को भी उत्तराखंड से चुनाव लड़ाने को लेकर मंथन किया जा रहा है.

पटना साहिब से रविशंकर के चुनाव लड़ने की चर्चा

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के भी पटना साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. इस सीट से भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने किसी भी हालत में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. यह तर्क दिया जा रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ समुदाय से आते हैं. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी इसी समुदाय से आते हैं. ऐसे में वह यहां पर शत्रुघ्न सिन्हा की चुनौती को खत्म कर सकते हैं.

उन्हें न केवल अपनी लोकप्रियता, बल्कि उन्हें भाजपा के काडर वोटों को भी लाभ मिलेगा. हालांकि एक वर्ग का कहना है कि भाजपा अगर यहां से रविशंकर प्रसाद को चुनाव किसी वजह से नहीं लड़ाती है तो यहां से रितुराज सिन्हा को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है. वह राज्यसभा सांसद और एसआईएस सिक्युरिटी के मालिक आरके सिन्हा के पुत्र हैं. 

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