लोकसभा चुनाव 2019: मध्य प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने खोला 'मोर्चा', राघवजी ने बेटी के लिए मांगा टिकट, रघुनंदन ने दी नसीहत
By राजेंद्र पाराशर | Published: March 12, 2019 07:38 AM2019-03-12T07:38:45+5:302019-03-12T07:38:45+5:30
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव के पहले बुजुर्ग नेताओं ने भाजपा के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए टिकट की दावेदारी करनी तेज कर दी है.
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होते ही भाजपा में एक बार फिर बुजुर्ग नेताओं ने मोर्चा खोलना शुरु कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री राघवजी और पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने सक्रियता दिखाई है. राघवजी ने जहां बेटी के लिए टिकट की मांग कर डाली है, तो रघुनंदन शर्मा ने एक बार फिर पार्टी नेताओं को नसीहत दी है.
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव के पहले बुजुर्ग नेताओं ने भाजपा के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए टिकट की दावेदारी करनी तेज कर दी है. लंबे समय से मौन रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने रविवार को मीडिया में साफ कहा था कि वे टिकट के लिए पार्टी में दावेदारी करेंगे. गौर का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि आज पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने मध्यप्रदेश भाजपा के चुनाव प्रभारी स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात की. उन्होंने अपनी बेटी ज्योति शाह को विदिशा संसदीय क्षेत्र से टिकट दिए जाने की मांग की. उन्होंने सिंह को साफ कह दिया कि इस बार विदिशा में पैराशूट से उतरने वाले को प्रत्याशी बनाया जाना पसंद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय को ही प्रत्याशी बनाया जाए.
अवसरवादियों पर रखें नजर
राघवजी के अलावा आज भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने भी पार्टी नेताओं को नसीहत दे दी है.शर्मा ने कहा कि 15 साल के शासन में कई अवसरवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. हाईकमान अपनी नजरें कार्यकर्ताओं पर बराबर बनाए रखें. परिक्रमावादी और पराक्रमवादी में नेतृत्व को अंतर समझना चाहिए. अंत में परिक्रमावादी टिकिट तो ले आते है, लेकिन पार्टी की सेहत के लिए यह सब अच्छा नहीं होता.