लोकसभा चुनाव 2019: रिपोर्ट में दावा, एआईआर पर पीएम मोदी को मिला मनमोहन सिंह से छह गुना ज्यादा कवरेज
By स्वाति सिंह | Published: April 16, 2019 03:32 PM2019-04-16T15:32:58+5:302019-04-16T15:32:58+5:30
एक रिपोर्ट में सरकारी आंकड़े के हवाले से बताया गया कि 2014 से 2018 के बीच पीएम मोदी को लगभग 1070 घंटे एआईआर पर कवरेज मिला, जबकि पूर्व पीएम मनमोहन इसी माध्यम पर 2009 से 2013 के बीच (दूसरे कार्यकाल में) महज 183.1 घंटे का कवरेज हासिल कर पाए।
लोकसभा चुनाव के बीच देश के सियासी गलियारों में तेज हलचल देखने को मिल रही है। अलग-अलग पार्टियों के नेता अपने-अपने तरीकों से वोटरों को लुभाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इस बीच नेताओं का एक-दूसरे पर वार-पलटवार भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सरकारी रेडियो यानी ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में पीएम रहे मनमोहन सिंह से तकरीबन छह गुना ज्यादा कवरेज मिला। यह खुलासा हाल ही में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर हुआ है। अफसरों से इस बारे में जब कुछ मीडिया संस्थानों ने सवाल किए, तो जवाब आया- पीएम मोदी अधिक सक्रिय रहे, इसलिए उन्हें अधिक कवरेज मिला।
हर मामले में मोदी आगे
एक रिपोर्ट में सरकारी आंकड़े के हवाले से बताया गया कि 2014 से 2018 के बीच पीएम मोदी को लगभग 1070 घंटे एआईआर पर कवरेज मिला, जबकि पूर्व पीएम मनमोहन इसी माध्यम पर 2009 से 2013 के बीच (दूसरे कार्यकाल में) महज 183.1 घंटे का कवरेज हासिल कर पाए। मंत्रालय के आंकड़े यह भी बताते हैं कि पीएम मोदी को देश के नाम संबोधन में 103 घंटे, देश में कार्यक्रमों और आयोजनों के लाइव प्रसारण के दौरान 644 घंटे और विदेशी दौरों पर रहने के दौरान लगभग 321 घंटे का कवरेज हासिल हुए। मनमोहन सिंह के कवरेज की बात की जाए, तो उन्हें देश में हुए कार्यक्रमों के लाइव के दौरान 135 घंटे, प्रेस कॉन्फ्रेंस में 7.45 घंटे, देश के नाम संबोधन में 20.45 घंटे और विदेशी दौरों पर रहने के समय कुल 29 घंटे का कवरेज मिला।
2019 के आंकड़े नहीं उपलब्ध
हालांकि, 2019 के आंकड़े नहीं उपलब्ध हैं, पर सूत्रों का कहना था कि उनमें मोदी को मिलने वाले कवरेज का आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें लोकसभा चुनाव से काफी पहले से एआईआर पर कवरेज मिल रहा है। यह आंकड़ा आने से पहले एक अन्य सरकारी प्रसारक (टीवी चैनल) दूरदर्शन (डीडी) ने कहा था कि बीजेपी को सबसे अधिक कवरेज उसके न्यूज नेटवर्क पर मिलता है। वहीं, यह बात कबूलने के बाद चुनाव आयोग (ईसी) ने डीडी को इस संबंध में कड़ी चेतावनी थी। हालांकि, उसकी तरफ से ऐसी कोई प्रतिक्रिया एआईआर के मामले में नहीं दी गई।