लोकसभा चुनाव 2019: प्रियंका गांधी का मुकाबला पीएम मोदी से नहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से है!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 16, 2019 06:09 AM2019-02-16T06:09:25+5:302019-02-16T06:09:25+5:30

सियासी संकेत यही हैं कि प्रियंका गांधी यदि केवल कांग्रेस संगठन पर ही फोकस करती हैं तो बीजेपी के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती होगी!

Lok Sabha Elections 2019: Priyanka Gandhi fight is not against PM Modi but BJP President Amit Shah! | लोकसभा चुनाव 2019: प्रियंका गांधी का मुकाबला पीएम मोदी से नहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से है!

लोकसभा चुनाव 2019: प्रियंका गांधी का मुकाबला पीएम मोदी से नहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से है!

Highlightsराहुल गांधी लंबे समय से अकेले ही दो मोर्चों पर लड़ रहे थेप्रियंका गांधी संगठन को समय दे रही हैं और कांग्रेस की जीत की भूमिका समझ रही हैं

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की एक्टिव पाॅलिटिकल एंट्री ने पहले ही विरोधियों को परेशानी में डाल दिया था, अब यह संकेत दे कर कि- वे लोस चुनाव नहीं लड़ेंगी, विरोधियों की बेचैनी को और भी बढ़ा दिया है. प्रियंका गांधी ने खुद चुनाव न लड़ने के संकेत देते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का मुकाबला उनसे नहीं, राहुल से होगा. राहुल लड़ रहे हैं. वे संगठन के बारे में सीख रही हैं. वे चुनाव नहीं लड़ेंगी.

पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि क्या उनका मुकाबला प्रधानमंत्री मोदी से होगा? उन्होंने कहा- मेरे से नहीं, राहुल से उनका मुकाबला होगा. मैं अभी संगठन के बारे में सीख रही हूं. लोगों की राय सुन रही हूं. आखिर चुनाव कैसे जीता जाए, इस पर ही बात हो रही है?

दरअसल, लंबे समय से राहुल गांधी अकेले दो मोर्चों पर लड़ रहे थे, एक- केन्द्र सरकार के स्तर पर पीएम मोदी से, दो- संगठन के स्तर पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से, लेकिन अब उन्हें दूसरे मोर्चे पर प्रियंका गांधी का साथ मिल गया है. प्रियंका गांधी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे संगठन को समय दे रही हैं और कांग्रेस की जीत की भूमिका समझ रही हैं.  हालांकि, अमित शाह संगठन के मामले में बेहद सक्रिय और प्रभावी नेता हैं, लेकिन प्रियंका गांधी कुछ मामलों में उनसे आगे हैं.

एक- प्रियंका गांधी, लोकप्रिय और देशभर में जाना-पहचाना नाम है.
दो- प्रियंका गांधी की कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने की ताकत ज्यादा है. 
तीन- उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि बेहद प्रभावी है और इसीलिए प्रियंका में उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की छवि देखी जा रही है.  
चार- प्रियंका गांधी की विभिन्न चुनावी रैलियों, सभाओं में भीड़ जुटाने की क्षमता बहुत अधिक है.
पांच- उन्हें देशभर में कांग्रेस का आधार तैयार नहीं करना है, कांग्रेस का आधार पहले से ही है, केवल उस उदासीन माहौल में जोश भरने की जरूरत है.

लेकिन, राजनीतिक जोड़तोड़ के मामले में अमित शाह, प्रियंका गांधी से बहुत आगे हैं. यह प्रियंका गांधी के सामने बड़ी चुनौती है. हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजनेताओं की सियासी जोड़तोड़ तो संभव है, किन्तु जनता में राजनीतिक जोड़तोड़ असंभव है, इसलिए चुनाव में जोड़तोड़ का समीकरण कुछ खास असरदार नहीं रहेगा. सियासी संकेत यही हैं कि प्रियंका गांधी यदि केवल कांग्रेस संगठन पर ही फोकस करती हैं तो बीजेपी के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती होगी!

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Priyanka Gandhi fight is not against PM Modi but BJP President Amit Shah!