लोकसभा चुनावः 25 को रोड-शो से शक्ति प्रदर्शन, फिर बाबा विश्वनाथ का दर्शन, 26 को पीएम मोदी करेंगे नामांकन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2019 04:25 PM2019-04-13T16:25:04+5:302019-04-13T16:33:54+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: नामांकन के दौरान पीएम मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
(सतीश कुमार सिंह)
कहते हैं काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है। शिव की नगरी काशी में महादेव साक्षात वास करते हैं।मोक्षदायिनी मां गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। धर्म नगरी, मोक्ष नगरी और बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी (वाराणसी) एक बार फिर सियासी तापमान बनने को तैयार है।
गंगा की शांत धारा के किनारे सियासी लहरें उफान मारेंगी। यहां की लोकसभा सीट पर हर चुनाव हमेशा ही खास रहा है। कभी यह सीट प्रदेश ही नहीं देश में कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाती रही तो अब संघ की गहरी पैठ के चलते भगवा ब्रिगेड का मजबूत किला बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अप्रैल को वाराणसी में रोड शो करेंगे। 26 को बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पवित्र गंगा पूजा कर नामांकन करेंगे।
नामांकन के दौरान पीएम मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। वाराणसी में सबसे आखिरी चरण यानी 19 मई को मतदान होना है।
10 किमी का होगा रोड शो
बताया जा रहा है कि 2014 के तर्ज पर ही इस बार भी पीएम मोदी नामांकन से पहले 25 अप्रैल को लंका स्थित मालवीय प्रतिमा को माल्यार्पण करने के बाद रोड शो शुरू करेंगे और ये रोड शो गोदौलिया पर जाकर खत्म होगा। करीब 10 किलोमीटर लंबा रोड शो करके शक्ति प्रदर्शन करेंगे। भाजपा की ओर से काशी संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी और पीएम मोदी के नामांकन की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। नामांकन जुलूस को भव्य व ऐतिहासिक बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ताकत झोंकी दी है। गौरतलब है कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा था, तब भी बीजेपी ने मेगा रोड शो कर यहां अपनी ताकत दिखाई थी।
पिछले चुनाव में दो सीटों से थे उम्मीदवार
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से वाराणसी से चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने यूपी की वाराणसी व गुजरात की वड़ोदरा सीट से चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों से मोदी को जीत हासिल हुई थी। इसके बाद वड़ोदरा सीट छोड़ दी थी।
1991 से अब तक बीजेपी के पास काशी
बनारस में शुरुआती तीन चुनाव को छोड़ दें तो 1984 से अब तक के तीन दशक से ज्यादा समय में कांग्रेस सिर्फ एक बार ही जीत दर्ज करा सकी है। 1991 से लेकर अब तक सिर्फ 2004 के चुनाव को छोड़ भगवा परचम ही लहरा रहा है। इसे चुनावी टोटका कहें या फिर संयोग, हैट्रिक लगाने वाले कांग्रेस के बाबू रघुनाथ सिंह और बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल को जनता ने चौथी बार संसद पहुंचने का मौका नहीं दिया।
मोदी- केजरीवाल के कारण 2014 में दिलचस्प था मुकाबला
काशी में वर्ष 2014 का चुनाव काफी दिलचस्प रहा था। कारण गुजरात से निकलकर देश की राजनीति में सक्रिय हुए नरेंद्र मोदी चुनाव मैदान में थे। दूसरी तरफ उनको चुनौती देने अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बनारस पहुंचे थे। हालांकि केजरीवाल तीन लाख से ज्यादा मतों से हार गए थे।
प्रशासन ने भी कसी कमर, विशेष सतर्कता
2014 में नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री के जुलूस में हुई भारी भीड़ के मद्देनजर जिला व पुलिस प्रशासन भी सतर्क है। खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही पीएम के संभावित रूटों के संदर्भ में एलआईयू से रिपोर्ट भी जुटायी जा रही है। चूंकि पिछले चुनाव में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। लेकिन अब प्रधानमंत्री की हैसियत से पहुंचने को लेकर प्रशासन हाईअलर्ट मोड में आ गया है।
नामांकन में शामिल होना चाहते हैं बिस्मिल्लाह खां के पोते
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पोते नासिर अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन में शामिल होने की इच्छा जताई है। उन्होंने वाराणसी स्थित पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय में इसके लिए चिट्ठी भी भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि पीएम मोदी ने उनके दादा की शहनाई राष्ट्र को समर्पित की है, जो वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर ऐंड क्राफ्ट म्यूजियम में रखी है। बिस्मिल्लाह खां के दूसरे पोते आफाक हैदर का कहना है, 'परिवारवालों ने अभी नामांकन में शामिल होने जैसा कोई मन नहीं बनाया है।'