लोकसभा चुनाव 2019: नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन में पीडीपी ने अड़ाई टांग, इन दो सीटों पर हैं सबकी नजर
By सुरेश डुग्गर | Published: March 19, 2019 09:54 AM2019-03-19T09:54:22+5:302019-03-19T09:54:22+5:30
श्रीनगर-बडगाम पर पीडीपी के तत्कालीन सांसद तारिक हमीद करा के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में नेकां के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला चुनाव जीते थे। कांग्रेस और नेकां ने 2004 से 2014 तक राज्य में सभी संसदीय चुनाव आपसी गठजोड़ के आधार पर ही लड़े हैं।
जम्मू संभाग की दो संसदीय सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच होने जा रहा गठजोड़ फिलहाल अधर में इसलिए लटक गया है क्योंकि पीडीपी ने भी इन दोनों संसदीय क्षेत्रों के लिए बिना शर्त समर्थन देने की आफर कांग्रेसी नेताओं से की है। नतीजतन मामला लटकने लगा है।
इससे पहले नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि हम लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन को तैयार हैं। बशर्तें कांग्रेस सीटों के तालमेल को लेकर हमारे फार्मूले पर सहमत हो।
उमर अब्दुल्ला के मुताबिक, यह सच है कि लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू कश्मीर में हमें कांग्रेस से गठबंधन के लिए प्रस्ताव मिला था, लेकिन हमने उन्हें स्पष्ट रूप से कहा है कि घाटी (कश्मीर) की तीन सीटों पर केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार ही होंगे। अगर कांग्रेस इस फैसले से सहमत है, तो हम अन्य सीटों के बारे में बात कर सकते हैं। देखते हैं कि हमें क्या प्रतिक्रिया मिलती है।
राज्य की छह संसदीय सीटों पर नेकां और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन दो सीटों पर बने गतिरोध को लेकर गठजोड़ को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है। जम्मू संभाग में दो संसदीय सीटें जम्मू-पुंछ और उधमपुर-डोडा हैं। कश्मीर में तीन संसदीय क्षेत्र बारामुला-कुपवाड़ा, श्रीनगर-बडगाम और अनंतनाग-पुलवामा हैं।
लद्दाख प्रांत में एक ही सीट है, जो जिला लेह और करगिल पर आधारित है। पिछले संसदीय चुनावों में जम्मू संभाग की दो और लद्दाख प्रांत की सीट भाजपा ने जीती थी। घाटी की तीनों सीटों पर पीडीपी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन ताजा घटनाक्रम में पीडीपी द्वारा जम्मू संभाग की दो संसदीय सीटों पर बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश के कारण नए समीकरण बन गए हैं जिनके परिणाम का इंतजार अब सबको है।
श्रीनगर-बडगाम पर पीडीपी के तत्कालीन सांसद तारिक हमीद करा के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में नेकां के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला चुनाव जीते थे। कांग्रेस और नेकां ने 2004 से 2014 तक राज्य में सभी संसदीय चुनाव आपसी गठजोड़ के आधार पर ही लड़े हैं। गठबंधन की संभावना को पहला झटका नेकां ने उस समय दिया, जब पार्टी ने कश्मीर की तीनों सीटों के प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए। जम्मू संभाग में जम्मू-पुंछ सीट के लिए राज्य के पूर्व मुख्य सचिव बीआर कुंडल को नेकां ने उम्मीदवार घोषित कर दिया। नेकां ने सिर्फ दो सीटों ऊधमपुर-डोडा और लद्दाख के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं किए।