बीएचयू की छात्रा का बेबाक इंटरव्यू: 'गरीब महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में मेडिकल असिस्टेंस नहीं दे पा रही मोदी सरकार'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 15, 2019 08:27 AM2019-03-15T08:27:11+5:302019-03-15T08:35:52+5:30

Lok Sabha News 2019: बनारस हिदू विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा भारती का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक पटल पर भारत की इमेज कितनी भी अच्छी क्यों न बनाई हो लेकिन जमीनी स्तर पर कामकाज नहीं हुआ। महिलाओं की समस्याएं पहले जैसी ही है, खासकर गरीब महिलाओं के लिए मोदी सरकार अच्छे दिन लाने में सफल नहीं रही। नेहा ने कहा कि मोदी सरकार गरीब महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में मेडिकल असिस्टेंस नहीं दे पा रही है। पेश है नेहा से लोकमत न्यूज की बातचीत के प्रमुख अंश...

Lok Sabha Elections 2019: Narendra Modi Govt failed on Women Centric Issues, Says BHU Girl Student Neha Bharati | बीएचयू की छात्रा का बेबाक इंटरव्यू: 'गरीब महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में मेडिकल असिस्टेंस नहीं दे पा रही मोदी सरकार'

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रा नेहा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को लेकर अपनी बेबाक राय रखी।

Highlights'मोदी जी ने वैश्विक पटल पर भारत की इमेज कितनी भी अच्छी बनाई हो लेकिन ग्राउंड रिएलिटी जस की तस है।''प्रियंका गांधी के बारे में इतना कहूंगी कि उनकी पॉलिटिक्स में अभी एंट्री हुई है...''स्वच्छता को लेकर बहुत सिग्नीफिकेंट चेंजेज नहीं आए हैं, लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा'

रोहित कुमार पोरवाल

बीएचयू की छात्रा नेहा ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए कहा, ''चार साल पहले जब नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बने थे.. वाराणसी के सांसद हैं.. इस हिसाब से लोगों ने सोचा था कि अब काशी के अच्छे दिन आएंगे.. अब इसका डेवलपमेंट होगा.. और स्टार्टिंग में वादे तो बहुत किए थे.. स्मार्ट सिटी, प्रॉपर मैनेजमेंट, क्योटो बनाने के.. लेकिन चार साल बाद जो इसकी ग्राउंड रिएलिटी है वो सबको पता है.. बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स इनोग्रेट करके और बड़े-बड़े वादे करके आपने बहुत बड़ा काम नहीं कर दिया... अगर आप ग्राउंड लेवल की रिएलिटी चेंज नहीं करते हैं.. ग्राउंड लेवल पर जो ट्रैफिक की समस्या है.. जो इलेक्ट्रिसिटी की प्रॉब्लम है... वॉटर प्रॉब्लम है यहां पर सब जस की तस है.. मुझे नहीं लगता कि बातें बनाने के अलावा उन्होंने जमीनी स्तर पर ज्यादा कुछ काम किया है। 

वीमेन सेंट्रिक इश्यूज जस के तस

वीमेन सेंट्रिक इश्यूज की बात करें तो नरेंद्र मोदी ने बहुत सारी ऐसी स्कीम्स लॉन्च कीं  जैसे कि उज्जवला योजना, फिर मातृ वंदना योजना, इन सारी योजनाओं को उन्होंने लॉन्च किया, इनकी ग्राउंड लेवल रिएलिटी ये है कि अगर आप किसी से हेल्थ सेंटर में जाकर पूछें.. कि उनका एक स्कीम था जिसमें सारी पहली बार प्रेग्नेंट हुई लेडीज को मेडिकल केयर, मेडिकल असिस्टेंस मिलेगी.. हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में जो लेडीज हैं उनको प्रॉपर मेडिकल असिस्टेंस, गाइडेंस मिलेगा.. अगर आप किसी हेल्थ सेंटर में जाएं तो और पुछे तो मुझे नहीं लगता कि वहां सचमुच ऐसा काम हो रहा है, या फिर मुझे नहीं लगता है कि उनके पास एक प्रॉपर लिस्ट भी है कि कौनसी-कौनसी ऐसी महिलाएं हैं जो हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में हैं.. या फिर उस पर्टिकुलर लोकैलिटी में कौनसी-कौनसी ऐसी महिलाएं हैं जो बिलो पॉवर्टी लाइन आती हैं.. वो प्रेग्नेंट हो रही हैं तो उन्हें मेडिकल असिस्टेंस की जरूरत है.. मुझे नहीं लगता है कि ऐसा कुछ भी काम हुआ है.. ऑन पेपर बहुत सारे काम हुए हैं लेकिन ग्राउंड रिएलिटी वहीं की वहीं है। 

'ग्लोबल इमेज से क्या करेंगे जब...' 

मोदी जी भले अच्छा कर रहे हों.. इंडिया की ग्लोबल इमेज बहुत अच्छी बना रहे हैं वो.. नो डाउट कि आप इंडिया को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर बहुत आगे लेकर जा रहे हैं लेकिन अगर आपके घर में तरक्की नहीं है तो सिर्फ ग्लोबल इमेज अच्छी बनाकर क्या कर लेंगे.. अगर आपकी ग्राउंड रिएलिटी.. आपकी घर में ही फूट पड़ी है.. जिसकी खाने को रोटी नहीं मिल रही है वो क्या करेगा डिजिटलाइजेशन.. कहां से लाएग एटीएम कार्ड..

'इंडियन वोटर्स बहुत इमोशनल हैं'

इंडियन वोटर्स बहुत इमोशनल हैं, उन्हें एक इमोशनल टॉपिक चाहिए होता है अपने लीडर को चूज करने के लिए.. वो बहुत ईजिली किसी भी चीज को लेकर इमोशनल लेवल पर इफेक्ट हो जाते हैं.. तो मुझे नहीं लगता है कि ज्यादा कॉम्पटीशन रह जाएगा.. मेजॉरिटी भी... अभी भी आप यहां पूछेंगे तो आपको मेजॉरिटी लोग उनके सपोर्टर्स ही मिलेंगे.. तो मुझे नहीं लगता ग्राउंड रिएलिटी को लोग एक्सेप्ट करते हैं या फिर उसकी तरफ मतलब लॉजिकली सोचते हैं.. पता नहीं मतलब बड़ा इमेज बनाकर रखा हुआ है.. तो उस इमेज के झांसे में आई थिंक लोग वोट करने वाले हैं.. और मुझे नहीं लगता कि कोई टफ कॉम्पटीशन है.. क्योंकि कांग्रेस ने कोई खास काम किया नहीं यहां पे.. 

'स्वच्छता को लेकर बहुत सिग्नीफिकेंट चेंजेज नहीं, लोगों को ध्यान रखना होगा'

स्वच्छता को लेकर जब आंदोलन शुरू हुआ था तो वो एक बहुत ही अच्छा इनिसिएटिव था नो डाउट किसी भी पॉलिटिकल एजेंडा, किसी भी पॉलिटिकल इनक्लिनेशन से ऊपर उठके क्लीननेस का जो किया थै कैंपेन वो बहुत अच्छा था लेकिन उसमें भी पॉसिबल नहीं है क्योंकि किसी एक लीडर के.. किसी एक नेता के कहने से कुछ हो.. जब तक कि इंसान खुद में चेंज न लाए या फिर अपनी हैबिट्स में लोग चेंज न करें.. तो मैं इस चीज.. अगर मैं इसके फेलियर या इसके सक्सेस के लिए कोई जिम्मेदार है तो वो कॉमन पब्लिक है.. उसमें किसी भी पॉलिटिकल लीडर का मुझे नहीं लगता है कुछ है.. बहुत सिग्नीफिकेंट चेंजेज नहीं आप नहीं कह सकते हैं.. कि आपको चेंजेज दिखाई दे रहे हैं। हां थोड़े बहुत चेंजेज विजबल हैं.. पब्लिक प्लेसेस को थोड़ा बहुक साफ रखने की कोशिश की जा रही है.. लेकिन मुझे नहीं लगता है कि अब तक लोग इसको लेकर अवेयर होंगे.. तो इट इज ऑफ नो यूज।''

'प्रियंका गांधी के बारे में इतना कहूंगी कि उनकी पॉलिटिक्स में अभी एंट्री हुई है...'

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के वाराणसी से चुनाव लड़ने की अटकलों पर नेहा ने कहा, ''इतना कहूंगी कि उनकी अभी पॉलिटिक्स में उनकी एंट्री हुई है। जिस तरह से वो बात करती हैं.. उनकी स्पीचिस मैंने सुनी हैं, उस हिसाब से लगता है कि वो बहुत विजनरी हैं.. बहुत आगे का सोचती हैं... अगर वो अपनी उस इमेज को फॉलो कर पाती हैं.. उस इमेज को कायम रख पाती हैं.. और पॉलिटिकल फील्ड में बनारस के लिए स्पेशियली अगर वो वीमेन रिलेटेड इश्यूज पर ज्यादा काम करती हैं.. क्योंकि वो खुद एक महिला हैं.. इसको अच्छे से समझ सकती हैं.. तो आई थिंक इसके लिए वो बहुत अच्छा होगा.. इस केस में वो अपना पॉलिटिकल करियर बहुत अच्छे से शुरू कर सकती हैं अगर वो वीमेन सेंट्रिक इश्यूज पर काम करती हैं.. ग्राउंड लेवल पे...।''

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