लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में लंबी राजनीतिक पारी के लिये ताल ठोक रही है बाहुबलियों की पत्नियां

By भाषा | Published: April 25, 2019 02:52 AM2019-04-25T02:52:14+5:302019-04-25T02:52:14+5:30

लोकसभा चुनाव 2019: पिछले दो लोकसभा चुनाव हार चुकी हीना चार बार सीवान के सांसद रहे बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हैं जो अपहरण और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं । जद (यू) उम्मीदवार और दरौंधा से दो बार की विधायक कविता बाहुबली अजय सिंह की पत्नी है जिन्हें कई आपराधिक मामलों के कारण टिकट नहीं दिया गया।

Lok Sabha Elections 2019: Constraints for a long political shift in Bihar are the wives of the Bahubali wives | लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में लंबी राजनीतिक पारी के लिये ताल ठोक रही है बाहुबलियों की पत्नियां

पिछले दो लोकसभा चुनाव हार चुकी हीना चार बार सीवान के सांसद रहे बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हैं जो अपहरण और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं ।

Highlightsकविता ने सीवान में कानून व्यवस्था कायम रखने का वादा किया तो नीलम मुंगेर को उसका हक दिलाने के दावे कर रही हैं । मुंगेर में 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी की वीना देवी ने जदयू के तत्कालीन सांसद ललन सिंह को हराया था । सीवान में 12 मई को और मुंगेर में 29 अप्रैल को मतदान होना है । 

सीवान में राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार हीना शहाब हों या उनकी प्रतिद्वंद्वी जद (यू) की कविता सिंह या फिर मुंगेर में कांग्रेस प्रत्याशी नीलम सिंह । पार्टिंया अलग अलग लेकिन बाहुबली पतियों की आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण ‘परिस्थितिजन्य उम्मीदवारी’ तीनों को सौगात में मिली और अब वे चुनावी अखाड़े में पूरे दम खम से ताल ठोक रही हैं ।

पिछले दो लोकसभा चुनाव हार चुकी हीना चार बार सीवान के सांसद रहे बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हैं जो अपहरण और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं । जद (यू) उम्मीदवार और दरौंधा से दो बार की विधायक कविता बाहुबली अजय सिंह की पत्नी है जिन्हें कई आपराधिक मामलों के कारण टिकट नहीं दिया गया। मुंगेर में मोकामा विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम पहली बार चुनाव लड़ रही हैं जिनका सामना प्रदेश के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से है ।

कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे अनंत दो बार जद (यू) के टिकट पर चुनाव जीते लेकिन मुख्यमंत्री से मतभेद होने पर अब निर्दलीय विधायक हैं । उनके खिलाफ हत्या, अपहरण, फिरौती और शस्त्र कानून के तहत करीब डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं । शहाबुद्दीन जेल में है लेकिन हीना को उनके पिछले काम के आधार पर जीत का यकीन है । उन्होंने भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ साहब तो 15 साल से नहीं हैं । मुझे घर में हर वक्त उनकी कमी खलती है लेकिन जनता के प्यार को देखकर मुझे गर्व होता है कि मैं सीवान की बेटी और बहू हूं ।’

पर्दे में रहने वाली घरेलू महिला हीना के लिये यह सफर आसान नहीं था । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं 2009 में पर्दे से निकलकर राजनीति में आई लेकिन खुलकर अपने विचार नहीं रख सकी । फिर 2014 में ठान कर आई कि हार से घबराना नहीं है और हारकर जीतने वाला ही सिकंदर होता है । मैं पिछले पांच साल में सीवान के लोगों के सुख दुख में साथ रही ।’’

वहीं दो बार दरौंधा से विधायक रहीं कविता का मानना है कि हर सफल महिला के पीछे पुरूष होता है और उनके पीछे अजय सिंह हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ यहां लड़ाई दो महिलाओं की नहीं, बल्कि यूपीए और एनडीए की है । मुझे मोदी लहर, नीतीश जी के काम और अपने पति की साख के दम पर जीत का यकीन है । देश चाहता है कि मोदीजी फिर प्रधानमंत्री बनें और सीवान के लिये भी राष्ट्रीय मुद्दे सर्वोपरि हैं ।’’

अजय सिंह की मां जगमातो देवी भी दरौंधा और रघुनाथपुर से विधायक रह चुकी हैं । उनके निधन के बाद कविता विधायक बनी । कविता ने अपने चुनाव लड़ने को महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया का हिस्सा बताया । उन्होंने कहा ,‘‘ मोदी सरकार में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और लोकसभा स्पीकर महिलायें रहीं । उन्होंने आधी आबादी को आगे बढाया और मैं उसी परंपरा का निर्वाह करके सीवान से पहली महिला सांसद बनूंगी ।’’

सीवान में 1996 से 2004 तक लालू के करीबी शहाबुद्दीन ने चुनाव जीता लेकिन 2009 और 2014 में ओमप्रकाश यादव ने पहले निर्दलीय और फिर भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उनकी पत्नी हीना को हराया । मुंगेर की कांग्रेस प्रत्याशी नीलम सिंह का भले ही यह पहला चुनाव हो लेकिन वह खुद को डमी उम्मीदवार नहीं मानती । उन्होंने कहा ,‘‘ विरोधियों को कोई और मुद्दा नहीं मिल रहा इसलिये मुझे डमी कह रहे हैं । मैं अपने पति से अलग नहीं हूं लेकिन हम काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं ।

मुंगेर में कोई मोदी लहर नहीं है बल्कि यहां महागठबंधन की लहर है और जनता बदलाव चाहती है ।’’ डमी प्रत्याशी के सवाल पर हीना ने कहा ,‘‘ हम जनता की मांग पर राजनीति में आये । मेरे परिवार में कोई नेता नहीं था और ना ही आने वाला था । बीस साल में कोई कह दे कि साहब के घर से कोई मुखिया भी बना हो । जाति , धर्म से उठकर जिले के लिये काम करने मैं राजनीति में आई हूं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं राष्ट्रीय मुद्दों की बात नहीं करती बल्कि सीवान को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधायें और महिलाओं को सुरक्षा देने का वादा है । लोग कहते थे कि लालूजी के काल में बिहार में जंगल राज था और अपराधियों के संरक्षण में सरकार चल रही थी लेकिन केंद्र में मोदी सरकार और बिहार में नीतीश सरकार के रहते प्रदेश में हत्यायें, नरसंहार और डकैतियां बढ़ी हैं । बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात करने वाले मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर मौन हैं ।’’

कविता ने सीवान में कानून व्यवस्था कायम रखने का वादा किया तो नीलम मुंगेर को उसका हक दिलाने के दावे कर रही हैं । नीलम ने कहा ,‘‘ मुंगेर से दो मंत्री राज्य सरकार में है लेकिन उसके साथ सौतेला बर्ताव हुआ । सारे उद्योग यहां से चले गए और प्रशासन की गुंडागर्दी चरम पर है । मैं और मोकामा विधायक (अनंत) मिलकर मुंगेर को उसका हक दिलायेंगे ।’’ मुंगेर में 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी की वीना देवी ने जदयू के तत्कालीन सांसद ललन सिंह को हराया था । सीवान में 12 मई को और मुंगेर में 29 अप्रैल को मतदान होना है । 

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Constraints for a long political shift in Bihar are the wives of the Bahubali wives



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