लोकसभा चुनाव 2019: राजस्थान में कांग्रेसी दाव आजमाएगी बीजेपी?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: January 14, 2019 05:31 PM2019-01-14T17:31:10+5:302019-01-14T17:31:10+5:30
लोकसभा चुनाव का अभी ऐलान नहीं हुआ है, परन्तु कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही दलों ने चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज कर दीं हैं. दोनों दलों के प्रभारियों ने अपने-अपने लोस क्षेत्र से कार्यकर्ताओं की राय जानना शुरू कर दी है, तो संभावित उम्मीदवारों की जमीनी हकीकत के आंकड़े जुटाना भी शुरू कर दिया है.
बीजेपी के सामने चुनौती
जहां कांग्रेस के पास सत्ता है और उसे अपनी कार्यक्षमता का उपयोग करते हुए जनता में अपना भरोसा बढ़ाना है, ताकि वह लोस चुनाव में अधिक-से-अधिक सीटें जीत सके, वहीं बीजेपी को जनता की नाराजगी दूर करते हुए 2014 में जीती 25 सीटें बचाने की चुनौती है.
यह तो तय है कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी 2014 नहीं दोहरा पाएगी और उसे 2014 के सापेक्ष लोस सीटों का नुकसान भी होगा, लेकिन कितना? यह अभी पहेली है!
राजस्थान में पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 25 में से 25 सीटें जीत लीं थी, किन्तु ताजा विस चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो अब करीब आधी सीटें भी जीतना मुश्किल है.
राजस्थान विस चुनाव में बीजेपी को 38.77 प्रतिशत वोट मिले, कांग्रेस को 39.26 प्रतिशत, निर्दलीयों को 9.51 प्रतिशत, बसपा को 3.98 प्रतिशत, रालोपा को 2.41 प्रतिशत तो अन्य को 6.07 प्रतिशत वोट मिले. साफ है कि लोस चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के अलावा किसी और सियासी दल की कोई बड़ी भूमिका नहीं है, हां अन्य दलों की चुनाव में मौजूदगी से कांग्रेस-बीजेपी के नतीजे जरूर प्रभावित हो सकते हैं, जैसे दक्षिण राजस्थान में बीटीपी की मौजूदगी से कुछ सीटों का परंपरागत सियास समीकरण गड़बड़ जाएगा.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के पास अभी केन्द्र में सत्ता है, जिसके दम पर आर्थिक आधार पर आरक्षण जैसे कुछ और निर्णय लिए जा सकते हैं.
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी रणनीति
राजस्थान विस चुनाव के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश के तमाम दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया था जिसके नतीजे में कांग्रेस जीत दर्ज करवाने में कामयाब रही. बीजेपी लोकसभा चुनाव के दौरान इसी कांग्रेसी दाव से कांग्रेस को मात देने की कोशिश कर सकती है. राजस्थान में विस चुनाव जीते और हारे, तमाम बड़े बीजेपी नेताओं को लोस चुनाव में उतारा जा सकता है, ताकि अधिकतम सीटें फिर से जीती जा सकें.
यह भी माना जा रहा है कि लोस चुनाव में बागी उम्मीदवार ज्यादा नहीं होंगे, इसलिए विस चुनाव हारने वाले दिग्गज नेता भी चुनाव जीत सकते हैं. हालांकि, इसमें कितनी कामयाबी मिलेगी यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इससे कांग्रेस के लिए चुनौती तो बढ़ेगी ही, बीजेपी का चुनाव प्रबंधन कांग्रेस से बेहतर माना जाता है, इसलिए बीजेपी की चुनावी तैयारियों को हल्के में लेना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है.