BHU के छात्रों ने बताया, इस बार लोकसभा चुनाव में किसकी हवा, पीएम मोदी के बारे में खुलकर बोले
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: March 14, 2019 12:05 PM2019-03-14T12:05:20+5:302019-03-14T14:11:40+5:30
लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं। एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं। पांच वर्षों में पीएम ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के लिए क्या किया, इस पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने लोकमत न्यूज से बात की...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 मई को होगा। इसी को देखते हुए लोकमत न्यूज ने वाराणसी जाकर पीएम मोदी का रिपोर्ट कार्ड जानना चाहा। चूंकि सरकार बनाने में युवा मतदाताओं की अहम भूमिका होती है इसलिए लोकमत न्यूज ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का भी रुख किया जहां छात्रों ने खुलकर अपने विचार रखे।
विश्वविद्यालय से कॉमर्स की पढ़ाई कर रहे अखिलेश कुमार ने कहा, ''चुनाव की डेट्स आ गई हैं तो मेरा यह मानना है कि युवाओं का बड़ा अहम रोल है.. क्योंकि युवा वोटर भी बहुत ज्यादा हैं.. और मैं किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जुड़ा हूं। मेरा मानना है कि विकास के नाम पर वोट दें। यहां सबसे ज्यादा जरूरत रोजगार की है। पीएम का इंफ्लुएंस हैं। पीएम के काम से खुश हैं क्योंकि जो काम हो रहे हैं बनारस में, अच्छे हो रहे हैं। समय बदलने से चीजें बदल जाती हैं। पांच साल के लिए हम लोगों ने गवर्नमेंट को चुना था तो सरकार ने काम किया है इन पांच सालों में। स्वच्छता अभियान में काम हुआ है.. शौचालय बन रहे हैं।''
पांच साल का लड़का, लड़का पैदा नहीं कर सकता
बीएचयू के अर्थशास्त्र विभाग से बीए द्वितीय वर्ष के छात्र नवीन कुमार राय ने कहा, ''जो सबसे बड़ी बात होती है.. देश की सुरक्षा.. देश की आंतरिक सुरक्षा.. इससे पहले 26/11 का हमला हुआ था, कांग्रेस ने कोई जवाब नहीं दिया और अब जो रीसेंट में हमले हुए हैं... भारत ने पुलवामा तक का जवाब दिया, उरी तक का जवाब दिया.. विकास दो प्रकार का होता है.. एक इकोनॉमिक ग्रोथ होता है.. एक डेवलपमेंट होता है.. तो ग्रोथ में नजर डालेंगे तो पैसे में बढ़ोतरी हुई है... डेवलपमेंट में बढ़ोतरी का मतलब... द डेवलपमेंट इन द सोशल स्ट्रक्चर ऑन ह्यूमैनिटी ऑफ द लाइफ.. एचडीआई.. ह्यूमन लाइफ इंडेक्स आदमी का बढ़ता है.. बस यही सब चीजें हैं। मोदी का जनता के पास कोई ऑप्शन नहीं है। काशी को क्योटो बनाना.. यह कहना अलग चीज होती है.. उसे करने में वक्त लगेगा.. कोई पांच साल का लड़का, लड़का पैदा नहीं कर सकता है.. सबको पता है.. सीधी सी बात है..।''
50 से 60 परसेंट तक काम हुआ है
शशिकांत मिश्रा ने चाय की चुस्कियां लेते हुए बताया, ''पिछली बार भी बीजेपी को सपोर्ट किया था इस बार भी करेंगे। बनारस में डेवलपमेंट देख लीजिए.. रोड का सिस्टम आप देख सकते हैं.. सफाई व्यवस्था देख सकते हैं.. लोगों की मेनटेलटी भी चेंज हुई है। लीडर तो सब अच्छे हैं.. प्रियंका गांधी भी अच्छी हैं.. हम लोगों ने तो कभी काम करते हुए नहीं देखा न.. अब शक्ल देखकर तो वोट दिया नहीं जाएग न, नरेंद्र मोदी को हम लोग देख रहे हैं.. बहुत सा ऐसा काम है जो सरकार ने नहीं किया है.. हां 50 से 60 परसेंट तक उन्होंने अपना काम किया है। पासिंग मार्क्स आए हैं और उम्मीद बरकरार है।''
काशी काशी रहेगा और क्योटो क्योटो
शशिकांत के साथी छात्र विवेक ने बताया, ''जैसे आप काशी-क्योटो वाली बात किए थे.. काशी काशी रहेगा और क्योटो क्योटो रहेगा.. है न.. काशी को क्योटो बनाने का तात्पर्य यही रहा होगा मोदी जी का कि यहां कुछ विकास कार्य कर देना और यहां की धरोहर में बिना छेड़खानी किए हुए..'' विवेक से जब काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को लेकर की गई तोड़फोड़ के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ''कॉरिडोर से दुखी लोगों के दुख का कारण पूछना चाहिए.. उसके पीछे उन्हें एक बहुत बड़ा मुआवजा वाला हिस्सा रहा होगा.. जो कहीं न कहीं उनको स्टेबल करेगा। उनको जो अच्छी रकम मिली होगी उसके पीछे वो उनके डेवलपमेंट के लिए काम आएगा..
...और उनके डेवलपमेंट के साथ-साथ वहां जो हो रहा है विकास कार्य या फिर कॉरिडोर बन रहा है.. वो क्या सही नहीं है.. मैं ये जानना चाहता हूं। वहां के लोगों के द्वारा ही मैं यह जानना चाहता हूं.. कॉरिडोर बन जाएगा तो क्या उससे वो लाभान्वित नहीं होगे? वो क्षेत्र लाभान्वित नहीं होगा? वो बिल्कुल होगा.. आज शायद उनको क्षणिक दुख हो रहा है लेकिन एक लंबे समय में के बाद जो आने वाला क्षण होगा.. उनके लिए सुखद होगा.. अच्छा होगा.. अच्छी अनुभूति होगी और बनारस में एक अच्छा दृश्य दिखेगा।''
बीजेपी को जिताने के लिए राहुल गांधी बहुत मेहनत कर रहे
बीएचयू के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास कचौड़ियों के सिकने का इंतजार कर रहे अभिषेक ओझा ने बताया, ''बनारस का सौभाग्य है कि मोदी जी यहां से चुनाव लड़े और आगे भी हम चाहते हैं कि यहीं लड़ें.. और आजकल देशभक्ति हवाओं में है तो... चार साल पहले जब पहली बार आया था तो तब के बनारस और अब के बनारस के में बहुत अंतर है। स्वच्छता अभियान, घाट की सफाई, बिजली, सबकुछ हुआ है...।'' प्रियंका गांधी को लेकर सवाल पूछने पर अभिषेक ने कहा, ''पहले प्रियंका गांधी की माता श्री.. वो टक्कर नहीं ले पाईं, उनके बेटे श्री, वो टक्कर नहीं ले पाए तो अब उनकी बहन श्री.. तो ये कब तक चलेगा.. कुछ दिन बाद जीजा जी भी आ जाएंगे.. रॉबर्ट वाड्रा जी। बीजेपी को जिताने के लिए राहुल गांधी बहुत मेहनत कर रहे हैं, बीजेपी का प्रभार भी राहुल गांधी ही संभाल रहे हैं..।''
केजरीवाल जैसा हाल इनका भी होगा
रिसर्च स्कॉलर बृजमोहन प्रजापति ने कहा, ''मोदी जी भारत के ऐसे पहले पीएम हैं जो सबसे ज्यादा बार यहां का दौरा किए हैं.. बनारस में उनकी टक्कर में कोई है भी नहीं.. प्रियंका गांधी को कोई कॉमन सेंस नहीं है... एकदम से आकर आप बनारस के लोगों पर तुरंत नहीं छा सकते हैं। सभी ने देखा कि मोदी जी ने पांच साल में बनारस के लिए क्या किया है, आज बनारस में क्या नहीं है? सबकुछ है...। केजरीवाल जैसा हाल इनका भी होगा। राहुल गांधी अपनी स्पीच को सुधारने के लिए मेहनत कर रहे हैं कि वो अच्छा बोल सकें।''
वरुण कुमार सिंह ने कहा, ''मैं अपने देशवासियों को ये बताना चाहूंगा कि नरेंद्र मोदी जैसा पीएम न तो आया है और न ही आएगा.. और उसको किसी राजनीति के तहत न लिया जाए... क्योंकि नरेंद्र मोदी जी जो भी कर रहे हैं सिर्फ देश के लिए, न कि अपने घरों के लिए कर रहे हैं.. जो कुछ भी है.. उनकी निर्णय लेने की क्षमता बहुत अच्छी है.. मुझे लगता है कि हमारा सौभाग्य होगा कि ये पीएम फिर से मिलें।''
अमन ने कहा, ''मेरे हिसाब से बनारस में मोदी जी के अलावा कोई और कॉम्पटीशन ही नहीं है। क्योंकि ऐसे नहीं समझ आएगा, जो पांच साल पहले आया हो.. और वो अब आकर बनारस को देखे तब समझ में आए कि कितना डेवलपमेंट हुआ है.. और कितने चेंजेज हुए हैं.. रोड हो, चाहे वो इलेक्ट्रिसिटी हो, या फिर स्वच्छता अभियान के तहत सफाई हो... मेरे हिसाब से मोदी जी ही जीतेंगे यहां से।''
राज प्रताप सिंह ने बताया, ''मेरे हिसाब से मोदी जी निर्विरोध रूप से फिर से चुनाव में जीतेंगे। उनके आसपास विरोधी दल का मुझे नहीं लगता कि कोई है। क्योंकि बनारस में जितने भी कार्य हो रहे हैं, जितने भी बड़े स्तर के कार्य हो रहे हैं.. जैसे कि पहले ट्रैफिक बहुत होता था लेकिन अब उसका भी धीरे-धीरे हल हो रहा है..। विश्वनाथ कॉरिडोर का अच्छा काम हो रहा है। बाबरपुर एयरपोर्ट से सिटी को कनेक्ट करता है रोड.. वो भी विश्वस्तरीय हो गया है। ऐसा नहीं है कि काम नहीं हुआ है.. धीरे-धीरे काम होता है.. उसमें समय लगता है.. और मोदी जी ही हैं.. उनके अलावा कोई नहीं है।''
बीए के छात्र समर्थ ने बताया, ''बनारस में प्रगति वाले जितने भी कार्य हो रहे हैं वो भाजपा की सरकार में बहुत तेजी से हो रहे हैं। जो भी विकास आप अभी देख रहे हैं, जनता के बीच जो महौल आप देख रहे हैं.. उसके साथ आपको पता चल जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी को अभी बहुत ही बढ़िया मौका है फिर से सरकार में आने का। उत्तर प्रदेश की बात करें तो जिस प्रकार से भाजपा और योगी जी ने काम किया है... तो उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें हैं.. जोकि एक साफ रास्ता बनाता है..।''
एक छात्र ने कहा, ''काशी को क्योटो बनाने का आधे से ज्यादा काम हो चुका है। देखने में अब अपनी काशी बहुत सुंदर और बहुत अच्छी दिखती है। प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।''
इंडियन वोटर्स बहुत इमोशनल हैं, उन्हें एक इमोशनल टॉपिक चाहिए..
नेहा भारती ने कहा, ''चार साल पहले जब नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बने थे.. वाराणसी के सांसद हैं.. इस हिसाब से लोगों ने सोचा था कि अब काशी के अच्छे दिन आएंगे.. अब इसका डेवलपमेंट होगा.. और स्टार्टिंग में वादे तो बहुत किए थे.. स्मार्ट सिटी, प्रॉपर मैनेजमेंट, क्योटो बनाने के.. लेकिन चार साल बाद जो इसकी ग्राउंड रिएलिटी है वो सबको पता है.. बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स इनोग्रेट करके और बड़े-बड़े वादे करके आपने बहुत बड़ा काम नहीं कर दिया... अगर आप ग्राउंड लेवल की रिएलिटी चेंज नहीं करते हैं.. ग्राउंड लेवल पर जो ट्रैफिक की समस्या है.. जो इलेक्ट्रिसिटी की प्रॉब्लम है... वॉटर प्रॉब्लम है यहां पर सब जस की तस है.. मुझे नहीं लगता कि बातें बनाने के अलावा उन्होंने जमीनी स्तर पर ज्यादा कुछ काम किया है।''
नेहा ने आगे कहा, ''इंडियन वोटर्स बहुत इमोशनल हैं, उन्हें एक इमोशनल टॉपिक चाहिए होता है अपने लीडर को चूज करने के लिए.. वो बहुत ईजिली किसी भी चीज को लेकर इमोशनल लेवल पर इफेक्ट हो जाते हैं.. तो मुझे नहीं लगता है कि ज्यादा कॉम्पटीशन रह जाएगा.. मेजॉरिटी भी... अभी भी आप यहां पूछेंगे तो आपको मेजॉरिटी लोग उनके सपोर्टर्स ही मिलेंगे.. तो मुझे नहीं लगता ग्राउंड रिएलिटी को लोग एक्सेप्ट करते हैं या फिर उसकी तरफ मतलब लॉजिकली सोचते हैं.. पता नहीं मतलब बड़ा इमेज बनाकर रखा हुआ है.. तो उस इमेज के झांसे में आई थिंक लोग वोट करने वाले हैं.. और मुझे नहीं लगता कि कोई टफ कॉम्पटीशन है.. क्योंकि कांग्रेस ने कोई खास काम किया नहीं यहां पे..।''