लोकसभा चुनावः कांग्रेस से इस सीट को छीनकर BJP ने उसके दबदबे को कर दिया था खत्म, अबकी बार है बड़ी चुनौती  

By रामदीप मिश्रा | Published: January 30, 2019 03:58 PM2019-01-30T15:58:28+5:302019-01-30T16:26:37+5:30

प्रदेश का बासंवाड़ा जिला मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमा से लगता है। यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र माही नदी है, जो मध्य प्रदेश से होती हुई माही बांध तक आती है।

lok sabha elections 2019: banswara lok sabha seats history voters and bjp congress fight | लोकसभा चुनावः कांग्रेस से इस सीट को छीनकर BJP ने उसके दबदबे को कर दिया था खत्म, अबकी बार है बड़ी चुनौती  

लोकसभा चुनावः कांग्रेस से इस सीट को छीनकर BJP ने उसके दबदबे को कर दिया था खत्म, अबकी बार है बड़ी चुनौती  

लोकसभा चुनाव-2019 को लेकर राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं और वे चुनावी मोड में दिखाई देने लगी हैं। अगर राजस्थान की बात करें तो सूबे की बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन उस दबदवे को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बरकरार नहीं रहने दिया। हालांकि बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) भी इस सीट पर अब अच्छा स्कोर करने में सफल हो रही है, जिससे राजनीतिक समीकरण बिगड़ सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि अभी तक इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी का कैसा मुकाबला रहा है?

बांसवाड़ा लोकसभा सीट

बताते चलें कि प्रदेश का बासंवाड़ा जिला मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमा से लगता है। यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र माही नदी है, जो मध्य प्रदेश से होती हुई माही बांध तक आती है। इस नदी को जिले की जीवन वाहिनी कहा जाता है। इस शहर की स्थापना वाहिया चरपोटा ने की थी, जो एक भील राजा था। वाहिया को बांसिया के नाम से भी जाना जाता है, जिसके नाम पर बांसवाडा शहर का नाम पड़ा। यहां लोह-अयस्क, सीसा, जस्ता, चांदी और मैंगनीज पाया जाता है। वहीं, यहां उपजाऊ भूमि है। 

11 बार जीत चुकी है कांग्रेस

बांसवाड़ा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) के लिए आरक्षित है। यहां पहली बार लोकसभा का चुनाव 1957 में हुआ था और कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था। कांग्रेस यहां 1957, 1962, 1967, 1971, 1980, 1984, 1991,1996, 1998, 1999 और 2009 में चुनाव जीत चुकी है। कुल मिलाकर उसने 11 बार सीट पर कब्जा जमाया है। वहीं, एक बार 1977 में भारतीय लोकदल ने और एक बार 1989 में जनता दल ने सीट पर विजय पायी थी। इस सीट पर बीजेपी का खाता 2004 में खुला था। इसके बाद उसने मोदी लहर में सीट पर वापसी की और अभी उसी के कब्जे में है और यहां से मानशंकर निनामा सांसद हैं।  

बीएसपी है तीसरी बड़ी पार्टी

कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर लगातार वोटों का समीकरण बदल रहा है। यहां बीएसपी अपनी पकड़ मजूबत करने में लगी हुई है। वह पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। इस बार माना जा रहा है कि वह बड़ा रोल प्ले करने वाली है। अगर बीएसपी के खाते में ज्यादा वोट जाते हैं तो वह चुनावी समीकरण बिगाड़ सकती है। हालांकि बीजेपी के लिए  चुनौती यह भी है कि वह सीट पर जीत बरकरार रख पाती है या नहीं। इधर, कांग्रेस ने हाल ही में विधानसभा चुनावों में बाजी मारी है तो वह मानकर चल रही है कि वोटर्स राहुल गांधी के नेतृत्व में अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर विश्वास जताएंगे।

पिछले चुनाव के पढ़ें आंकड़े

पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 16 लाख, 98 हजार, 175 थी, जिसमें से 11 लाख, 68 हजार, 742 लोगों ने मतदान किया था और 68. 82 फीसदी मदतान हुआ था। बीजेपी के उम्मीदवार मानशंकर निनामा के खाते में 5 लाख, 77 हजार, 433 वोट गए थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार रेशम मालवीय को 4 लाख, 85 हजार, 517 वोट मिले थे। हालांकि, उनकी हार 91 हजार, 916 वोटों के अंतर से हुई थी। 

English summary :
Banswara Lok Sabha seats Update: Banswara district of the state seems to be from the border of Madhya Pradesh and Gujarat. The main attraction here is the Mahi River, which comes from Madhya Pradesh to the Mahi dam.


Web Title: lok sabha elections 2019: banswara lok sabha seats history voters and bjp congress fight