अमित शाह ने कहा- बौद्ध, हिंदू और सिखों को छोड़ हर घुसपैठिए को खदेड़ देंगे, केरल क्रिश्चियन फोरम ने कहा- मांगिए माफी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 12, 2019 11:23 AM2019-04-12T11:23:45+5:302019-04-12T11:40:11+5:30
बीजेपी अध्यक्ष के बयान पर केरल क्रिश्चियन फोरम ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में राष्ट्र की पहचान और अखंडता पर सीधा हमला है। यही नहीं, केरल क्रिश्चियन फोरम चाहती है कि अमित शाह और बीजेपी देश से, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय से माफी मांगें।
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान पर बवाल मचा है। अमित शाह ने गुरुवार (11 अप्रैल) को अपने एक बयान में कहा, ''हम एनआरसी लागू करना सुनिश्चित करेंगे। हम बौद्ध, हिंदू और सिख के अलावा हर घुसपैठिए को देश से बाहर करेंगे।'' बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान पर केरल क्रिश्चियन फोरम ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में राष्ट्र की पहचान और अखंडता पर सीधा हमला है। यही नहीं, केरल क्रिश्चियन फोरम चाहती है कि अमित शाह और बीजेपी देश से, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय से माफी मांगें क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष के बयान से उन्हें भावनात्मक चोट पहुंची है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने भी शाह के बयान पर आपत्ति जताई है। स्वरा ने बीजेपी के ट्विटर हैंडल पर शेयर किए गए अमित शाह के बयान को रीट्वीट करते हुए लिखा, ''यह बीमार, खतरनाक, विभाजनकारी, घृणा पैदा करने वाला बयान हैं। इसमें एक और जोड़े जाने की जरूरत है। यह सरासर गलत है।''
The Kerala Christian Forum also expressed hope that Amit Shah & BJP tender apology to the nation & especially to the minority communities of the country, which has felt persecuted by the statement. https://t.co/6nJ8G1HLlY
— ANI (@ANI) April 12, 2019
स्वरा भास्कर के अलावा भी बॉलीवुड से संबंध रखने वाले कुछ लोगों ने शाह के बयान पर आपत्ति जताई।
SICK. Dangerous. Divisive. Hateful. Unconstitutional. And need one add.. just plain WRONG! https://t.co/RBoR13vGzS
— Swara Bhasker (@ReallySwara) April 11, 2019
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी पर उसके विरोधी दल हमेशा से हिंदुत्व की राजनीति करने का आरोप लगाते आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई दफा अपनी सभाओं में कह चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी नफरत की राजनीति करती है। ऐसे में अमित शाह के बयान में बौद्ध, हिंदू और सिख के अलावा मुस्लिमों और ईसाइयों को शामिल न किया जाना कई लोगों के गले नहीं उतर रहा है।