लोकसभा चुनाव 2019: दिल्ली में आम आदमी पार्टी को भाकपा (माले) ने किया समर्थन का ऐलान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 30, 2019 08:07 PM2019-04-30T20:07:14+5:302019-04-30T20:07:14+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: दिल्ली की सातों सीट के लिए छठे चरण में 12 मई को मतदान होना है।
लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में सियासी पारा चढ़ने लगा है। दिल्ली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है। भाकपा (माले) की दिल्ली राज्य कमेटी ने यह घोषणा किया है।
पार्टी की ओर से बयान जारी किया गया कि भाजपा को हराने के लिए भाकपा (माले) ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया। पार्टी ने कहा कि हम आजाद भारत के सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से गुजर रहे हैं। ये लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और जनता के संवैधानिक अधिकारों को बचाने के चुनाव हैं। बता दें कि दिल्ली में छठें चरण में 12 मई को मतदान होगा।
मोदी सरकार की आलोचना
भाकपा (माले) ने मोदी सरकार की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि पिछले पांच सालों में हम लोगों, लोकतांत्रिक संस्थाओं और देश के संविधान पर अभूतपूर्व हमले के गवाह रहे हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार ने अपने 2014 के चुनाव में किये गये 'अच्छे दिन' के वायदे का पिछले पांच सालों में खूब मजाक उड़ाया।
नोटबंदी, जीएसटी और बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर हमला
पार्टी ने कहा कि आज हमारा देश ऐसी हालत में पहुंच गया है कि बेरोजगारी की दर पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है, खेती पर संकट और गहरा गया है, श्रम कानूनों को बेअसर कर दिया गया है और महिलाओं की आजादी और सुरक्षा की हालत बदतर हो गई है। नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक हर सरकारी नीति जनविरोधी और गरीब विरोधी साबित हुई है।
राफेल पर तीखी आलोचना
पार्टी ने कहा कि राफेल घोटाले ने इसका भंडाफोड़ कर दिया है। बैंकों का एनपीए 400% बढ़ा है। पिछले पांच साल के मोदी के शासन की मार दिल्ली के मजदूरों, छात्रों, अध्यापकों और आम नागरिकों पर भी खूब पड़ी है। पिछले पांच सालों में केन्द्र सरकार ने एलजी के पद का दुरुपयोग करते हुए कई बार अपने गरीब विरोधी, जन विरोधी निर्णय दिल्ली के नागरिकों पर थोपे।
पार्टी ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने दिल्ली के विश्वविद्यायलयों पर भी हमले किये। यदि एक तरफ जेएनयू का वाइसचांसलर जेएनयू के समावेशी चरित्र की हत्या करने में लगा हुआ है तो दूसरी तरफ भाजपा ने सीट कटौती, ऑटोनामी, जातिवादी रोस्टर और 70-30 के अनुपात में अनुदान देने की नीतियों के जरिये उच्च शिक्षा को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
पार्टी ने बताया कि नजीब पर हमला करने वालों को बचाने में पूरी राज्य मशीनरी लगा दी गई थी। रामजस कॉलेज हो, दिल्ली विश्वविद्यालय हो या फिर जेएनयू हर जगह एबीवीपी ने बार-बार छात्रों और अध्यापकों पर हमले किये।