डीडी न्यूज ने बीजेपी को 160 घंटे और कांग्रेस को 80 घंटे का दिया कवरेज, चुनाव आयोग ने उठाये सवाल
By स्वाति सिंह | Published: April 15, 2019 03:36 PM2019-04-15T15:36:26+5:302019-04-15T15:36:26+5:30
डीडी की इस रिपोर्ट के बाद चुनाव आयोग ने 9 अप्रैल को सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि डीडी न्यूज सभी पार्टियों को कवरेज देने में किसी प्रकार का भेदभाव न बरते।
लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के दर पर नेताओं और राजनीतिक दलों का पहुंचना जारी है। हर दल के नेता रोज-रोज शिकायत की पोटली लेकर पहुंच रहे हैं। एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर डीडी न्यूज से लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले समय का ब्यौरा मांगा था।
इसकी रिपोर्ट डीडी ने चुनाव आयोग को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक डीडी ने 10 मार्च से 5 अप्रैल के बीच सबसे अधिक एयर टाइम 160 घंटे भाजपा को दिया है। कांग्रेस डीडी पर कवरेज पाने में दूसरे नंबर पर है और उसे 80 घंटे का टाइम दिया गया है। डीडी ने भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक एयर टाइम सीपीएम को 8 घंटे का दिया है।
कवरेज देने में किसी प्रकार का भेदभाव न बरते
डीडी की इस रिपोर्ट के बाद चुनाव आयोग ने 9 अप्रैल को सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि डीडी न्यूज सभी पार्टियों को कवरेज देने में किसी प्रकार का भेदभाव न बरते। चुनाव आयोग ने इसी आधार पर डीडी न्यूज को नसीहत दी थी कि वह किसी भी दल को खास तवज्जो देने अथवा असमान एयरटाइम कवरेज देने से बचे। चुनाव आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को कड़े शब्दे में पत्र लिखकर कहा कि हम चाहते हैं कि आप (सचिव) डीडी न्यूज चैनल को किसी दल को खास तवज्जो देने अथवा किसी पार्टी के पक्ष में असमान एयरटाइम कवरेज देने से परहेज करने के निर्देश दें और सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियों की संतुलित कवरेज देने को कहें।
'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम पर नोटिस
आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैं भी चौकीदार कार्यक्रम को करीब एक घंटे तक दिखाने के लिए हाल ही में डीडी न्यूज को कारण बताओ नोटिस भेजा था। इस प्रसारण के बाद विपक्षी दलों ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत की थी। रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग के एक सीनियर अधिकारी ने इस असंतुलन को यह कहते हुए सही ठहराया कि बीजेपी के पास लोकसभा में ज्यादा सीटें हैं और 16 राज्यों में पार्टी सत्ता पर काबिज है, जबकि कांग्रेस बीजेपी के मुकाबले बहुत छोटी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी और सभी विपक्षी दलों के बीच तुलना की जाती है, तो दिया गया एयरटाइम संतुलित है।
डीडी न्यूज को तटस्थता बरतनी चाहिए
चुनाव आयोग ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया था और कहा कि डीडी न्यूज को तटस्थता बरतनी चाहिए और सबको बराबर कवरेज दें। यह पूछे जाने पर कि भाजपा की तुलना में कांग्रेस को आधा कवरेज क्यों दिया गया, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा कि कवरेज एक सतत प्रक्रिया है जो 30 से अधिक टीवी चैनल/ स्टेशनों और कई 100 रेडियो स्टेशनों के पूरे नेटवर्क में फैला है।
किसी भी खास समय पर कवरेज का आंकलन करना त्रुटिपूर्ण और गलत होगा। हालांकि हमने सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा बताए गए कवरेज के अनुपात के बारे में चुनाव आयोग की टिप्पणियों पर ध्यान दिया है। डीडी न्यूज और इसके द्वारा लोकसभा चुनावों की कवरेज का मामला पहली बार कांग्रेस ने एक अप्रैल को चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन में उठाया था।
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि डीडी न्यूज भाजपा को तरजीह दे रहा है। पार्टी ने उदाहरण के तौर पर 31 मार्च को डीडी न्यूज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैं भी चौकीदार कार्यक्रम का 84 मिनट तक लाइव ब्रॉडकास्ट करने का उल्लेख किया था। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के करीब एक महीने बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व वाली पार्टी बीजेपी को डीडी न्यूज और इसके रीजनल चैनल्स पर अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे ज्यादा कवरेज मिला है।
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश
डीडी और एआईआर के लिए चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश स्पष्ट रूप से कहते हैं कि दो पब्लिक ब्रॉडकास्टर्स को चुनाव प्रचार और भाषणों का उचित और संतुलित कवरेज देना चाहिए। संतुलित रूप से मतलब है कि किसी भी पार्टी को दूसरों की तुलना में अधिक कवरेज नहीं दिया जानी चाहिए। सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने पोल पैनल से इसी तरह की शिकायत की थी। राजनीतिक दलों के इस मामले को लेकर सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने डीडी न्यूज से जवाब देने को कहा था।