लोकसभा चुनाव: मध्यप्रदेश में आदिवासियों का नेतृत्व करने वाले दल कांग्रेस की बढ़ाएंगे मुसीबत!
By राजेंद्र पाराशर | Published: April 7, 2019 09:31 PM2019-04-07T21:31:08+5:302019-04-07T21:31:08+5:30
कांग्रेस द्वारा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जय आदिवासी युवा संगठन जयस से चर्चा कर एक-एक सीट पर समझौते की बात सामने आ रही थी, मगर आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर यह समझौता नहीं हुआ.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए फिर आदिवासियों का नेतृत्व करने वाले दल मुसीबत बढ़ाते नजर आ रहे हैं. मंडला, खरगौन में तो कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध भी मुखर हो रहा है, तो छिंदवाड़ा में भाजपा प्रत्याशी नत्थन सिंह को बदलने की मांग भी तेज हो गई है.
भाजपा के ही नेता घोषित प्रत्याशी को कमजोर प्रत्याशी बता रहे हैं. वहीं मंडला में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंंह मरकाम ने मैदान में उतरने की घोषणा भी की है. जबकि जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) भी कांग्रेस द्वारा खरगौन में घोषित किए प्रत्याशी को लेकर खफा है.
दोनों पार्टियों में विरोध
मध्यप्रदेश में प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा तो विरोध झेल रही थी, अब कांग्रेस में भी विरोध मुखर हो गया है. कांग्रेस द्वारा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जय आदिवासी युवा संगठन जयस से चर्चा कर एक-एक सीट पर समझौते की बात सामने आ रही थी, मगर आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर यह समझौता नहीं हुआ,जिसके बाद आदिवासियों का नेतृत्व करने वाले आदिवासी संगठन और राजनीतिक दल खफा हो गए हैं.
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंंह मरकाम ने तो घोषणा कर दी है कि वे मंडला से चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा उनकी पार्टी छिंदवाड़ा, बैतूल, सीधी, बालाघाट, होशंगाबाद, जबलपुर, दमोह और शहडोल में भी प्रत्याशी मैदान में उतारेगी.
गोंगपा यहां पर मंडला संसदीय क्षेत्र में समझौते के आधार पर कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतारना चाह रही थी, मगर कांग्रेस ने यहां पर गोंगपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह मरावी को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया है. इसी तरह छिंदवाड़ा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से अलग होकर नई पार्टी भारतीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मनमोहन शाह बट्टी ने भी मोर्चा खोल दिया है. बट्टी खुद छिंदवाड़ा से मैदान में उतर रहे हैं.
मंडला, खरगोन में कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध
मंडला और खरगोन में कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध तेज हो गया है. मंडला में पूर्व मंत्री गंगाबाई उरेती ने कमल सिंह परावी को पेरासूट उम्मीदवार बताया और विरोध किया. उरेती ने कहा कि कांग्रेस को यहां पर मैदानी पकड़ वाले अपने नेता को उम्मीदवार बनाना चाहिए था.
वहीं खरगोन में डा. गोविंद मुजाल्दे का जयस द्वारा तो विरोध किया ही जा रहा है, साथ ही कांग्रेस नेता भी नाराज है. कांग्रेस के खरगोन जिला के पूर्व जिला अध्यक्ष सुखलाल परमार ने खिलाफत की है.उन्होंने साफ कहा है कि पार्टी अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. उन्होंने सामूहिक इस्तीफे देने तक की चेतावनी भी पार्टी को दी है.
छिंदवाड़ा में भाजपा प्रत्याशी का विरोध
भाजपा द्वारा शुरु से ही महत्वपूर्ण मानी जा रही छिंदवाड़ा सीट पर शनिवार को नत्थन शाह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई. इस घोषणा के बाद शाह का विरोध भी तेज हो गया है. भाजपा विधायक रामदास उइके ने कहा कि महत्पूर्ण मानी जाने वाली इस सीट पर भाजपा ने कमजोर प्रत्याशी मैदान में उतारा है.
यहां पर कांग्रेस बड़े मार्जिन से चुनाव जीतेगी. उइके ने कहा कि पार्टी को पुनर्विचार कर प्रत्याशी बदलना चाहिए. उल्लेखनीय है कि नत्थन शाह जुन्नारदेव विधानसभा सीट से 2013 में विधायक चुनकर आए थे, इसके बाद 2018 के चुनाव में उनका टिकट पार्टी ने काट दिया था. इसके बाद अब लोकसभा के लिए उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है.