लोकसभा चुनावः राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा का कितना नुकसान करेगा तीसरा मोर्चा?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 20, 2019 07:14 AM2019-03-20T07:14:11+5:302019-03-20T07:14:11+5:30
राजस्थान विधानसभा चुनाव में 39.26 प्रतिशत वोट लेकर कांग्रेस ने 99 सीटें जीती, तो 38.77 प्रतिशत वोट लेकर बीजेपी ने 73 सीटें हांसिल की, जबकि बसपा ने 3.98 प्रतिशत वोट लेकर 6 सीटें जीती और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 2.41 प्रतिशत वोट के साथ 3 सीटें मिली।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान तीसरे मोर्चे की बड़ी चर्चा थी। कहा जा रहा था कि इस बार तीसरे मोर्चे के साथ के बगैर कांग्रेस या भाजपा, कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएंगी, लेकिन नतीजों में कांग्रेस-भाजपा के अलावा अन्य दलों का कोई खास असर नजर नहीं आया।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में 39.26 प्रतिशत वोट लेकर कांग्रेस ने 99 सीटें जीती, तो 38.77 प्रतिशत वोट लेकर बीजेपी ने 73 सीटें हांसिल की, जबकि बसपा ने 3.98 प्रतिशत वोट लेकर 6 सीटें जीती और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 2.41 प्रतिशत वोट के साथ 3 सीटें मिली। सवाल यह है कि इन नतीजों के साथ तीसरा मोर्चा, लोकसभा चुनाव को कितना प्रभावित कर पाएगा?
बसपा तो एक बार फिर लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाएगी ही, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 25 सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। राजस्थान में तो कांग्रेस और भाजपा के बीच ही सीधी टक्कर है, और तीसरे मोर्चे का कोई भी दल अकेले दम पर बड़ी कामयाबी दर्ज नहीं करा सकता है, इस कारण से रालोपा- बीएसपी, बीटीपी, सीपीआईएम सहित अन्य दलों से गठबंधन के लिए बातचीत कर रही है।
तीसरे मोर्चे की सियासी समस्या यह है कि सभी दलों का अपने-अपने क्षेत्रों में तो प्रभाव है, परन्तु संयुक्त प्रभाव इतना नहीं है कि एक-दूजे के काम आ सके। अकेले दम पर तीसरे मोर्चे के किसी भी दल के लिए संपूर्ण लोकसभा क्षेत्र से जीत के लायक वोट हांसिल करना बेहद मुश्किल है। इसलिए, लोकसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे की मौजूदगी, कांग्रेस-भाजपा की हार-जीत को तो प्रभावित कर सकती है, किन्तु कोई लोकसभा सीट जीत पाए यह संभव नहीं जान पड़ता है। अलबत्ता, कोई चुनावी चमत्कार हो जाए तो बसपा, रालोपा या बीटीपी, ज्यादा-से-ज्यादा एक-दो सीट जीत सकती हैं।