प्रज्ञा ठाकुर की चुनाव प्रचार के लिए संघ हुआ सक्रिय, विवादित बयानों के बाद बदली रणनीति
By राजेंद्र पाराशर | Published: April 23, 2019 08:08 AM2019-04-23T08:08:06+5:302019-04-23T08:23:28+5:30
भोपाल सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के उम्मीदवार बनाए जाने से पहले जो चिंता भाजपा को थी, उस पर खरी उतर रही हैं. भाजपा संगठन भोपाल से प्रज्ञा सिंह भारती के अलावा ऋतंभरा के नाम पर सहमत नहीं था, भाजपा पदाधिकारी संघ और राष्ट्रीय नेतृत्व को यह बता चुके थे कि इनके बयान भाजपा की मुसीबत खड़ी करेंगे.
मध्यप्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा भारती के लगातार विवादित बयानों के बाद भाजपा और संघ ने रणनीति को बदल दिया है. दोनों ने बैठकें कर यह तय किया है कि प्रज्ञा जो भी बोले वह धर्म पर बोले, वह भी सोच समझकर, आतंकवाद पर बोलने से वह परहेज रखें. इसके अलावा उनके साथ संघ और संगठन के पांच स्वयं सेवक और पदाधिकारी प्रचार के दौरान रहें.
भोपाल सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के उम्मीदवार बनाए जाने से पहले जो चिंता भाजपा को थी, उस पर खरी उतर रही हैं. भाजपा संगठन भोपाल से प्रज्ञा सिंह भारती के अलावा ऋतंभरा के नाम पर सहमत नहीं था, भाजपा पदाधिकारी संघ और राष्ट्रीय नेतृत्व को यह बता चुके थे कि इनके बयान भाजपा की मुसीबत खड़ी करेंगे.
खुद शिवराज सिंह चौहान यह बात कह चुके थे और उन्होंने इनके स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रखा था, मगर वे चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुई. अब जबकि प्रज्ञा को प्रत्याशी बनाया गया है और वे मैदान में उतरकर हार्ड हिन्दुत्व की बात कर रही है, जो भाजपा के लिए चिंता बन गई है. उनके बयानों पर आयोग द्वारा दिए नोटिस के बाद संगठन और चिंतित हो गया है. आयोग के नोटिस और प्रज्ञा के बयानों के बाद भाजपा की जो छवि खराब होती गई उसे लेकर भाजपा पदाधिकारी तीन दिनों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. अंत में आज इस बात पर सहमति हुई कि उनके चुनाव रणनीति को बदला जाए.
आतंकवाद पर बोलने से बचेंगी साध्वी
संघ और संगठन पदाधिकारियों ने यह तय किया है कि प्रज्ञा सिंह को आतंकवाद पर नहीं बोलना चाहिए. इसके बाद उन्हें यह बात बता भी दी गई. प्रज्ञा को कहा गया है कि वे आतंकवाद के मुद्दे पर नहीं बोले, हिन्दू आतंकवाद दिग्विजय सिंह को घेरने का काम अब भाजपा के नेता करेंगे. वे दिग्विजय सिंह द्वारा पूर्व में दिए बयानों को लेकर सिंह को घेरेंगे. साथ ही साध्वी के साथ स्वयं सेवक और संगठन के पदाधिकारी हमेशा रहेंगे. इनमें संघ के स्वयं सेवकों की संख्या 3 और संगठन पदाधिकारियों की संख्या 2 रहेगी. मीडिया में कोई भी बात रखने से पहले संगठन द्वारा नियुक्त मीडिया समन्वयक उन्हें यह बताएंगे कि क्या बोलना है. विशेषक हिन्दू आतंकवाद को लेकर.