राजस्थान में मोदी लहर: सभी 25 सीटें राजग के खाते में, भाजपा 24 पर जीती
By भाषा | Published: May 23, 2019 11:30 PM2019-05-23T23:30:45+5:302019-05-23T23:30:45+5:30
मोदी सरकार के चारों केंद्रीय मंत्री आसानी से जीत गए जबकि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह भी चुनावी समर में हार गए। निर्वाचन विभाग ने राज्य की सभी 25 सीटों के लिए परिणाम बृहस्पतिवार देर रात तक घोषित कर दिया।
लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर राजस्थान में भी दिखा, जहां भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सभी 25 सीटें जीत लीं। राज्य के इतिहास में पहली बार किसी पार्टी ने लगातार दूसरे चुनाव में एक तरह से एकतरफा जीत दर्ज की है।
मोदी सरकार के चारों केंद्रीय मंत्री आसानी से जीत गए जबकि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह भी चुनावी समर में हार गए। निर्वाचन विभाग ने राज्य की सभी 25 सीटों के लिए परिणाम बृहस्पतिवार देर रात तक घोषित कर दिया।
भाजपा ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की है, तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल नागौर सीट से जीते हैं। भाजपा ने इस पार्टी से चुनावी गठजोड़ किया था और इस जीत के साथ बेनीवाल राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखेंगे।
खींवसर सीट से विधायक बेनीवाल बड़े जाट नेता के रूप में उभरे हैं। राजस्थान में एक बार फिर चुनावी समर में उतरे मोदी सरकार के सभी चारों केंद्रीय मंत्रियों ने शानदार जीत दर्ज की है। इन चार मंत्रियों में बीकानेर सीट से अर्जुनराम मेघवाल, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, पाली से पीपी चौधरी एवं जयपुर (ग्रामीण) से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नाम शामिल हैं।
भाजपा ने मोदी सरकार में मंत्री रहे राज्य के पांच में से चार सांसदों को इन लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा। भाजपा ने उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री सीआर चौधरी को टिकट नहीं दिया था।
राजस्थान की हॉट सीट कही जा रही जोधपुर पर भाजपा के शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे एवं कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत को 274440 मतों से हराया। राज्य में मोदी लहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य की दो सीटों दौसा और करौली धौलपुर पर ही जीत का अंतर एक लाख मतों से कम का रहा।
सबसे बड़ी जीत की बात की जाए तो भीलवाड़ा सीट पर भाजपा के सुभाष चंद्र बहेड़िया ने कांग्रेस के रामपाल शर्मा को 612000 मतों से हराया। इसी तरह चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा प्रत्याशी चंद्रप्रकाश जोशी ने 576247 मतों एवं राजसमंद में दीया कुमारी ने 591916 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
उदयपुर, पाली, गंगानगर और अजमेर सीट पर जीत का अंतर चार लाख मतों से अधिक का रहा। यह परिणाम राजस्थान में कई मान्यताओं को तोड़ने वाला भी रहा। आमतौर पर राजस्थान में लोकसभा चुनाव में भी उसी पार्टी की बढ़त रहती है जिसकी राज्य में सरकार हो।
ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भाजपा और उसके सहयोगी दल ने सारी सीटें जीती हैं। जहां तक मत प्रतिशत का सवाल है भाजपा को 58.47 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.24 प्रतिशत मत मिले।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राज्य के मतदाताओं ने एक तरह से ‘मोदी से वैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं’ के नारे को खारिज कर दिया। पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव में हारकर वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली भाजपा सरकार सत्ता से बेदखल हुई तो कांग्रेस ने 200 में से 100 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। लेकिन कांग्रेस अपनी जीत का क्रम इन लोकसभा चुनाव में कायम नहीं रख पायी और उसके ज्यादातर प्रत्याशी कई लाख मत के अंतर से हार गए।