गुजरात में मुद्दों पर हावी रहा जातिवाद का रंग, सियासी पार्टियों ने जाति को ध्यान में रखकर उतारे प्रत्याशी

By महेश खरे | Published: April 30, 2019 07:51 AM2019-04-30T07:51:13+5:302019-04-30T07:51:13+5:30

lok sabha election: political parties played casteism card in gujarat parliament polls | गुजरात में मुद्दों पर हावी रहा जातिवाद का रंग, सियासी पार्टियों ने जाति को ध्यान में रखकर उतारे प्रत्याशी

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गुजरात में चुनावी मुद्दों पर इस बार जातिवाद का रंग चढ़ा दिखाई दिया. सियासी पार्टियों ने जाति को ध्यान में रखकर ही चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारे. समूचे गुजरात में सड़कों पर तो चुनावी माहौल कहीं कहीं ही दिखा. रोड शो अथवा स्टार प्रचारकों की सभाओं के समय अवश्य पोस्टर बैनर दिखे वैसे सामाजिक बैठकों में ही वोटों के गणित बैठाने के प्रयास हुए.

गुजरात की 11 सीटें तो ऐसी हैं जहां दौनों सियासी दलों भाजपा और कांग्रेस ने एक ही समाज के चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा. सुरेंद्रनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाना, पाटन, अहमदाबाद पूर्व, जामनगर और राजकोट ऐसे क्षेत्र हैं जहां एक ही समाज के प्रत्याशी एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं. जातीय गणित के हिसाब से दौनों दलों ने अपने चेहरे चुने. महिला उम्मीदवार चुनने में भले ही कांग्रेस ने भाजपा से प्रतिस्पर्धा नहीं की हो, लेकिन जातिवाद को लेकर दोनों में होड़ दिखाई दी.

बता दें कि भाजपा ने जहां छह महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा वहीं कांग्रेस ने मात्र एक गीता पटेल को अहमदाबाद पूर्व से अपना प्रत्याशी बनाया. गीताबेन को भी टिकट हार्दिक पटेल के कोटे से मिला. पाटीदार आरक्षण आंदोलन में गीताबेन हार्दिक के साथ रहीं. कोली समाज का कई सीटों पर प्रभुत्व : कांग्रेस के आदिवासी प्रत्याशी 5 हैं तो भाजपा के 4, एससी प्रत्याशी दौनों ने बराबर दो दो उतारे जबकि पाटीदार भाजपा के 6 और कांग्रेस के आठ हैं.

क्षत्रिय ठाकोर भाजपा ने चार तो कांग्रेस के तीन चेहरे मैदान में हैं. गुजरात में कोली समाज का कई सीटों पर प्रभुत्व है. इसे ध्यान में रख कर भाजपा ने तीन तो कांग्रेस ने चार प्रत्याशी कोली समाज से बनाए. मुस्लिम प्रत्याशी की बात करें तो अकेले कांग्रेस ने भरूच से मुस्लिम चेहरे को उतारा है. बॉक्स वर्चस्व के हिसाब से समाजों को मिला भाव लोकसभा चुनाव में जिस समाज का जहां वर्चस्व रहा दोनों पार्टियों ने वहां उसे भाव दिया.

परप्रांतीय कई जगह निर्णायक हैं लेकिन भाजपा ने मात्र एक सीट पर परप्रांतीय को उतारा है. वणकि और अहीर समाज से दोनों दलों ने एक एक चेहरा ही उतारा तो केवल भाजपा ने ही दो ब्राम्हण प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है.

Web Title: lok sabha election: political parties played casteism card in gujarat parliament polls