महागठबंधन में सीटों को लेकर नहीं बन पार रही है बात, कांग्रेस 'फ्रंट फुट' पर खेलने की कर रही है तैयारी
By एस पी सिन्हा | Published: January 27, 2019 04:55 PM2019-01-27T16:55:08+5:302019-01-27T16:55:08+5:30
सूत्रों के मुताबिक, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस कम से कम 16 सीटें मांग रही है और यह संकेत भी दे रही है कि कांग्रेस किसी भी हाल में 12 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी.
बिहार में महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. जितनी पार्टियां हैं, उतना ही पेंच भी बरकरार है. सीट शेयरिंग का फॉर्मला तो तैयार नहीं ही हो पा रहा है, ऊपर से चर्चा इस बात की भी जोर पकडने लगी है कि यूपी की तरह कहीं यहां भी कांग्रेस को राजद गठबंधन से बाहर ना रख दे. वैसे जीतनराम मांझी भी नाराज बताए जा रहे हैं.
वहीं, प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय महासचिव बनना और राहुल गांधी के 'फ्रंट फुट' पर खेलने के बयान ने बिहारकांग्रेस के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक में उत्साह भर दिया है. अब बिहार के कांग्रेसी नेता भी प्रदेश में फ्रंट फुट पर खेलने की बात कहने लगे हैं और 1990 से पहले के दौर को याद कर रहे हैं.
शायद यही कारण है कि सूबे में महागठबंधन में सीट बंटवारे पर तस्वीर जरा भी साफ नहीं हो पा रही है. महागठबंधन की प्रमुख पार्टियों (कांग्रेस और राजद) में अब तक कुछ बात नहीं बन पा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस कम से कम 16 सीटें मांग रही है और यह संकेत भी दे रही है कि कांग्रेस किसी भी हाल में 12 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से सीटों को लेकर कोई बडा फैसला 3 फरवरी की रैली के बाद हो सकता है. तीन फरवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में कांग्रेस की रैली है. इस रैली में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल होंगे.
हालांकि, कांग्रेस की पूर्व सांसद मीरा कुमार भी लालू यादव से मुलाकात कर चुकी हैं. राहुल गांधी और सोनिया गांधी की खासमखास मीरा कुमार के लालू यादव से भी व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं. लिहाजा कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल और सोनिया गांधी का संदेश लेकर ही मीरा ने लालू यादव से मिली हैं.
उधर, कांग्रेस तीन फरवरी को ऐतिहासिक गांधी मैदान में जन आकांक्षा रैली करने जा रही है. इस रैली को लेकर बिहार कांग्रेस में काफी उत्साह है. दो दशक बाद कांग्रेस अपने बूते बिहार में कोई बडी रैली कर रही है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित महागठबंधन के तमाम दिग्गजों के शामिल होने की उम्मीद है.
जन आकांक्षा रैली को लेकर बिहार कांग्रेस के नेता जोर-शोर से लगे हुए हैं. पार्टी इस रैली को सफल बनाने के लिए सभी जिलों से भारी संख्या में लोगों की भीड जुटाने में लगी हुई है. राहुल गांधी इस रैली से मिशन 2019 की शंखनाद करेंगे.
वहीं, सबकी नजर इस रैली के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी होगी. तेजस्वी यादव स्पष्ट कह चुके हैं कि जिसकी जितनी हैसियत होगी, उसके हिसाब से सीटें दी जाएंगी. इधर, हिंदी बेल्ट के तीन बडे प्रदेशों में जीत के बाद कांग्रेस जोश से लबरेज है और अपने लिए अधिक सीटों की मांग कर रही है.
तीन फरवरी को जन आकांक्षा रैली के जरिए कांग्रेस बिहार में अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. ऐसे में सबकी निगाहे तेजस्वी यादव पर हैं कि क्या वे इस रैली में शामिल होंगे या दूरी बनाकर रखेंगे क्योंकि माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस, राजद द्वारा प्रस्तावित सीटों पर नहीं मानती है तो राजद यूपी की तर्ज पर अपने लिए नए विकल्प पर विचार कर सकता है.
मतलब कांग्रेस के बगैर भी बाकी छोटे दलों के साथ चुनाव में जाने का कडा फैसला ले सकता है. ऐसे में कई सवाल अहम हैं, मसलन क्या तेजस्वी उस रैली के दौरान राहुल के साथ मंच साझा करेंगे? क्या तेजस्वी उसी दिन राहुल से सीटों पर रजामंदी बना पाएंगे?