वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद भी किरोड़ी सिंह बैंसला थामेंगे कमल, ये है वजह
By संतोष ठाकुर | Published: April 10, 2019 08:18 AM2019-04-10T08:18:12+5:302019-04-10T08:18:12+5:30
एक केंद्रीय नेता ने कहा कि ऐसे समय में जब एक-एक सीट महत्वपूर्ण है तो उस स्थिति में एक नेता की नाराजगी को तव्वजों देना उचित नहीं है. रालोपा के हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी सिंह बैंसला को राजे का धुर विरोधी माना जाता है.
राजस्थान में पिछले आम चुनाव की तरह इस बार भी सभी संसदीय सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा के रणनीतिकारों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई है. इसके बाद से यह आकलन किया जा रहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें कम होंगी.
लेकिन इस आकलन को गलत साबित करने के लिए भाजपा के रणनीतिकारों ने पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सााथ गठबंधन किया तो अब वह गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला को पार्टी में शामिल करना चाह रहे हैं. इससे राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नाराज हैं. लेकिन उनकी नाराजगी के बाद भी पार्टी ने यह कदम उठाने का निर्णय किया है.
एक केंद्रीय नेता ने कहा कि ऐसे समय में जब एक-एक सीट महत्वपूर्ण है तो उस स्थिति में एक नेता की नाराजगी को तव्वजों देना उचित नहीं है. रालोपा के हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी सिंह बैंसला को राजे का धुर विरोधी माना जाता है.
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर की आज केंद्रीय नेतृत्व से इस पर बातचीत हुई. उसके बाद बैंसला के भाजपा में आने का रास्ता साफ हो गया है. वह जल्द ही भाजपा का कमल थामेंगे. बैंसला को लेकर भी वसुंधरा को उसी तरह की आपत्ति थी, जिस तरह से उन्होंने बेनीवाल को लेकर दर्ज कराई थी.
गुर्जर वोटों से पार्टी को लाभ होगा राजस्थान में करीब तीन दशक के बाद किसी दल से भाजपा ने गठबंधन किया है. पार्टी को उम्मीद है कि बैंसला के पार्टी में आने से गुर्जर वोटों से उसे लाभ होगा. जावड़ेकर ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को आश्वस्त किया है कि बैंसला पार्टी में आने के बाद अपने लिए कुछ भी नहीं मांगेंगे.