लोकसभा चुनावः गुजरात में परिवर्तन या फिर BJP की बरकरार रहेगी धाक, यहां इस बार ये मुद्दे रहे हावी
By महेश खरे | Published: April 23, 2019 07:46 AM2019-04-23T07:46:09+5:302019-04-23T07:46:09+5:30
लोकसभा चुनावः गुजरात में भाजपा ने इस चुनाव में 6 महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक गीता पटेल को अहमदाबाद से मैदान में उतारा है. सियासी पार्टियों ने करोड़पतियों को टिकट देने में तरजीह दी. भाजपा, कांग्रेस के 52 में से मात्र 5 प्रत्याशी ही करोड़पति नहीं हैं.
सत्रहवीं लोकसभा के लिए गुजरात से 26 चेहरों को चुनने का समय आ गया. मंगलवार को तीसरे चरण के मतदान में गुजरात के 44745125 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. गुजरात में 21488437 महिलाएं और 23256688 पुरुष मतदाता हैं. गांधीनगर सीट से भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, अमरेली से विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानानी समेत वोटर अपने अपने क्षेत्रों में पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी, तुषार चौधरी, सी. आर. पाटिल, दर्शना जरदोश, गीता पटेल सहित चुनाव मैदान में डटे 370 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे.
गुजरात में भाजपा ने इस चुनाव में 6 महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक गीता पटेल को अहमदाबाद से मैदान में उतारा है. सियासी पार्टियों ने करोड़पतियों को टिकट देने में तरजीह दी. भाजपा, कांग्रेस के 52 में से मात्र 5 प्रत्याशी ही करोड़पति नहीं हैं.
पिछले चुनावों के मतदान के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो भारी मतदान सत्तारूढ़ दल के लिए नुकसानदायक रहा है. विधानसभा चुनाव में 63.6% मतदान हुआ था. इसमें विपक्षी कांग्रेस की सीटें बढ़ गई थीं. वहीं 2009 में 47.9% वोट पड़े थे तब भाजपा को 15 और कांग्रेस को 11 सीटें मिली थीं. इसलिए भाजपा ने अपने बूथ प्रबंधन में पहले 4 घंटे में अपने समर्थकों के वोट डलवाने की रणनीति बनाई है.
गुजरात के गांवों में इस बार महंगाई, पानी, फसल की बर्बादी और बेरोजगारी जैसे मुद्दे प्रभावी हैं. जबकि शहरी क्षेत्र में राष्ट्रवाद के मुद्दे ने मतदाता को अधिक प्रभावित किया है. गांव में 57% जबकि शहरों में 43% वोटर हैं. चुनाव के दौरान प्रमुख सियासी दलों कांग्रेस और भाजपा में आयाराम-गयाराम खूब चला. करीब 3 सप्ताह चले चुनाव प्रचार में गुजरात के नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजनाथ सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्मृति ईरानी, योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, नवजोत सिंह सिद्धू समेत दोनों दलों के कई सितारों ने वोटरों को लुभाने के लिए दौरे किए.
प्रचार में नहीं दिखे लालकृष्ण आडवाणी इस बार भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी चुनावी दृश्य से नदारद रहे. हालांकि कांग्रेस नेताओं ने आडवाणी के बहाने बुजुर्ग नेताओं के साथ सलूक का मुद्दा उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश की. राकांपा नेता शंकरसिंह वाघेला भी चुनाव में पूर्व की भांति सक्रिया नहीं रहे. राकांपा ने पहले सभी 26 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा करके कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी, लेकिन माड़ 3 प्रत्याशी ही खड़े किए. सपा और बसपा ने भी केवल अपनी उपस्थिति दर्शाने का ही प्रयास किया.