एक्सक्लूसिवः पहले चरण में मतदान के पैटर्न में बदलाव बनी पहेली, यहां जानिए पूरा विस्तृत रिपोर्ट
By हरीश गुप्ता | Published: April 14, 2019 08:03 AM2019-04-14T08:03:17+5:302019-04-14T11:23:41+5:30
लोकसभा चुनावः भाजपा-जदयू-लोजपा के बीच गठबंधन के बावजूद चुनाव विश्लेषक मतदान में इतनी कमी की पहेली को समझने में असमर्थ हैं. उत्तराखंड में भी मतदान का ग्राफ गिरा है.
चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल को पहले चरण में 91 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के शनिवार जो नवीनतम आंकड़े जारी किए हैं, उनसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पूर्व जारी रिपोर्ट के विपरीत यह सामने आया है कि बिहार की चार लोकसभा सीटों पर 2014 की तुलना में 11 अप्रैल को 24 प्रतिशत कम मतदान हुआ. औरंगाबाद की ही बात करें तो 2014 की तुलना में वहां 31.5 प्रतिशत कम मतदान हुआ.गया, जमुई और नवादा में भी ऐसा ही रहा.
भाजपा-जदयू-लोजपा के बीच गठबंधन के बावजूद चुनाव विश्लेषक मतदान में इतनी कमी की पहेली को समझने में असमर्थ हैं. उत्तराखंड में भी मतदान का ग्राफ गिरा है. 2014 में वहां 73.19 प्रतिशत मतदान हुआ था और भाजपा वहां की सभी पांच सीटें जीतने में सफल रही थीं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इस बार उत्तराखंड में सिर्फ 59.89 प्रतिशत मतदान हुआ जो 14 प्रतिशत कम है.
उत्तर प्रदेश में भी आठ सीटों पर 1.5 प्रतिशत कम मतदान हुआ. वहीं, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि ओडिशा में भी रिकॉर्ड मतदान हुआ. पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर10 प्रतिशत अधिक वोट पड़े. मणिपुर में भी ऐसा ही हुआ. असम में भाजपा के लिए अनुकूलता का संकेत देते हुए 6 प्रतिशत अधिक वोट पड़े. 2014 में 72.29 प्रतिशत मतदान हुआ था था जबकि 2019 में यह 79 प्रतिशत हो गया.
ओडिशा में मतदान में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, लेकिन इससे चार सीटों पर भाजपा की लोकप्रियता के संकेत मिलते हैं. मणिपुर और मेघालय में मतदान का ग्राफ कम रहा जहां कई स्थानीय कारणों और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) की वजह से भाजपा की स्थिति कमजोर है. आश्चर्यजनक है कि अरुणाचल प्रदेश में दो सीटों पर 7 प्रतिशत कम वोट पड़े. इसके बावजूद गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू अरुणाचल प्रदेश (पश्चिम) से संतुष्ट हैं. इससे इतर पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में हुए रिकॉर्ड मतदान से भाजपा को संतुष्टि मिल सकती है.
यवतमाल-वासिम में 20 प्रतिशत कम वोट पड़े
चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, यवतमाल-वासिम लोकसभा सीट पर 2014 में 81.27 प्रतिशत की तुलना में इस बार 20 प्रतिशत कम मतदान हुआ. चुनाव आयोग ने कहा कि 61.9 प्रतिशत मतदान हुए . वहीं, चंद्रपुर में 2014 की तुलना में 15 प्रतिशत कम मतदान दर्ज किया गया.