मौका मिलने पर गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार हैं कांग्रेस, पार्टी हाईकमान ने बनाई ये रणनीति
By भाषा | Published: May 18, 2019 05:41 AM2019-05-18T05:41:11+5:302019-05-18T05:41:11+5:30
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों को साथ लाने के लक्ष्य से संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विश्वासपात्र नेताओं से कहा है कि वे 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही एक बैठक बुलाएं।
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को लेकर प्रतिबद्ध है और गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यदि कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरती है, तो तब भी उसे किसी क्षेत्रीय नेता का समर्थन करने से कोई गुरेज नहीं होगा।
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों को साथ लाने के लक्ष्य से संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विश्वासपात्र नेताओं से कहा है कि वे 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही एक बैठक बुलाएं। आजाद ने गुरुवार को शिमला में कहा था, ‘‘मेरा पार्टी आलाकमान पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कांग्रेस को किसी क्षेत्रीय पार्टी से प्रधानमंत्री बनाने में कोई गुरेज नहीं है।’’
हालांकि शुक्रवार को अपने रुख में कुछ बदलाव करते हुए आजाद ने कहा, ‘‘यह सच नहीं है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के लिए दावा नहीं करेगी। कांग्रेस सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी है, यदि सरकार को पांच साल चलाना है तो उसे मौका मिलना चाहिए।’’
आजाद की टिप्पणी के बारे में सवाल करने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि वे भिन्न मतों वाले लोगों और राजनीतिक दलों को साथ लेकर चलना चाहेंगे। अगर जरूरत महसूस हुई तो हम उन्हें साथ लेकर चलने के लिए अपनी ओर से कोशिश करेंगे और मुझे लगता है कि गुलाम नबी जी जो कह रहे हैं, वह इससे अलग नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश में प्रगतिशील, उदारवादी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए प्रतिबद्ध है।’’ सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस को विश्वास है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।