लोकसभा चुनावः पीएम मोदी क्यों सियासी विरोधियों के परिवारों को लेकर टिप्पणियां कर रहे हैं?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 25, 2019 05:44 AM2019-04-25T05:44:12+5:302019-04-25T05:44:12+5:30
पीएम मोदी ने जोधपुर की चुनावी सभा में गहलोत पर बेटे के लिए वोट मांगने को गली-गली घूमने जैसी टिप्पणी की थी. जोधपुर में गहलोत ने प्रेस से कहा कि प्रदेश की सभी पच्चीस सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की चिंता हम नहीं करेंगे तो क्या मोदी करेंगे.
गांधी और नेहरू परिवारों पर तो पीएम मोदी लंबे समय से सियासी हमले कर ही रहे थे, लेकिन अब राजनीतिक विरोधियों पर भी परिवार को लेकर निशाना साध रहे हैं. यही वजह है कि उनके अमर्यादित बयानों पर अमर्यादित जवाब भी आ रहे हैं.
कुछ समय पहले शरद पवार के परिवार को लेकर पीएम मोदी ने टिप्पणी की थी, तो उन्हीं की भाषा में जवाब भी आया. शरद पवार ने कहा कि- मोदी कहते हैं कि पवार साहब अच्छे आदमी हैं, लेकिन उन्हें पारिवारिक समस्या है. उनके भतीजे उनके हाथ से निकल गए हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि मेरे घर में क्या चल रहा है, इससे उन्हें क्या मतलब है. लेकिन इसके बाद मुझे एहसास होता है कि मेरे पास पत्नी है, बेटी है, दामाद और भतीजे हैं, जो मुझसे मिलते हैं, लेकिन उनके(मोदी) के पास कोई नहीं है.
कुछ ऐसा ही जवाब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दिया है. सीएम गहलोत ने कहा कि- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बच्चे हैं नहीं, इस कारण वे ऐसी बात कह रहे हैं कि मैं अपने बेटे के लिए गली-गली वोट मांगता घूम रहा हूं. दुनिया का प्रत्येक पिता अपने बच्चों की सफलता के लिए अपनी तरफ से भरसक प्रयास करता है. ऐसे में यदि मैं भी ऐसा कर रहा हूं तो इसमें नया क्या है.
वंशवाद पर पीएम मोदी भले ही लगातार हमले कर रहे हैं, परन्तु बीजेपी के ही एक दर्जन से ज्यादा बड़े नेताओं को अपने परिवारजनों को सियासी समर्थन देने से रोक नहीं पा रहे हैं. वंशवाद के विरोध की नीति के बावजूद बीजेपी नेतृत्व राजस्थान में ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह का टिकट काटने की हिम्मत नहीं जुटा पाया.
पीएम मोदी के पहले चरण के राजस्थान दौरे के बाद सीएम गहलोत उन पर लगातार सियासी हमले कर रहे हैं. गहलोत कह रहे हैं कि- मोदी को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की बिलकुल भी परवाह नहीं है. वे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा के बजाय बेमतलब के मुद्दे उछाल रहे हैं, ताकि खुद की नाकामियों को छिपाया जा सके.
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने जोधपुर की चुनावी सभा में गहलोत पर बेटे के लिए वोट मांगने को गली-गली घूमने जैसी टिप्पणी की थी. जोधपुर में गहलोत ने प्रेस से कहा कि प्रदेश की सभी पच्चीस सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की चिंता हम नहीं करेंगे तो क्या मोदी करेंगे. प्रदेश में बरसों पश्चात पूरी एकजुटता के साथ पार्टी के सभी प्रत्याशियों के समर्थन में अभियान चलाया जा रहा है.
गहलोत का कहना है कि मेरी दिल्ली यात्राओं का ब्यौरा रख, मोदी मेरी जासूसी करवा रहे हैं.
यही नहीं, प्रदेश में किसान कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं होने के मोदी के आरोप पर गहलोत का कहना है कि हमारी सरकार बने अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन हमने सीसीबी बैंकों के माध्यम से किसानों के दो लाख रुपए तक के ऋण माफ कर दिए हैं. अब राष्ट्रीयकृत बैंकों के असहयोग के कारण शेष किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इन बैंकों पर मोदी का नियंत्रण है.
गहलोत का कहना है कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मोदी राष्ट्रवाद का नाम ले रहे हैं. देश के ज्वलंत मुद्दों पर एक बार भी नहीं बोल रहे हैं. मोदी खुद ही सवाल करते है और खुद ही जवाब दे रहे हैं. ऐसा करके वे देश को गुमराह कर रहे हैं. मोदी अभी तक किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसा व्यवहार कर रहे हैं, जबकि वे पांच साल से देश के प्रधानमंत्री हैं. इतना ही नहीं, गहलोत का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी में राजनीतिक अनुभव की बहुत कमी है. उन्हें राजनीति करते हुए महज बीस साल हुए हैं, जबकि चालीस साल से अधिक समय से मैं राजनीति में सक्रिय हूं.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं, लेकिन ऐसी पारिवारिक और व्यक्तिगत टिप्पणियों से न केवल चुनाव प्रचार का स्तर गिर रहा है, बल्कि अमर्यादित बयानों में भी बढ़ोतरी हो रही है.