लोकसभा चुनावः यहां जानिए, 2014 के मुकाबले कहां कमजोर हुई बीजेपी और कहां बढ़ी ताकत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 24, 2019 08:04 AM2019-05-24T08:04:09+5:302019-05-24T08:04:09+5:30

2014 में भाजपा ने सूबे की 71 सीटों पर जीत हासिल की थी. सपा-बसपा और रालोद गठबंधन की वजह से भाजपा को यहां कुछ सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है. पश्चिम बंगाल में बड़ी बढ़त पश्चिम बंगाल में भाजपा 19 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि 2014 में केवल 2 सीटों पर कमल खिला था.

lok sabha election 2019: Where is the BJP weak and stronger than 2014, narendra modi-congress | लोकसभा चुनावः यहां जानिए, 2014 के मुकाबले कहां कमजोर हुई बीजेपी और कहां बढ़ी ताकत

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Highlightsभाजपा के नेतृत्व में राजग ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है. भाजपा अपने बूते 300 पार पहुंच गई है.मोदी लहर ने हिंदी पट्टी और गुजरात में ही परचम नहीं लहराया है बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी पार्टी को शानदार बढ़त दिलाई है. 2014 में भाजपा ने सूबे की 71 सीटों पर जीत हासिल की थी. सपा-बसपा और रालोद गठबंधन की वजह से भाजपा को यहां कुछ सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है.

भाजपा के नेतृत्व में राजग ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है. भाजपा अपने बूते 300 पार पहुंच गई है. भाजपा 2014 के अपने प्रदर्शन में सुधार कर ज्यादा सीटें जीतती दिखी है. 2014 में भाजपा ने लोकसभा की 543 सीटों में से 282 सीटें जीती थीं. राजग 2014 की 336 सीटों के मुकाबले 343 सीटों पर काबिज होता दिख रहा है.

मोदी लहर ने हिंदी पट्टी और गुजरात में ही परचम नहीं लहराया है बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी पार्टी को शानदार बढ़त दिलाई है. सिर्फ केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ही अछूते दिखाई दिए हैं. आइए नजर डालते हैं भाजपा इस बार कहां-कहां मजबूत हुई और कहां उसकी सीटें कम हुई हैं. यूपी में कम हुईं कुछ सीटें उत्तर प्रदेश में भाजपा 63 सीटों पर आगे है, वहीं सपा-बसपा गठबंधन को सिर्फ 16 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है.

2014 में भाजपा ने सूबे की 71 सीटों पर जीत हासिल की थी. सपा-बसपा और रालोद गठबंधन की वजह से भाजपा को यहां कुछ सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है. पश्चिम बंगाल में बड़ी बढ़त पश्चिम बंगाल में भाजपा 19 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि 2014 में केवल 2 सीटों पर कमल खिला था. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस राज्य की 42 में से 22 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए है और राज्य पर दशकों तक राज करनेवाले वाम को किसी भी सीट पर बढ़त नहीं मिली है.

ओडिशा में लगाया छक्का ओडिशा की 21 सीटों में से भाजपा 6 सीटों पर जबकि बीजद 15 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. 2014 में बीजद ने 20 सीटें जीती थीं जबकि भाजपा ने 1 पर जीत दर्ज की थी. कर्नाटक में मजबूत कर्नाटक में भाजपा 21 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि कांग्रेस और जद-एस 2-2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. 2014 में भाजपा को यहां 17 सीटों पर जीत मिली थी. बिहार में फिर भाजपा की बहार बिहार में एक बार फिर पार्टी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है.

भाजपा, जदयू, लोजपा गठबंधन 37 सीटों पर आगे है जबकि राजद, कांग्रेस, रालोसपा, हम गठबंधन 3 सीटों पर ही बढ़त बनाए हुए है. 2014 में भाजपा ने यहां कुल 40 में से 22 सीटों पर कब्जा जमाया था. इस बार पार्टी यहां 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी और लगभग सभी सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है. महाराष्ट्र में भी मारी बाजी महाराष्ट्र में फिर भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को ध्वस्त कर दिया है.

भाजपा फिर यहां कुल 48 में से 23 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है. 2014 में भी उसने इतनी ही सीटें जीती थी जबकि शिवसेना 18 से 19 हो सकती है. गुजरात फिर मोदी के साथ मोदी के गृहराज्य में भाजपा 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहराती हुई दिख रही है जब उसने सभी 26 सीटें जीती थी. हिमाचल के पहाड़ों पर कमल ही कमल हिमाचल में भाजपा राज्य की सभी चारों लोकसभा सीटों को जीतने जा रही है.

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चारों सीटें जीती थी. उत्तराखंड की पांचों सीटों पर कब्जा भाजपा के उम्मीदवार रुझानों में राज्य की सभी पांचों सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. भाजपा सभी पांचों सीटों पर कांग्रेस के मुकाबले 60,000 से 1 लाख 25 हजार वोटों तक की बढ़त बनाए हुए हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था.

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तेलंगाना में चौका उत्तर भारत के साथ दक्षिण के कुछ हिस्सों में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है. तेलंगाना में भी भाजपा चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. एमपी में जलवा कायम मध्यप्रदेश में भाजपा 29 में से 28 सीटों पर आगे चल रही है. राजस्थान में राजग सभी 25 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. छत्तीसगढ़ में भी भाजपा 10 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है. दिल्ली की सातों सीटों पर फिर कब्जा राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सातों लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में जा रही है, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस यहां खाता नहीं खोल पाई है.

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