लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर 11 अप्रैल को वोटिंग, जानिए क्या कहता है यहां का समीकरण

By विनीत कुमार | Published: April 10, 2019 03:57 PM2019-04-10T15:57:55+5:302019-04-10T15:57:55+5:30

पश्चिम बंगाल में दो सीटों- कूचबिहार और अलीपुरद्वार पर 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत वोटिंग होनी है।

lok sabha election 2019 west bengal 1st phase voting in Cooch Behar and Alipurduar | लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर 11 अप्रैल को वोटिंग, जानिए क्या कहता है यहां का समीकरण

बीजेपी और टीएमसी में असली लड़ाई (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव-2019 का आगाज 11 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग के साथ गुरुवार को हो जाएगा। पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों पर चुनाव हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, असम, महाराष्ट्र सहित पश्चिम बंगाल और दूसरे कई राज्य शामिल हैं। बात पश्चिम बंगाल की करें तो यहां दो सीटों- कूचबिहार और अलीपुरद्वार पर 11 अप्रैल को चुनाव हैं। पश्चिम बंगाल सहित बिहार और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां सातों चरणों में चुनाव होने हैं। बहरहाल, नजर डालते हैं पश्चिम बंगाल की उन दो सीटों पर जहां लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।

कूचबिहार- इस सीट की बात करें तो तमाम उम्मीदवारों की नजर राजबोंसी समाज पर टिकी होंगी जिनकी संख्या बतौर वोटर करीब 54 फीसदी है। इस सीट पर पिछली बार 2014 में टीमसी की रेणुका सिन्हा विजयी रही थीं। सिन्हा का हालांकि निधन हो गया और फिर 2016 में यहां उपचुनाव हुए। इस बार चौंकाने वाले परिणाम आये और बीजेपी दूसरे नंबर पर रही। ऐसे में इस बार माना जा रहा है कि पार्टी यहां टीएमसी को कड़ी चुनौती पेश कर सकती है। इस बार टीएमसी ने  परेश अधिकारी को मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी की ओर से निसिथ प्रमाणिक चुनावी मैदान में हैं। दिलचस्प ये है कि प्रमाणिक पिछसे ही साल टीएमसी से बाहर किये जाने के बाद बीजेपी से जुड़े हैं। यह सीट ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) का गढ़ रहा है लेकिन 2014 के बाद से ही यह तस्वीर बदल गई है। यहां 1977 से 2009 तक एआईएफबी का दबदबा रहा।  

अलीपुरद्वार- चाय के बागान से घिरे इस क्षेत्र में ममता बनर्जी सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरी ओर टीएमसी की ओर से खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रैलियां कर चुकी हैं। ऐसे में यहां के चुनावी जंग को समझा जा सकता है। यहां बीजेपी की ओर से जॉन बारला और राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी की ओर से दशरथ तिर्की मैदान में हैं। दशरथ तिर्की यहां से पिछली बार विजयी रहे थे। कांग्रेस ने भी यहां से एक उम्मीदवार मोहनलाल बासुमता को खड़ा किया है लेकिन असली लड़ाई बीजेपी और टीएमसी के बीच ही है। रोवोल्यूसनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) ने मिली आरो ओराव को टिकट दिया है। तिर्की आरएसपी के टिकट पर कुमारग्राम से तीन बार विधायक रह चुके हैं लेकिन 2014 में वह टीएमसी से जुड़े और संसद पहुंचने में कामयाब रहे। बीजेपी ने पिछली बार यहां से बीरेंद्र बारन ओड़ाव को टिकट दिया था और उन्होंने 3,35,857 वोट हासिल किये थे। यह दशरथ के 29.46 प्रतिशत के मुकाबले 27.30 प्रतिशत वोट शेयर था।

बहरहाल, बीजेपी के इस बार के उम्मीदवार बारला कभी 'आदिवासी विकास परिषद' से जुड़े थे और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर देखे जाते हैं। ऐसे में चुनाव में उनकी कोशिश आदिवासी और यहां नेपाली बोलने वाले समाज के वोट हासि करने की होगी। जहां तक टीमएमसी की बात है तो वह पूरी तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निर्भर है। ममता ने इस क्षेत्र में पांच बार जनसभाओं को संबोधित किया है। हालांकि, इन तमाम रैलियों के बीच यह आरोप लगता रहा है कि किसी भी पार्टी ने यहां चाय बागानों में काम करने वाले कामगारों की समस्याओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन आरोप-प्रत्यारोप खूब चले।

Web Title: lok sabha election 2019 west bengal 1st phase voting in Cooch Behar and Alipurduar