लोकसभा 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुश नहीं है वाराणसी का नाविक समाज, बताई वजह
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: March 20, 2019 02:28 PM2019-03-20T14:28:19+5:302019-03-27T10:03:10+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की साफ-सफाई और नदी की धारा को अविरल करने का प्रयास हो रहा है। सरकार जलमार्ग के जरिये माल ढुलाई और यात्रियों के आवागमन को शुरू करने की भी बात कर रही है लेकिन पीएम के संसदीय क्षेत्र के नाविक सरकार की योजना को लेकर आशंकित हैं।
गंगा किनारे दशाश्वमेध घाट पर आराम फरमा रहे निषादराज कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिहानी ने खुलकर लोकमत न्यूज के साथ मोदी सरकार के कामकाज अपने समुदाय की चिंताओं को लेकर बात की। प्रदीप सिहानी ने कहा, ''पांच साल में सिर्फ हाईलाइट की चीजें दिखाई दी हैं.. जिस-जिस भी घाट पर पीएम आए हैं.. वो हाईलाइट हुआ है.. वो तो प्रधानमंत्री हैं.. जिस घाट पर आएंगे.. वो हाइलाइट होगा.. लेकिन जहां तक साफ-सफाई की बात है.. यहां पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है.. आप देखिए पांच साल के अंतर्गत ये सीढ़ियों का घाट... इससे पहले यह बैटर था.. बड़े-बड़े.. तीन-चार इंची के मोटे-मोटे सिल लगे रहते थे.. आज क्या है कि ये टूटे-फूटे हैं.. अभी तक नहीं हुआ है.. आज चुनाव नजदीक आया है तो कुछ घाट पर मरम्मत हो रही है.. तो क्या मतलब चुनाव है इसीलिए हो रहा है?''
उन्होंने आगे कहा, ''और क्या अस्सी से राजघाट तक ही है, उसके आगे भी जाइये, कई सारे नाले हैं, शाही नाले हैं.. क्या आजतक बंद हुए? नहीं हुए।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी को जापान के शहर क्योटो की तरह बनाना चाहते हैं। तो काशी कितना क्योटो बना इन पांच सालों में?
काशी को क्योटो बनाने की बात पर प्रदीप ने कहा, ''जो अपने में धरोहर है.. काशी अपने में लुप्त है.. जो पूरब ग्राही की तरफ से यहां पर नावें चलती हैं.. क्या विदेशी कंपनी लाकर आप क्रूज चलवाना चाह रहे हैं। क्रूज लाएंगे तो ये समुदाय के लोग क्या करेंगे? जब भी आप विकास करें, समुदाय के लिए करें और जो स्थानीय हैं लोग.. उनके लिए विकास करिए। ..तो आजतक आप ऐसा नहीं किए और बड़ी कंपनियां को लियाकर क्रूज लिबा दिए.. तो ये विकास है कि आप अन्य लोगों को यहां से हटाकर दूसरे लोगों को रखना चाहते हैं अब?''
प्रदीप से हमने जाना चाहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले नाविकों की जो समस्याएं थीं, इन पांच सालों में उनका क्या हुआ? इस पर उन्होंने कहा, ''नहीं बोलना चाहिए माननीय प्रधानमंत्री जी को.. जब से बने हैं.. हम लोगों का नाव का लाइसेंस तक रिन्यूबल नहीं हुआ है.. इसका कारण क्या है, हम लोग पूछते हैं अधिकारियों से, वो लोग अब तक नहीं बोले हैं.. बीच में हम लोग 9 दिन का आंदोलन भी किए.. आश्वासन दिया गया कि आपका नाव का लाइसेंस रिन्यूबल हो जाएगा.. तो अभी तक नहीं हुआ.. जो काशी के पट्टे होते हैं.. यहां घाट किनारे हम लोगों के नाम से होते हैं... वो भी अभी नहीं हुआ.. जैसे के तैसा है।''
हमने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ सकारात्मक हल की उम्मीद करते हैं? इस पर उन्होंने कहा, ''हम अपील करना चाहते हैं कि जो हमारी समस्या हैं उसको खत्म किया जाए, नाव का रिन्युअल किया जाए। भली-भांति हम लोग फले-फूलें.. हम आपको सपोर्ट करेंगे।''
प्रदीप से जब हमने कहा कि मेदी जी को फिर से मौका देंगे या नहीं? इस पर उन्होंने कहा, ''देखा जाएगा.. अगर वो लोग चुनाव से पहले आकर हमारा काम कर लेंगे तो एकबार और मौका दिया जाएगा.. नहीं तो हम लोग किसी का घर देखा जाएगा।''
बता दें कि वाराणसी में आखिरी चरण में 19 मई को लोकसभा के लिए मतदान होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यहां से उम्मीदवार हो सकते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह डेढ़ दर्जन से ज्यादा बार वाराणसी का दौरा कर चुके हैं।