ग्राउंड रिपोर्ट: बनारस के लोगों ने बताई 5 साल बाद 'मोदी मैजिक' की हकीकत, दिया पीएम का रिपोर्ट कार्ड
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 19, 2019 03:02 PM2019-03-19T15:02:33+5:302019-03-19T15:10:03+5:30
2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र को जापान के शहर क्योटो की तरह चमकाने की बात कही थी। अब चुनाव पास हैं। पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान हर लिहाज से वाराणसी के विकास के लिए क्या काम किया, यह जानने के लिए लोकमत न्यूज ने बनारस का जायजा लिया। लोगों ने खुलकर पीएम मोदी के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड बताया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की देखरेख में आखिर पांच वर्षों में काशी कितना क्योटो बना?
रोहित कुमार पोरवाल
काशी विश्वनाथ गली में पूजा सामग्री की दुकान चलाने वाले राजकुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में अतिश्योक्ति करते हुए अपनी बात कही। उन्होंने पीएम मोदी को विकास पुरुष के साथ-साथ कलयुग में भगवान विष्णु का अवतार बताया। व्यापारी के तौर पर उन्हें मोदी सरकार कैसी लगी, यह पूछने पर भी वह पीएम मोदी तारीफ ही करते रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि आने वाली उनकी पीढ़ियों के लिए भी मोदी बढ़िया हैं और भविष्य में मोदी जैसा नेता मिलना नामुमकिन है।
राजकुमार से बात करने के दौरान गली के ही एक निवासी कैलाथ नाथ ने हमें टोका और कहा कि एक सवाल है, ''मध्यवर्ग को बिजनेस के लिए बहुत दिक्कत हो रही है.. उनको भी देखा जाए.. जिस तरह किसानों की मदद कर रहे हैं, मध्यवर्ग के व्यापारियों को भी देखें.. कुछ व्यवस्था बनाएं.. मोदी जी को मौका मिलेगा लेकिन एक ये छोटा काम कर दें तो फिर वो अमिट हो जाएंगे..।'' राहुल गांधी के बारे में सवाल पूछने पर कैलाश जी ने उन्हें बच्चा करार दिया।
'हम काशी को काशी रहने दें ज्यादा बेहतर है'
बाबा विश्वनाथ कॉरीडोर से बेहद करीब कपड़ों की दुकान चलाने वाले आयुष गौर ने कहा, ''हमारा रोजगार छीना जा रहा है और सवाल तो ये है कि हम काशी को काशी रहने दें ज्यादा बेहतर है, हम काशी को क्योटो क्यों बनाना चाहते हैं? हम इस काशी को ऐसा बनाएं कि हमारी काशी दुनिया में जानी जाए.. न कि क्योटो.. काशी पांच हजार साल पुराना शहर है.. और क्योटो का मुश्किल से 1200 साल पुराना इतिहास है.. तो हम पांच हजार साल को भूलकर 1200 साल को अपना रहे हैं.. ये कहीं न कहीं खुद का अपना बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं..।''
कॉरीडोर के सवाल पर आयुष ने आगे कहा, ''काशी पहले से व्यवस्थित हैं.. आप वास्तु शास्त्र के हिसाब से देखेंगे तो शायद काशी से अच्छा शहर आपको कोई मिलेगा ही नहीं... आज यहां टूरिस्ट आते हैं तो यहां की गलियां देखने आते हैं... रोड और बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तो उनके यहां हमसे अच्छी हैं और हमसे बेहतर हैं.. तो उनको इसकी जरूरत नहीं है.. ये हमारी हेरीटेज है इसको सहेजने की जरूरत है.. ये अमूल्य है..।''
विदेशी कंपनी के क्रूज लाएंगे तो समुदाय के लोग क्या करेंगे?
निषादराज कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिहानी ने कहा, ''जो अपने में धरोहर है काशी वो अपने में लुप्त है.. विदेशी कंपनी के क्रूज लाएंगे आप तो समुदाय के लोग क्या करेंगे.. जब आप विकास करें.. समुदाय के लिए करें... जो स्थानीय हैं लोग उनके लिए विकास करें.. तो आजतक आप वैसा नहीं किए और बड़े कंपनियों को लाकर क्रूज लिबा दिए.. तो क्या यह विकास है? हम लोगों को हटाकर दूसरे लोगों को रखना चाहते हैं आप..।''
'ब्राह्मण अपने समझ गए कि हम ब्राह्मण हैं..'
बनारस की ही रहने वाली बुजुर्ग उर्मिला पांडे ने कहा, ''पहले सबसे बड़ा बदलाव आ गया कि थोड़ा सा ब्राह्मण अपने समझ गए कि हम ब्राह्मण हैं.. ब्राह्मण को तो एकदम निगलेक्ट कर दिया गया था.. मोदी ने बहुत अच्छा काम किया है। मोदी को हमारा आशीर्वाद है और जनता से भी यही कहेंगे कि मोदी को चुनें।''
सांभर बड़ा खा रहे एक स्थानीय शख्स ने कहा, ''मोदी जी ने बहुत बड़ा काम किया है.. यहां पर जितने भी अतिक्रमण थे सारे चीजों को हटाए हैं.. 300 मकानों को रजिस्ट्री कराके उन लोगों को हटवाए हैं.. काफी स्पेस मिला है.. यात्री जो भी आएंगे बाहर से उनके लिए बहुत सुविधा हो जाएगी.. काशी क्योटो भी बन जाएगा, थोड़ा समय दीजिए.. बिल्कुल बन जाएगा।'' साथ में दही बड़ा का लुत्फ ले रहीं श्रेया ने बताया कि प्रियंका गांधी को चांस नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में लोग अपने में भी कभी सुधार कर रहे हैं.. चाहे साफ-सफाई को लेकर हो या किसी और चीज को लेकर..।
स्थानीय निवासी चंद्रमणि झा ने बताया, यहां पॉलीथीन का प्रदूषण कम हुआ है, गंगा जी की सफाई हुई है, बनारस का टूरिज्म विकसित हुआ है, विपक्षी पार्टियों का एक एजेंडा होता है कि सत्ताधारी पार्टी को बदनाम करना.. काम, ईमानदारी और भ्रष्टाचार से मुक्ति के दम पर मोदी को यहां कांग्रेस की प्रियंका गांधी भी टक्कर नहीं दे पाएंगीं।
गोदौलिया चाराहे पर एक एटीएम के सुरक्षाकर्मी इंद्रप्रकाश शुक्ला ने मुस्कराते हुए कहा, ''मोदी जी हवा है.. आ रहे हैं एकदम.. राहुल-प्रियंका के वश में नहीं है देश चलाना..।''
ठंडई का मजा ले रहे संदेश कुमार पटेल ने कहा, बीजेपी का माहौल है.. बीजेपी का माहौल रहेगा भी..
'स्मार्ट सिटी की तरफ अब बहुत तेजी से अग्रसर'
दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों पर दोस्तों संग आराम फरमातीं वाराणसी की पूजा उपाध्याय ने कहा, ''मोदी जी के आने के बाद थोड़ी साफ-सफाइयां बढ़ गई हैं यहां पे.. व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई है.. सिटी अब डेबलप हो रही है.. स्मार्ट सिटी की तरफ अब बहुत तेजी से अग्रसर है..।'' काशी कितना क्योटो बना, इस सवाल पर पूजा जी ने कहा, क्योटो तो नहीं बना.. काशी, काशी है.. काशी की अपनी एक महिमा है..।'' बीच में सुप्रिया ने टोकटे हुए कहा कि काशी क्योटो तो नहीं बना बट बनेगा।
'पहले आचमन करने का मन नहीं करता था'
संजीव कुमार सिंह ने कहा, ''पांच साल में जमीन और आसमान का अंतर आ गया है, पहले तो जान लीजिए कि इतनी गंदगी हुआ करती थी जिसकी सीमा नहीं थी.. आचमन करने का मन नहीं करता था... आज मोदी जी के प्रयास से पानी कम से कम इस योग्य तो हो ही गया है कि आदमी आचमन कर ले और आने के बाद यहां पे घूमने की जो जिज्ञासा होती है... उसको शांति मिलती है..।'' काशी कितना क्योटो बना कि सवाल पर संजीव जी ने कहा, ''प्रयास है.. बना तो नहीं.. लेकिन बहुत अच्छा प्रयास है..।''
लखन यादव ने कहा कि मोदी कॉरीडोर बना रहे हैं.. बहुत अच्छा है.. बाबा का आशीर्वाद है लेकिन हमें जीने-खाने का कोई जरिया दे दें। मुआवजा मिल रहा है लेकिन हमें दुकान के बदले दुकान और मकान के बदले मकान मिले।
वरुणा नदी के पुल से गुजरते हुए कुछ लोग हमारा कैमरा देखकर पास आए और बात की। जगन्नाथ सिंह कुशवाहा ने कहा, ''पांच साल में बनारस में पूरा बदलाव हुआ है.. मोजी जब से आए हैं बहुत काम किए हैं.. उनकी कोई तुलना नहीं.. आततक सत्तर साल में कोई नहीं किया..।'' क्योटो के सवाल पर जगन्नाथ जी ने कहा, पूरा बनारस बन रहा है तो क्योटो अपने आप बन जाएगा, हां बनना बाकी है लेकिन बन जाएगा वो भी।'' हमारी नजर बरुणा नदी के पानी पर गई तो झाग के साथ कीचड़ दिखा। घाट टूटे-फूटे दिखे।
फल विक्रेता सतीश प्रसाद ने कहा, काशी क्योटो तो नहीं बना लेकिन विकास तो हुआ ही है.. रोड का विकास हुआ.. मंदिरों का विकास हुआ.. गंगा की सफाई हुई
मुख्य डाकघर के गेट के बाहर तो कीचड़ बलबलाता दिखा
बता दें कि शहर में घूमते वक्त लोकमत न्यूज के कैमरे में कुछ ऐसे तस्वीरें भी कैद हो गईं, जो पीएम मोदी समेत उनके समर्थकों की आंखों को चुभ सकती हैं। शहर के पॉश इलाकों, बनारस हिंदू विश्व विद्यालय और काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास की जगहों को छोड़ दें तो ज्यादातर जगहों पर साफ-सफाई पर्याप्त नहीं दिखाई दी, कहीं-कहीं कूढ़े का ढेर दिखाई दिया। शहर के मुख्य डाकघर के गेट के बाहर तो कीचड़ बलबलाता दिखाई दिया।
लोकमत न्यूज के कैमरे में शहर का जाम भी कैद हुआ और लोगों ने भी ट्रैफिक की समस्या की हकीकत कबूल की। दशाश्वमेध गंगा घाट पर एक शख्स ने टोककर दिलो-दिमाग को चुभने वाली तस्वीर भी दिखाई। घाट किनारे कुछ ही फुट की दूर पर नावों के पास के नदी में एक कुत्ते की लाश उतरा रही थी जो लगभग सड़ चुकी थी।
बता दें कि अब तक वाराणसी से सात बार कांग्रेस, 6 बार बीजेपी, 1 बार सीपीआईएम, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार जनता दल का सांसद रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा 5,81,022 मतो से विजयी हुए थे.. दूसरे नंबर पर आप के अरविंद केजरीवाल रहे थे। कांग्रेस ने अजय राय को प्रत्याशी बनाया था.. वह तीसरे नंबर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले 2009 में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी यहां से सांसद बने थे।