लोकसभा चुनाव 2019: कामयाब एंटी हीरो शत्रुघ्न सिन्हा पॉलिटिकल हीरो पीएम मोदी को वाराणसी में देंगे चुनौती?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: January 25, 2019 08:09 AM2019-01-25T08:09:09+5:302019-01-25T08:09:09+5:30
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से आयोजित विपक्षी दलों की सभा में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने खुलकर पीएम मोदी पर निशाना साधा था. यही नहीं, उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की जमकर तारीफ भी की थी, और इसीलिए एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि- क्या शत्रुघ्न सिन्हा, अगले लोकसभा चुनाव में बतौर संयुक्त विपक्ष उम्मीदवार, पीएम मोदी को वाराणसी से चुनौती देंगे?
क्या बॉलीवुड के कामयाब एंटी हीरो शत्रुघ्न सिन्हा, 2014 के सफल पॉलिटिकल हीरो पीएम मोदी को लोस चुनाव में वाराणसी में चुनौती देंगे? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है कि ग्लैमर वल्र्ड के जमाने में बतौर एंटी हीरो शत्रुघ्न सिन्हा की परफोर्मेंस शानदार रही थी और वे अक्सर फिल्म के हीरो पर भारी पड़े थे, तो क्या पॉलिटिकल वल्र्ड में भी शत्रुघ्न सिन्हा वैसा ही असर दिखा पाएंगे?
सारा विपक्ष पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी में किसी ऐसे चेहरे की तलाश में है जो उनकी जीत पर प्रश्नचिन्ह लगा दे. पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोदी को चुनौती दी थी, परन्तु कामयाबी नहीं मिली. न तो कोई बड़ा राजनेता अब इसके लिए तैयार है और न ही सारे विपक्षी दलों की ऐसे किसी नेता पर सहमति बन सकती है, शायद इसीलिए अरविंद केजरीवाल इस बार पीछे हट गए हैं.
लेकिन, शत्रुघ्न सिन्हा को जहां विपक्ष का अच्छाखासा समर्थन प्राप्त है, वहीं भाजपा में भी उनके ऐसे समर्थकों की कमी नहीं है जो मोदी विरोधी हैं और ऐसे मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा का प्रत्यक्ष/परोक्ष साथ दे सकते हैं.
कुछ समय पहले शत्रुघ्न सिन्हा सपा द्वारा आयोजित जयप्रकाश नारायण जयंती कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ पहुंचे थे और इस दौरान भी उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. तब से ही उनके वाराणसी से चुनाव लड़ने की चर्चाएं शुरू हो गई थी.
ताजा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से आयोजित विपक्षी दलों की सभा में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने खुलकर पीएम मोदी पर निशाना साधा था. यही नहीं, उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की जमकर तारीफ भी की थी, और इसीलिए एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि- क्या शत्रुघ्न सिन्हा, अगले लोकसभा चुनाव में बतौर संयुक्त विपक्ष उम्मीदवार, पीएम मोदी को वाराणसी से चुनौती देंगे?
शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी का करीबी माना जाता है और संभवतया इसी कारण से वे पीएम मोदी टीम का हिस्सा नहीं बन पाए. यही नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थक इस बार भी केन्द्र में उन्हें महत्वपूर्ण पद दिए जाने को लेकर आश्वस्त थे, किन्तु मोदी-शाह की राजनीति अटल-आडवाणी जैसी नहीं है, लिहाजा वे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं पा सके.
इस संबंध में शत्रुघ्न सिन्हा का कहना था कि- मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन किसी टेलीविजन एक्ट्रेस को सीधे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दे देना कहां तक उचित है? लेकिन, शत्रुघ्न सिन्हा इसके साथ ही यह बताना भी नहीं भूलते हैं कि- उन्होंने कभी पार्टी के खिलाफ नहीं बोला, अब भी पार्टी के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं, बल्कि पार्टी को आइना दिखा रहे हैं, कहते हैं- मैं सच बोलता रहा हूं और बोलता रहूंगा.
दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा उनको पार्टी से बाहर कर दे और भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व उन्हें सियासी शहीद होने का यह अवसर नहीं देना चाहता है. देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक रस्साकशी में कौन कामयाब होता है?