लालू प्रसाद यादव को SC से जमानत नहीं मिलने से पार्टी व परिवार में छाई मायूसी, बडा सवाल- चुनाव प्रचार कैसे संभलेगा!
By एस पी सिन्हा | Published: April 10, 2019 10:46 PM2019-04-10T22:46:54+5:302019-04-10T22:46:54+5:30
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए लालू प्रसाद यादव ने प्रचार किया था, हालांकि, उस वक्त भी वह जेल से जमानत पर बाहर आए थे.
चारा घोटाला मामले में जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत नही मिलने से लालू के परिवार और पार्टी में मायूसी छा गई है क्योंकि ऐन चुनाव के वक्त लालू यादव जेल में हैं. वैसे लालू प्रसाद यादव के लिए यह सबसे बडा झटका है क्योंकि 1977 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि वह किसी भी चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होंगे.
यहां बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए लालू प्रसाद यादव ने प्रचार किया था, हालांकि, उस वक्त भी वह जेल से जमानत पर बाहर आए थे. दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट से जमानत मांगी थी. मगर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करके लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का विरोध किया था.
सीबीआई ने कहा था कि लालू यादव लोकसभा चुनाव के लिए जमानत मांग रहे हैं. बताया जाता है कि 1977 के बाद जब लालू प्रसाद यादव पहली बार चुनाव लडे थे और सारण से सांसद के रूप में चुने गए थे. चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. चारा घोटाला में फंसे होने की वजह से उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया था. जिसकी वजह से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे, मगर वह 2014 के चुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार में शामिल हुए थे. इमरजेंसी के बाद जब आम चुनाव हुए तो लालू यादव पहली बार चुनावी मैदान में थे और वो सारण के सांसद चुने गए थे. उसके बाद राज्य की राजनीति में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव को नौ सौ करोड रूपए से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. ये मामले 1990 के दशक में, जब झारखण्ड बिहार का हिस्सा था, धोखे से पशुपालन विभाग के खजाने से धन निकालने से संबंधित हैं. लालू प्रसाद यदव ने उच्च न्यायालय में जमानत के लिये अपनी उम्र और गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुये कहा था कि वह मधुमेह, रक्तचाप और कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में पहले ही जमानत मिल गई थी.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झारखण्ड में स्थित देवघर, दुमका और चाईबासा के दो कोषागार से छल से धन निकालने के अपराध में दोषी ठहराया गया है. इस समय उन पर डोरंडा कोषागार से धन निकाले जाने से संबंधित मामले में मुकदमा चल रहा है.