लोकसभा चुनाव 2019: संघ ने सभाली कमान, दिग्गजों को घेरने पर है ध्यान
By राजेंद्र पाराशर | Published: April 2, 2019 06:33 AM2019-04-02T06:33:29+5:302019-04-02T06:33:29+5:30
संघ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव के मैदान में और खुद कमलनाथ को विधानसभा उप चुनाव के मैदान में घेरने के लिए व्यापक रणनीति बना रहा है.
मध्यप्रदेश में भले ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अपने पूरे प्रत्याशी घोषित न किए हो, लेकिन चुनावी मैदान सजने लगा है. भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मैदानी मोर्चा संभाल लिया है. संघ का जोर भारी मतदान के साथ-साथ कांग्रेसी दिग्गजों को घेरने पर है.
संघ के रणनीतिकारों का मानना है कि बढ़ा हुआ वोट भाजपा के पक्ष में जाएगा. वहीं कांग्रेसी दिग्गज अपने-अपने क्षेत्रों में घिर गए तो दूसरे क्षेत्रों में प्रचार के लिए आसानी से नहीं निकल पाएंगे. इसका लाभ भी भाजपा को मिलेगा.
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के तहत 29 संसदीय क्षेत्रों के लिए चार चरणों में मतदान होना है. 2014 के चुनाव में भाजपा ने 27 और कांग्रेस ने 29 लोकसभा क्षेत्र पर जीत दर्ज कराई थी. भारतीय जनता पार्टी इसी प्रदर्शन को दोहराना चाह रही है. वहीं कांग्रेस का लक्ष्य कम से कम 22-23 सीटों पर की जीत दर्ज कराने का है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ सार्वाजनिक तौर पर यह लक्ष्य दौहरा भी रहे हैं. राज्य में कांग्रेस की सरकार होने का लाभ निश्चित तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जाएगा इस लिए भाजपा अभी से सतर्क और सजग हो गई है. भाजपा भले ही पुराने प्रदर्शन दौहराने की बात कर रही हो पर उसके भीतर तक माना जा रहा है कि कांग्रेस 2014 की तुलना में ज्यादा सीटें हासिल कर सकती है. इसलिए भाजपा संघ के समन्वय से रणनीति बना रहा है.
इसी तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े आनुषंगिक संगठनों के लोग अभी से मैदान में सक्रिय हो गए हैं. उनका लक्ष्य है कि हरहाल में पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा मतदान कराया जाए. संघ इसके लिए लगातार संवाद कर रहा है.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव के मैदान में और खुद कमलनाथ को विधानसभा उप चुनाव के मैदान में घेरने के लिए व्यापक रणनीति बना रहा है.
संघ और भाजपा से जुड़े सूत्रों का मानना है कि संघ इस तरह की रणनीति को आकार देना चाह रहा है, जिससे कि कांग्रेसी दिग्गज नेता अपने-अपने इलाकों में फंस कर रह जाए. संघ को लगता है कि इस फायदा भाजपा को अन्य क्षेत्रों में मिल सकेगा.