सीवान: अखबार में एड देखकर किया था विधायक के आठवीं पास बेटे से शादी के लिए अप्लाई, अब मिल गया लोकसभा का टिकट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 23, 2019 03:27 PM2019-03-23T15:27:16+5:302019-04-17T14:47:09+5:30

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने विधायक कविता सिंह को सीवान से चुनावी मैदान नें उतारा है। कविता सिंह की राजनीति में एंट्री की कहानी काफी दिलचस्प है।

Lok Sabha Election 2019: RJD gives ticket to Kavita Singh from Siwan, read an interesting story behind marrying Ex MLA Jagmato son Ajay | सीवान: अखबार में एड देखकर किया था विधायक के आठवीं पास बेटे से शादी के लिए अप्लाई, अब मिल गया लोकसभा का टिकट

बिहार के सीवान से जेडीयू ने दरौंदा विधायक कविका सिंह पर दांव खेला है।

Highlightsआपराधिक मामलों के कारण अजय सिंह ने पत्नी को चुनाव लड़ाने का किया था फैसलाशादी के लिए दिया था इश्तेहार और रखी थी होने वाली पत्नी को लेकर कई शर्तें

Lok Sabha Election 2019: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बिहार के सीवान से दरौंदा विधायक कविता सिंह को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। कविता सिंह दरौंदा की पूर्व दिवंगत विधायक जगमातो सिंह की बहू हैं। कविता के पति अजय सिंह बाहुबली माने जाते हैं और राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी अध्यक्ष हैं। अजय सिंह का नाम हत्या, लूट और अपहरण समेत लगभग 30 मामलों में आ चुका है। अजय सिंह के साथ कविता की शादी के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। 

सितंबर 2011 में प्रकाशित द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक मां जगमातों सिंह के निधन के बाद खाली हुई दरौंदा विधानसभा सीट अजय सिंह हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे इसलिए हिंदू रीति की परवाह किए बिना उन्होंने पितृपक्ष में अपनी शादी रचाई ताकी पत्नी को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक अजय सिंह खुद चुनाव में इसलिए नहीं लड़ना चाहते थे क्योंकि उनके खिलाफ हत्या, लूट अपहरण के दो दर्जन से ज्यादा मामले चल रहे थे। 

अजय सिंह ने शादी के लिए एक इश्तेहार निकाला था जिसमें उनकी होने वाली पत्नी के लिए कुछ खूबियों का होना अनिवार्य बताया गया था। 16 लड़कियों ने विज्ञापन देख अजय से शादी के लिए रजामंदी जताई थी। उन सभी लड़कियों का छपरा के एक पॉश होटल में इंटरव्यू हुआ था। विज्ञापन में कहा गया था कि दुल्हन का नाम वोटर लिस्ट में होना चाहिए और उसके पास वोटर कार्ड जरूर होना चाहिए। विज्ञापन में कहा गया था कि लड़की की उम्र कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिए और राजनीतिक पृष्ठभूमि की लड़की को तरजीह दी जाएगी। 

टेलिग्राफ की खबर के मुताबिक अजय सिंह के दोस्त देवेंद्र ने बताया था कि दो भावी दुल्हनों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था, जिनमें से ग्रााम प्रधान मां की बेटी कविता का चयन कर लिया गया था। उस वक्त कविता जेपी विश्वविद्यालय में परास्नातक की छात्रा थीं, जबकि अजय सिंह सिर्फ आठवीं पास। जिस वक्त उनकी अजय सिंह से शादी हुई, वह 25 वर्ष की थीं। उनकी शादी सीवान पुलिस थाने के अंतर्गत महेंद्र नाथ मंदिर में संपन्न हुई थी। 

शादी के बाद कविता ने कहा था, ''अगर मुझे अवसर मिलता है तो मैं अपनी सास जगमातो देवी का सपना पूरा करने की कोशिश करूंगी।''

अजय और कविता की शादी गुप्त तरीके से हुई थी जिसमें सिर्फ चुनिंदा मेहमान ही बुलाए गए थे। सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के कट्टर प्रतिद्वंदी अजय को शादी के वक्त पटना हाई कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली थी। 

अजय ने कहा था कि अचानक शादी के लिए उनके निर्णय के पीछ उनके मेंटर की सलाह है। उन्होंने कहा था, ''बिहार के राजा बोले कि शादी कर लो तो टिकट दे देंगे। उन्होंने कहा था कि सबकुछ राजा के निर्देश पर हुआ है। 

अजय सिंह की मां जगमातो देवी ने 2005 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। तब वह रघुनाथपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीती थीं। उन्होंने अपराधी अयूब खान के पिता कमरुद्दीन को हराया था। 

2010 में जगमातो देवी ने दरौंदा से चुनाव लड़ा। अजय के पिता मलेश्वर सिंह की जान राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में चली गई थी। 

2004 में शहाबुद्दीन के शार्प शूटर रियाजुद्दीन की हत्या और सीवान में उसके साथी की हत्या के बाद अजय सिंह कुख्यात हो गए थे। रियाजुद्दीन की हत्या तब की गई थी जब वह नंदमोरा गांव में अजय पर हमला करने आया था। इससे पहले उसने आरजेडी कार्यकर्ता बबलू यादव की हत्या कर दी थी। 

बीते दिनों सीवान में अजय सिंह खासे सक्रिय रहे। माना जा रहा था कि अगर सीवान सीट जेडीयू के खाते में गई तो अजय सिंह इसके उम्मीदवार होंगे लेकिन सीट परिवार में गई।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के इतिहास में अब तक सीवान में 6 बार कांग्रेस, तीन बार राष्ट्रीय जनता दल, दो बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार जनता दल, 1 बार भारतीय लोकदल और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार जीता है। वर्तमान में बीजेपी के ओम प्रकाश यादव यहां से सांसद हैं और इससे पहले 2009 से 2014 तक वह निर्दलीय सांसद रहे थे।

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