कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक तेज, राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े, बैठक का दौर जारी
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 27, 2019 07:05 PM2019-05-27T19:05:26+5:302019-05-27T19:05:26+5:30
सूत्रों के मुताबिक पटेल और वेणुगोपाल तुगलक लेन स्थित गांधी के आवास पहुंचकर उनसे मिले। यह मुलाकात उस वक्त हुई है, जब मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें हैं कि राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में मीडिया में आ रही खबरें मनगढ़ंत हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा देने पर अड़े रहने और कई प्रदेश अध्यक्षों के इस्तीफे की पेशकश करने की वजह से सोमवार को पार्टी में अंदरूनी उठापटक तेज हो गई।
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल ने गांधी से मुलाकात की। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के मद्देनजर पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़, झारखंड इकाई के अजय कुमार और असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने इस्तीफे की पेशकश की है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं और कहा जा रहा है कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह अवगत करा दिया है कि अब नया अध्यक्ष चुनने का समय आ गया है। उधर, चुनावी हार का असर कर्नाटक में भी दिख रहा है जहां कांग्रेस जद(एस) के साथ मिलकर गठबंधन सरकार चला रही है।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस के खराब चुनावी प्रदर्शन से पार्टी के कई विधायक नाखुश हैं। दो विधायकों के भाजपा नेताओं से मुलाकात की भी खबर है। राजस्थान में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद राज्य सरकार के कई मंत्रियों एवं विधायकों ने जवाबदेही तय करने और कार्रवाई की मांग की है।
राहुल गांधी के इस्तीफे पर अड़े होने की खबरों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता पटेल एवं वेणुगोपाल ने उनसे मुलाकात की। इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर मीडिया एवं अन्य लोगों का आह्वान किया कि वे सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुचिता बनाएं रखें और अफवाहों से बचें।
उधर, गांधी से मुलाकात के बाद वेणुगोपाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिले। गौरतलब है कि 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने उनकी पेशकश को खारिज किया और उन्हें संगठन में सभी स्तर पर आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया।
सूत्रों के मुताबिक पटेल और वेणुगोपाल तुगलक लेन स्थित गांधी के आवास पहुंचकर उनसे मिले। यह मुलाकात उस वक्त हुई है, जब मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें हैं कि राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में मीडिया में आ रही खबरें मनगढ़ंत हैं।
इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर मीडिया एवं अन्य लोगों का आह्वान किया कि वे सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुचिता बनाएं रखें और अफवाहों से बचें। गौरतलब है कि 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने उनकी पेशकश को खारिज किया और उन्हें संगठन में सभी स्तर पर आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया।
लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस के सफाए को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में नाराजगी जताए जाने की पृष्ठभूमि में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक वेणुगोपाल के आवास पर हुई इस मुलाकात के मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी मौजूद थे। गहलोत 25 मई को सीडब्ल्यूसी की बैठक में भाग लेने के बाद जयपुर वापस लौट गए थे, लेकिन रविवार रात फिर दिल्ली लौट आए।
वैसे, गहलोत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उनके दिल्ली आने का मुख्य मकसद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहलाल नेहरू की पुण्यतिथि के मौके पर नेहरू की समाधि पर जाना था और दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से उनकी मुलाकात शिष्टाचार भर है।
दूसरी तरफ, गहलोत की वेणुगोपाल से मुलाकात इस मायने में अहम है कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाए को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी। सूत्रों और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, बैठक में राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में मौजूद रहे दो नेताओं ने इसकी पुष्टि भी की। इसी बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया।
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन ‘नासमझी और कृतघ्नता’ होगी : सलमान खुर्शीद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने सोमवार को कहा कि नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस के लिए सबसे अधिक वोट जुटाने वाला है और इस मुश्किल दौर में संगठन में नेतृत्व परिवर्तन ‘नासमझी और कृतघ्नता’ होगी।
पूर्व विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि हाल के लोकसभा चुनाव में किये गए खराब प्रदर्शन से उबरने में पार्टी को लंबा वक्त लगेगा और उसमें दस साल भी लग सकते हैं। खुर्शीद ने कहा कि यह एक तथ्य है कि नेहरू-गांधी परिवार पार्टी के लिए एक जोड़ने वाली ताकत है- जब वह सामने से अगुवाई कर रही थी और तब भी जब पार्टी कमान उसके हाथ में नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे तमाम खामियां उजागर करने के बाद भी (नरेंद्र) मोदी को जिस तरह का समर्थन मिला है यह एक तथ्य है, उसी तरह यह भी एक तथ्य है कि वह (नेहरू-गांधी परिवार) हमें एकजुट रखता है और यह भी कि वह सबसे अधिक वोट दिलाने वाला परिवार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अब, भले ही वह यह चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं दिलवा पाए हों, लेकिन वह पार्टी के लिए सबसे अधिक वोट दिलाने वाला परिवार है। ’’ खुर्शीद का बयान इन खबरों के बीच आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अपनी पेशकश पर अडिग हैं और वह यह भी नहीं चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई अन्य सदस्य उनका उत्तराधिकारी बने। एक प्रकार से वह पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपनी जगह बहन प्रियंका वाड्रा को भी नहीं चाहते हैं।
खुर्शीद इस बात से सहमत दिखे कि पार्टी को प्रियंका गांधी से काफी उम्मीदें थीं जो चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में उतरीं तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव के तौर पर उन्होंने सघन प्रचार किया। उन्होंने कहा, ‘‘ कोई नहीं कह रहा है कि वह योगदान नहीं कर सकती हैं या फिर उन्होंने योगदान नहीं किया है.... ऐसी बातें कोई नहीं कह रहा है।
अपेक्षाएं तो बनी हुई हैं। यह कि एक के बाद एक कर करारी हार के बाद भी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के पार्टी का समर्थन बना हुआ है और यह कोई छोटी बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि जिस तरह मोदी में भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए कुछ खास बात है, उसी तरह नेहरू गांधी परिवार में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए विशेष बात है। उन्होंने कहा कि उनके समेत सभी पार्टी कार्यकर्ता नेहरू गांधी परिवार के साथ खड़े हैं।
पार्टी में बदलाव के लिये कांग्रेस नेता ने राहुल को पूरी छूट दिये जाने की मांग की
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम शशिधर रेड्डी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस केन्द्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पदाधिकारियों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी में पूरी तरह से फेरबदल करने के लिये खुली छूट देने के लिये अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
MS Reddy,Cong: Congress Pres resignation was rejected by CWC. I welcome it.CWC resolution also said thorough re-structuring of the party at all levels. I think in order to set this in motion,I'll call upon all CWC members & AICC office bearers specially state in-charges to resign pic.twitter.com/sRWhzGOzKT
— ANI (@ANI) May 27, 2019
उन्होंने बताया, “सीडब्ल्यूसी ने खुद एक प्रस्ताव पारित कर आत्ममंथन का आह्वान किया और कहा कि पार्टी का हर स्तर पर पुनर्गठन होना चाहिए और चुस्त दुरुस्त बनाया जाना चाहिए। ऐसी कवायद की शुरुआत शीर्ष से होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आप जमीनी स्तर से यह शुरू नहीं कर सकते। एक बार जब आप शीर्ष से शुरुआत करते हैं तो यह लोगों को भरोसा देती है कि हां, कांग्रेस पार्टी स्थिति का जायजा ले रही है और कार्यसमिति के प्रस्ताव को अमल में लाया जा रहा है।” पूर्व विधायक रेड्डी ने कहा कि अन्यथा यह एक सामान्य कवायद ही नजर आएगी। रेड्डी ने राहुल गांधी के इस्तीफे के प्रस्ताव को खारिज करने के सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव का “खुले दिल से” स्वागत किया।